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स्पेशलः पटरी पर लौटा जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट उद्योग, डेढ़ साल बाद अमेरिका और यूरोप से मिला ऑर्डर

अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में कोरोना से स्थिति समान्य होने के बाद से वहां के बाजार खुलने लगे हैं, जिसकी वजह से जोधपुर हैंडीक्राफ्ट की मांग बढ़ने लगी है. हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष निर्मल भंडारी का कहना है कि यूरोप और अमेरिका में बाजार खुलने के बाद से ऑर्डर मिलने लगे हैं, लेकिन भारत में कुछ स्थानीय परेशानिया हैं, जिनमें लॉक डाउन खुलने के बाद से ही सुधार हो पाएगा.

जोधपुर हैंडीक्राफ्ट, Demand for Jodhpur Handicrafts abroad
जोधपुर हैंडीक्राफ्ट
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Published : May 31, 2021, 8:39 PM IST

Updated : May 31, 2021, 11:17 PM IST

जोधपुर. प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट उद्योग में फिर से बढ़ाेतरी की संभावनाएं बनने लगी हैं. जर्मनी, फ्रांस सहित यूरोपीय देशों में लंबे समय से लगे लॉकडाउन में छूट मिलने से जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट की मांग बढ़ने लगी है. हालांकि, अभी यूरोप के कई देशों में आए दिन परिस्थितयां बदल रही हैं, लेकिन अमेरिका में लगभग स्थिति सामान्य हो गई है. ऐसे में इन देशों से जोधपुर के एक्सपोर्टर्स को ऑर्डर मिलने लगे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर की परेशानियां अभी भी हावी हैं. भारत में चल रहे लॉकडाउन के चलते हजारों कारीगर पलायन कर गए हैं, जिसकी वजह से मौजूद कारीगरों पर काम का दबाव बढ़ गया है.

पटरी पर लौटा जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट उद्योग

'विदेशों से मिल रहे ऑर्डर'

EPCH के अनुसार, जोधपुर के कुल 2500 करोड़ के एक्सपोर्ट में से करीब 800 करोड़ यूरोपियन देशों में होता है, जबकि करीब 1200 करोड़ का कारोबार अमेरिका में होता है. ऐसे में वहां स्थितियां सामान्य होने की वजह से एक्सपोर्ट के रास्ते खुलने लगे हैं. हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष निर्मल भंडारी का कहना है कि यूरोप में बाजार खुलने के बाद ऑर्डर मिलने लगे हैं, लेकिन वहां अभी कई परेशानियां हैं. पिछले दिनों आए भूकंप और कोरोना के मामले बढ़ने से परेशानी हुई है. तूफान के चलते हमारे कई कंटेनर भी अटके हुए हैं, लेकिन अमेरिका में मार्केट खुलने से हमें अच्छे आर्डर मिल रहे हैं, उम्मीद है कि जोधपुर के एक्सपोर्टर्स अपना लक्ष्य पूरा कर लेंगे.

यह भी पढ़ेंः कोरोना की दूसरी लहर में कैसे जी रहा किन्नर समाज...बता रहीं पुष्पा माई

'ऑर्डर मिल रहे, लेकिन स्थानीय स्तर पर परेशानियां बहुत'

एक्सपोर्टर्स बृजेश का कहना है कि ऑर्डर मिल रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर बहुत परेशानियां हैं. अभी लेबर का मूवमेंट पूरा नहीं हो रहा है, इसके अलावा कच्चा माल उपलब्ध नहीं हो रहा है, स्थानीय लॉक डाउन खुलने पर ही काम में तेजी आएगी. यूरोप, अमेरिका के देशों में हैंडीक्राफ्ट की बहुतायत मांग रहती है. कोरोना के चलते इन दोनों क्षेत्रों में भवन निर्माण में आई तेजी का फायदा तो मिलेगा ही इसके अलावा ईयर एंड में होने वाले सेलिब्रेशन, खासकर क्रिसमस को लेकर भी ऑर्डर हमेशा की तरह मिलना शुरू हो गए हैं.

अपने खर्च से वैक्सीनेशन का प्रस्ताव

हैंडीक्राफ्ट व्यापारियों ने सरकार के सामने पेशकश की है कि वो अपने यहां कार्य करने वाले सभी स्टाफ का वैक्सीनेशन का खर्च उठाना चाहते है. दरअसल, इस उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जोधपुर और आस पास के करीब 3 लाख मजदूर जुड़े हुए हैं. यह एक बहुत बड़ी संख्या है और अगर सरकार इसके लिए अनुमति देती है तो सरकार के ऊपर भार कम होगा.

यह भी पढ़ेंः Special : गुलाबी नगरी में गोविंद की रसोई...हर दिन ढाई हजार जरूरतमंदों तक पहुंचा रही फूड पैकेट

कोरोना में राहत: बिना बॉण्ड भरे कर सकेंगे निर्यात

दरअसल, कोरोना काल मे विदेशी व्यापार प्रभावित नहीं हो, इसलिए केन्द्र सरकार ने देश के आयातकों और निर्यातकों को राहत दी है. सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्सेज एण्ड कस्टम्स (सीबीआइसी) ने कोरोना संकट के मौजूदा दौर में कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. बोर्ड के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, कारोबारी इस वर्ष जून अंत तक सीमा शुल्क अधिकारियों के समक्ष बॉण्ड भरे बिना भी वस्तुओं का आयात और निर्यात कर सकेंगे. कारोबारियों को बॉण्ड के बदले केवल एक हलफनामा जमा करना होगा. इस सुविधा का लाभ उठाने वाले आयातकों और निर्यातकों को 15 जुलाई तक विधिवत बॉण्ड प्रस्तुत करना होगा. वस्तुओं की निकासी में तेजी लाने, सीमा शुल्क नियंत्रण और वैध व्यापार में संतुलन बनाए रखने के लिए कारोबारियों को बॉण्ड जमा करने से अस्थाई तौर पर छूट दी गई है.

