जोधपुर. सीआरपीएफ जवान नरेश जाट ने सोमवार सुबह खुद को गोली मार ली थी. खुद को गोली मारने से पहले उसने एक वीडियो भी बनाया था जिसमें उसने खुद को प्रताड़ित (CRPF jawan made video before suicide) किए जाने की बात भी कही थी. नरेश ने खुद को गोली मारने से पहले एक वीडियो बनाया और एक सुसाइड नोट (CRPF Jawan wrote suicide note) भी लिखा था. नरेश ने किसी दूसरे जवान के नाम पर हथियार जारी करवाया था और उसे अपने आवास पर भी ले गया था. इससे यह भी साबित होता है कि नरेश ने पहले से ही ऐसा कुछ करने की ठान रखी थी. जब उसने फायर शुरु किए तो अधिकारियों को हथियार जारी होने की बात पता चली.
कड़वड़ थानाधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ के प्रार्थना पत्र पर मर्ग दर्ज कर जवान के शव का पोस्टमार्टम करवा दिया है. परिजन भी मामला दर्ज करवाने का कह रहे हैं. यदि वे रिपोर्ट देंगे तो केस दर्ज करेंगे. नरेश ने जो वीडियो बनाया उसमें उसने आरटीसी के डीआईजी भूपेंद्र सिंह को लेकर भी टिप्पणी की. इसके अलावा साथी अर्जुन और गौरव मनाली को लेकर कहा कि वह दोनों उसे परेशान करते हैं. इसके साथ ही जोधपुर से सूरतगढ़ और सूरतगढ़ से वापस जोधपुर आने को लेकर जो विवाद हुआ उसके बारे में भी खुलकर बताया.
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पहले ही लिख दिया था सुसाइड नोट
उसके दोस्त से हुई बातचीत का जो ऑडियो सामने आया है उसमें भी वह अपने साथ जो हो रहा है उसके बारे में बता रहा है. नरेश को यह अंदेशा था कि जो वह कर रहा है उसमें उसे जान भी देनी पड़ सकती है. इसलिए उसने पहले ही सुसाइड नोट लिख दिया था. सोमवार सुबह वर्दी पहन कर अपना एक वीडियो बनाया जिसमे उसने अपने साथ जो हो रहा है उसका हवाला दिया.
नरेश ने पिता को कमरे पर भेजने के लिए कहा था...
नरेश को रविवार रात को पिता के जोधपुर आने की जानकारी मिली. इस पर उसने पिता को फोन कर पूछा कि आप क्यों आए हैं. यह मेरा मामला है उसके बाद रात को अपना फोन भी बंद कर लिया. सोमवार सुबह जब उनकी दोबारा अधिकारियों से बातचीत शुरू हुई तो उसने अपने पिता को उसके पास भेजने की बात कही, लेकिन सीआरपीएफ के अधिकारियों ने सुरक्षा का हवाला देकर उन्हें रोक दिया. कुछ देर बाद नरेश ने पिता को फोन कर कहा कि वह बेटी कनिष्का का भेज रहा है और उसके साथ ही वह आ जाए, लेकिन घर के बाहर भी ताला लगा दिया गया था. इसपर नरेश का गुस्सा भड़क गया. इस दौरान आईजी विक्रम सहगल नरेश से बातचीत करने पहुंचे तो अचानक फायर की आवाज आई.
पिता बोले ये शव किस काम का...
नरेश की मौत के बाद पिता लिखमाराम काफी दुखी था. उन्होंने कहा कि उनके लिए यह शव किस काम का. बेटा शहीद होता तो मैं भी शान से सलामी देकर उसका पार्थिव शरीर ले जाता. परिजनों ने पुलिस में मामला दर्ज करवाने की बात कहीं है. फिलहाल शव का पोस्टमार्टम हो गया है. शव सीआरपीएफ को सौंप दिया जाएगा. नरेश पाली जिले के राजोला का रहने वाला है.
उसे टॉर्चर किया जा रहा था: नरेश के पिता का आरोप है कि उसके साथ गलत हो रहा था. वह नियमों का पक्का था. गेट पर ड्यूटी होने के समय वह बिना एंट्री किसी को अंदर नहीं आने देता था. अफसर हस्ताक्षर नहीं करते थे तो उन्हें भी रोक देता था. इसके चलते कई अफसरों से उसकी रंजिश हो गई. कोविड में भी विवाद हुआ. उसकी ड्यूटी सूरतगढ़ कर दी गई. वहां उसका झगड़ा भी हुआ था. यहां आया तो भी किसी न किसी तरीके से उसे परेशान किया जाता रहा था. पीड़ित पिता ने कहा कि अगर अधिकारी उसकी समस्या का समाधान कर देते तो शायद आज उनका बेटा जिंदा होता.
सूरतगढ़ से जोधपुर भेजा, परिवार भी दो दिन पहले आया
सूरतगढ़ में नरेश के विवाद के बाद उसे जोधपुर भेज दिया गया लेकिन यहां उसे ड्यूटी नहीं दी गई. इसको लेकर वह काफी परेशान रहने लगा. 2 दिन पहले ही उसकी पत्नी उर्मिला और बेटी कनिष्का उसके पास रहने आ गईं. नरेश की अपने दोस्त के साथ जो बातचीत का ऑडियो सामने आया है उसमें वह सूरतगढ़ की पूरी घटना के बारे में बता रहा है. वह इस बात को लेकर परेशान था कि वह नियम से काम कर रहा है लेकिन उसे टॉर्चर किया जा रहा है.
RPF जवान आत्महत्या प्रकरण में बेनीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की यह मांग...
जयपुर. आरएलपी संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने जोधपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान नरेश जाट के खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने के प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है. बेनीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से ट्वीट के जरिए यह मांग की है. बेनीवाल ने ट्वीट में जवान के आत्महत्या की इस घटना को अत्यंत दुखद बताया और यह भी कहा कि आखिर क्या कारण रहा कि एक जवान को ऐसा कदम उठाना पड़ा?
बेनीवाल ने ट्वीट में लिखा है कि अमित शाह को लिखा कि इस प्रकरण का संज्ञान लेकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करावे और दिवगंत सैनिक के परिजनों की मांग पर सकारात्मक सहमति व्यक्त करें. बेनीवाल ने यह भी लिखा कि अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की आत्महत्या के प्रकरण सामने आना इस बात की और भी इशारा करता है कि सिस्टम में कहीं न कहीं कमी खामी है और प्रताड़ना के कारण भी जवान ऐसा कदम उठा रहे हैं जो चिंताजनक है. सांसद ने मामले को लेकर आरएलपी पदाधिकारियों को मौके पर भेजा है ताकि घटना की तथ्यात्मक जानकारी भी सामने आ सके.