जोधपुर. देशभर सहित राजस्थान में करीब 4 महीनों तक पूरी तरह से लॉकडाउन था और इस दौरान ज्यादातर लोगों ने अपना समय अपने घर में अपने परिवार के साथ बिताया. आपको लगता होगा कि भागदौड़ भरे इस जीवन में जब लोग करीब आए होंगे तो उनके रिश्ते पहले से भी ज्यादा मधुर और मजबूत हो गए होंगे, लेकिन ज्यादातर मामलों में इसका ठीक उल्टा हुआ है. अक्सर ऐसा कहा जाता है कि पति-पत्नी एक साथ ज्यादा समय बिताते हैं तो रिश्तों में मिठास बढ़ती है, लेकिन अगर पुलिस विभाग के आंकड़ों को देखें तो, इस कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान घरेलू झगड़ों में बढ़ोतरी हुई है.
अपनों के बीच बढ़ी दूरियां...
कोरोना के चलते प्रदेश में 3 महीने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था. लॉकडाउन खुलने के साथ ही पुलिस थानों में दर्ज होने वाले मुकदमों की भरमार देखने को मिली. अलग-अलग थानों में अलग-अलग मामलों के मुकदमे दर्ज होना शुरू हो चुके हैं. इससे साफ है कि लॉकडाउन के दौरान रिश्तों के बीच नजदीकियां आने के बजाए दूरियां बढ़ी हैं.
आर्थिक तंगी सबसे बड़ा कारण...
महिला थाने की बात करें तो जोधपुर के महिला थाना पश्चिम में लॉकडाउन के बाद अनलॉक में महिला अपराध को लेकर लगभग 80 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, साथ ही 300 से अधिक परिवाद भी आए. जिनमें कई परिवादों में पुलिस ने सलाह केंद्र की मदद से वापस घर बसाने में भी कई परिवारों की मदद की. वहीं, ज्यादातर मामले लॉकडाउन के दौरान आई आर्थिक तंगी के कारण दर्ज हुए हैं.
पति और पत्नी के बीच बढ़ा मनमुटाव...
महिलाओं द्वारा दर्ज करवाए गए मुकदमों में बताया गया है कि लॉकडाउन में उनके पति का रोजगार छिन गया, साथ ही घर परिवार में खाने-पीने के भी लाले पड़ गए. ऐसे समय में पति और पत्नी के बीच झगड़े होना शुरू हुए और फिर मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया. महिला थाना पश्चिम थानाधिकारी किरण गोदारा ने बताया कि कई मामलों में पति-पत्नी में सुलह करवाकर उनके घरों को टूटने से भी बचाने की कोशिश की गई.
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महिला पुलिस थाना पश्चिम थाना अधिकारी किरण गोदारा ने बताया कि लॉकडाउन के बाद दर्ज हुए मामलों में ज्यादातर मामले आर्थिक तंगी, बेरोजगारी के कारण दर्ज हुए हैं. लॉकडाउन के कारण कई लोगों का रोजगार छिन गया और उसके पश्चात परिवार और बच्चों की जरूरतें पूरी नहीं हुईं और मामले थाने तक पहुंचे. थाना अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से अब तक लगभग 80 मुकदमे दर्ज हुए हैं और 300 से अधिक परिवाद भी थाने में आए हैं.
इन मामलों में हुई वृद्धि...
अगस्त महीने की बात करें तो 1 अगस्त से 31 अगस्त के बीच महिला पुलिस थाना पश्चिम मे महिला उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न, मारपीट, झगड़े इत्यादि के अलग-अलग 31 मामले दर्ज हो चुके हैं. महिला थाना अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद रोजगार नहीं होने से घर परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पाईं और यह भी एक मुख्य कारण रहा है, जिसके चलते थाने में पहले से ज्यादा मामले दर्ज हुए.
टिक-टॉक ने तुड़वाए घर...
महिला पुलिस थाना पश्चिम थाना अधिकारी किरण गोदारा ने बताया कि मोबाइल का उपयोग भी घर टूटने का एक मुख्य कारण बना है. महिला या पुरुष दोनों ज्यादा समय मोबाइल में बिताते हैं और एक दूसरे को समय नहीं दे पाते. यह भी एक कारण सामने आया.
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थाना अधिकारी ने बताया कि चाइनीज एप्लीकेशन टिक-टॉक जिसे अब भारत सरकार ने बैन कर दिया है. इस टिक-टॉक की वजह से 10 से 12 परिवारों में कलह पैदा हुई है. थाना अधिकारी ने बताया कि कुछ मामले ऐसे भी सामने आए जिसमें पति ने अपनी पत्नी पर ज्यादा समय टिक-टॉक एप्लीकेशन के साथ बिताने की बात कही और फिर दोनों के बीच झगड़े हुए और मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया.
परिवार वालों को रास नहीं आया टिक-टॉक...
जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के साथ समझाइश की. साथ ही कुछ ऐसे भी मामले महिला पुलिस थाने में आए, जहां महिला पारंपरिक रीति-रिवाजों से हटकर ज्यादा समय मोबाइल और टिक-टॉक पर बिताती थीं और यह सब परिवार के अन्य लोगों को पसंद नहीं आया. जिसके बाद पति और पत्नी के बीच झगड़े हुए और मामला थाने तक पहुंच गया. ऐसे मामले में महिला थाना अधिकारी ने टिक-टॉक एप्लीकेशन को मोबाइल से हटवा कर फिर से घर बसाने का प्रयास किया.