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जोधपुर में डॉक्टर की लापरवाही ने ली मरीज की जान

जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. जहां एक मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीज को 5 घंटे तक इलाज नहीं मिला. जिससे उसकी मौत हो गई.

डॉक्टर की लापरवाही ने ली मरीज की जान
डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की गई जान
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Published : Sep 14, 2020, 7:50 PM IST

जोधपुर. शहर में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लेने आए चिकित्सा शिक्षा सचिव के दौरे के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए की मथुरादास माथुर अस्पताल में डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगने शुरु हो गए.

डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की गई जान

जहां सोमवार दोपहर एमडीएम अस्पताल के मेडिकल सी वार्ड में भर्ती किए गए जालोरी गेट निवासी मुरलीधर भाटी के परिजनों का आरोप है कि 5 घंटे तक उसे उपचार नहीं मिला. जिसके चलते उसकी मौत हो गई. मुरलीधर के भाई अचल किशोर भाटी ने बताया कि वह अपने भाई को लेकर सुबह 9 बजे यहां पहुंच गया था. 2 घंटे तक बैठे रहे. वहीं शोर मचाया तो उपचार शुरू हुआ, लेकिन उसके बाद किसी ने आकर नहीं देखा.

उपचार के नाम पर सिर्फ एक ग्लूकोज चढ़ाया गया, जबकि उसके लिवर में इन्फेक्शन था. दोपहर में तबियत बिगड़ी तो वार्ड में मौजूद डॉक्टर भारत से कहा कि उसे देख ले तो जवाब मिला कि पीएम मोदी को बोल दो, मैं नहीं डरता किसी से. उसके बाद परिजनों की बात अधीक्षक कार्यालय तक पहुंची तो उप अधीक्षक को परिजनों के पास भेजा. जिन्होंने उनकी पूरी बात सुनी और उन्हें समझाया कि मृतक का शव बिना कोरोना जांच नहीं मिल सकता है. क्योंकि यह सरकार की गाइडलाइन है.

पढे़ंः SPECIAL: कोरोना काल में भी खनक रहीं पाली की चूड़ियां, लोगों को मिल रहा रोजगार

अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी ने बताया कि मरीज के फेफड़ों में इन्फेक्शन था. फिर भी फैक्चुअल रिपोर्ट मंगाई गई है और किसी डॉक्टर ने गलती की है, तो उसकी जांच करवाई जाएगी, कार्रवाई भी होगी.

जोधपुर. शहर में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लेने आए चिकित्सा शिक्षा सचिव के दौरे के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए की मथुरादास माथुर अस्पताल में डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगने शुरु हो गए.

डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की गई जान

जहां सोमवार दोपहर एमडीएम अस्पताल के मेडिकल सी वार्ड में भर्ती किए गए जालोरी गेट निवासी मुरलीधर भाटी के परिजनों का आरोप है कि 5 घंटे तक उसे उपचार नहीं मिला. जिसके चलते उसकी मौत हो गई. मुरलीधर के भाई अचल किशोर भाटी ने बताया कि वह अपने भाई को लेकर सुबह 9 बजे यहां पहुंच गया था. 2 घंटे तक बैठे रहे. वहीं शोर मचाया तो उपचार शुरू हुआ, लेकिन उसके बाद किसी ने आकर नहीं देखा.

उपचार के नाम पर सिर्फ एक ग्लूकोज चढ़ाया गया, जबकि उसके लिवर में इन्फेक्शन था. दोपहर में तबियत बिगड़ी तो वार्ड में मौजूद डॉक्टर भारत से कहा कि उसे देख ले तो जवाब मिला कि पीएम मोदी को बोल दो, मैं नहीं डरता किसी से. उसके बाद परिजनों की बात अधीक्षक कार्यालय तक पहुंची तो उप अधीक्षक को परिजनों के पास भेजा. जिन्होंने उनकी पूरी बात सुनी और उन्हें समझाया कि मृतक का शव बिना कोरोना जांच नहीं मिल सकता है. क्योंकि यह सरकार की गाइडलाइन है.

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अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी ने बताया कि मरीज के फेफड़ों में इन्फेक्शन था. फिर भी फैक्चुअल रिपोर्ट मंगाई गई है और किसी डॉक्टर ने गलती की है, तो उसकी जांच करवाई जाएगी, कार्रवाई भी होगी.

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