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प्रदेश में राजस्व न्यायिक सेवा गठन की मांग, BCR के संयुक्त शिष्टमंडल ने सौंपा राजस्व मंत्री को ज्ञापन - अध्यक्ष सैयद शाहिद हसन

जोधपुर में सोमवार को बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष सैयद शाहिद हसन और पूर्व अध्यक्ष सुशील कुमार शर्मा के संयुक्त शिष्टमंडल ने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से मुलाकात की. इस दौरान प्रदेश में राजस्व न्यायिक सेवा का गठन कर उसमें अधिवक्ताओं को चयनित कर पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने और राजस्व न्यायालयों में अधिवक्ताओं को लगाने की मांग की गई.

जोधपुर की ताजा हिंदी खबरें, Chairman Syed Shahid Hasan
राजस्थान में राजस्व न्यायिक सेवा गठन की मांग
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Published : Jan 4, 2021, 11:00 PM IST

जोधपुर. प्रदेश में राजस्व न्यायिक सेवा का गठन कर उसमें अधिवक्ताओं को चयनित कर पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने और राजस्व न्यायालयों में अधिवक्ताओं को लगाने की मांग को लेकर प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से अनुरोध किया गया.

बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष सैयद शाहिद हसन और पूर्व अध्यक्ष सुशील कुमार शर्मा के संयुक्त शिष्टमंडल ने सोमवार को राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपकर अनुरोध किया. बीसीआर की ओर से अनुरोध किया गया कि प्रदेश में राजस्व न्यायिक सेवा का गठन कर उसमें अधिवक्ताओं को चयनित कर पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने और राजस्व न्यायालयों में अधिवक्ताओं को लगाया जाए.

ज्ञापन में राजस्व बोर्ड में लगे हुए प्रशासनिक अधिकारियों को हटाकर उन्हें प्रशासनिक कार्य में लगाकर उनकी जगह न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं को चयनित करने की मांग भी रखी गई. ज्ञापन में ये भी जानकारी में लाया गया कि वर्तमान में प्रदेश में किसानों की जमीनों से जुड़े लाखों से ज्यादा मुकदमें राजस्व अदालतों में लम्बित हैं. राजस्व मंडल में न्यायिक और वकील कोटे के चार सदस्यों को छोडकर प्रदेश की राजस्व न्यायालयों में ऐसे अधिकारी नियुक्त हैं, जिनके पास कानून की डिग्री ही नहीं है.

पढ़ें- JNVU विश्वविद्यालय में प्रवेश सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर छात्रों का विरोध-प्रदर्शन, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

पूरा राजस्व न्यायिक तंत्र न्यायिक अधिकारियों की बजाए आरएएस और आईएएस अधिकारियों के हाथों में है. इसलिए, प्रशासनिक अधिकारियों की जगह राजस्व मंडल और राजस्व न्यायालयों में विधि क्षेत्र के न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं को नियुक्त करने से सम्बंधित पक्षकारों को उचित विधिसम्मत न्याय मिलेगा. राजस्व मंत्री ने शिष्टमंडल को सकारात्मक आश्वासन दिया हैं कि वे जल्द ही इस पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

जोधपुर. प्रदेश में राजस्व न्यायिक सेवा का गठन कर उसमें अधिवक्ताओं को चयनित कर पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने और राजस्व न्यायालयों में अधिवक्ताओं को लगाने की मांग को लेकर प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से अनुरोध किया गया.

बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष सैयद शाहिद हसन और पूर्व अध्यक्ष सुशील कुमार शर्मा के संयुक्त शिष्टमंडल ने सोमवार को राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपकर अनुरोध किया. बीसीआर की ओर से अनुरोध किया गया कि प्रदेश में राजस्व न्यायिक सेवा का गठन कर उसमें अधिवक्ताओं को चयनित कर पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने और राजस्व न्यायालयों में अधिवक्ताओं को लगाया जाए.

ज्ञापन में राजस्व बोर्ड में लगे हुए प्रशासनिक अधिकारियों को हटाकर उन्हें प्रशासनिक कार्य में लगाकर उनकी जगह न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं को चयनित करने की मांग भी रखी गई. ज्ञापन में ये भी जानकारी में लाया गया कि वर्तमान में प्रदेश में किसानों की जमीनों से जुड़े लाखों से ज्यादा मुकदमें राजस्व अदालतों में लम्बित हैं. राजस्व मंडल में न्यायिक और वकील कोटे के चार सदस्यों को छोडकर प्रदेश की राजस्व न्यायालयों में ऐसे अधिकारी नियुक्त हैं, जिनके पास कानून की डिग्री ही नहीं है.

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पूरा राजस्व न्यायिक तंत्र न्यायिक अधिकारियों की बजाए आरएएस और आईएएस अधिकारियों के हाथों में है. इसलिए, प्रशासनिक अधिकारियों की जगह राजस्व मंडल और राजस्व न्यायालयों में विधि क्षेत्र के न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं को नियुक्त करने से सम्बंधित पक्षकारों को उचित विधिसम्मत न्याय मिलेगा. राजस्व मंत्री ने शिष्टमंडल को सकारात्मक आश्वासन दिया हैं कि वे जल्द ही इस पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे.

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