जोधपुर. प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट उद्योग में फिर से बढ़ाेतरी की संभावनाएं बनने लगी हैं. जर्मनी, फ्रांस सहित यूरोपीय देशों में लंबे समय से लगे लॉकडाउन में छूट मिलने से जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट की मांग बढ़ने लगी है. हालांकि, अभी यूरोप के कई देशों में आए दिन परिस्थितयां बदल रही हैं, लेकिन अमेरिका में लगभग स्थिति सामान्य हो गई है. ऐसे में इन देशों से जोधपुर के एक्सपोर्टर्स को ऑर्डर मिलने लगे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर की परेशानियां अभी भी हावी हैं. भारत में चल रहे लॉकडाउन के चलते हजारों कारीगर पलायन कर गए हैं, जिसकी वजह से मौजूद कारीगरों पर काम का दबाव बढ़ गया है.

पटरी पर लौटा जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट उद्योग

'विदेशों से मिल रहे ऑर्डर'

EPCH के अनुसार, जोधपुर के कुल 2500 करोड़ के एक्सपोर्ट में से करीब 800 करोड़ यूरोपियन देशों में होता है, जबकि करीब 1200 करोड़ का कारोबार अमेरिका में होता है. ऐसे में वहां स्थितियां सामान्य होने की वजह से एक्सपोर्ट के रास्ते खुलने लगे हैं. हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष निर्मल भंडारी का कहना है कि यूरोप में बाजार खुलने के बाद ऑर्डर मिलने लगे हैं, लेकिन वहां अभी कई परेशानियां हैं. पिछले दिनों आए भूकंप और कोरोना के मामले बढ़ने से परेशानी हुई है. तूफान के चलते हमारे कई कंटेनर भी अटके हुए हैं, लेकिन अमेरिका में मार्केट खुलने से हमें अच्छे आर्डर मिल रहे हैं, उम्मीद है कि जोधपुर के एक्सपोर्टर्स अपना लक्ष्य पूरा कर लेंगे.

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'ऑर्डर मिल रहे, लेकिन स्थानीय स्तर पर परेशानियां बहुत'

एक्सपोर्टर्स बृजेश का कहना है कि ऑर्डर मिल रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर बहुत परेशानियां हैं. अभी लेबर का मूवमेंट पूरा नहीं हो रहा है, इसके अलावा कच्चा माल उपलब्ध नहीं हो रहा है, स्थानीय लॉक डाउन खुलने पर ही काम में तेजी आएगी. यूरोप, अमेरिका के देशों में हैंडीक्राफ्ट की बहुतायत मांग रहती है. कोरोना के चलते इन दोनों क्षेत्रों में भवन निर्माण में आई तेजी का फायदा तो मिलेगा ही इसके अलावा ईयर एंड में होने वाले सेलिब्रेशन, खासकर क्रिसमस को लेकर भी ऑर्डर हमेशा की तरह मिलना शुरू हो गए हैं.

अपने खर्च से वैक्सीनेशन का प्रस्ताव

हैंडीक्राफ्ट व्यापारियों ने सरकार के सामने पेशकश की है कि वो अपने यहां कार्य करने वाले सभी स्टाफ का वैक्सीनेशन का खर्च उठाना चाहते है. दरअसल, इस उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जोधपुर और आस पास के करीब 3 लाख मजदूर जुड़े हुए हैं. यह एक बहुत बड़ी संख्या है और अगर सरकार इसके लिए अनुमति देती है तो सरकार के ऊपर भार कम होगा.

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कोरोना में राहत: बिना बॉण्ड भरे कर सकेंगे निर्यात

दरअसल, कोरोना काल मे विदेशी व्यापार प्रभावित नहीं हो, इसलिए केन्द्र सरकार ने देश के आयातकों और निर्यातकों को राहत दी है. सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्सेज एण्ड कस्टम्स (सीबीआइसी) ने कोरोना संकट के मौजूदा दौर में कारोबारियों को बड़ी राहत दी है. बोर्ड के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, कारोबारी इस वर्ष जून अंत तक सीमा शुल्क अधिकारियों के समक्ष बॉण्ड भरे बिना भी वस्तुओं का आयात और निर्यात कर सकेंगे. कारोबारियों को बॉण्ड के बदले केवल एक हलफनामा जमा करना होगा. इस सुविधा का लाभ उठाने वाले आयातकों और निर्यातकों को 15 जुलाई तक विधिवत बॉण्ड प्रस्तुत करना होगा. वस्तुओं की निकासी में तेजी लाने, सीमा शुल्क नियंत्रण और वैध व्यापार में संतुलन बनाए रखने के लिए कारोबारियों को बॉण्ड जमा करने से अस्थाई तौर पर छूट दी गई है.

Last Updated : May 31, 2021, 11:17 PM IST
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