जोधपुर. टीकाकरण को लेकर पूरे देश में मारामारी है. राजस्थान में भी यही हालात है. इसके चलते लोग परेशान है. अब आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीके के स्लॉट खोलता है, लेकिन इंटरनेट चलाने में आगे वाले शहरी क्षेत्र के लोग ही ग्रामीण क्षेत्र के स्लॉट पर बुकिंग कर रहे हैं. यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र, जहां टीके लगते हैं, वहां वाहनों की कतारें लगी रहती है.
जोधपुर के नजदीक करीब 50 किलोमीटर दूर धुंधाड़ा कस्बे के स्वास्थ्य केंद्र के लिए भी मंगलवार को 18 वर्ष से अधिक की उम्र के 100 लोगों के लिए स्लॉट खुला था, लेकिन जब टीकाकरण शुरू हुआ, तो उसमें एक भी ग्रामीण नहीं था. सभी शहरी लोग थे, जो जोधपुर से 50 किलोमीटर दूर जाकर टीका लगवा गए. शहरी क्षेत्र से आए लोगों का कहना था कि हम लगातार इस स्लॉट बुक करने के प्रयास करते हैं. कई-कई दिनों बाद आज नंबर लगा तो 50 किलोमीटर दूर परिवार के साथ टीका लगवाने आए हैं.
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ऐसे में इस बात का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भले ही स्वास्थ्य बाद ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए टीके के स्लॉट खोलता है, लेकिन वह ग्रामीणों को कितने टीके लग रहे हैं, इसकी गिनती कोई नहीं कर रहा है. यह हालात केवल मात्र एक स्वास्थ्य केंद्र का नहीं है. जोधपुर शहर से करीब 100 किलोमीटर तक के क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों का है जब भी वहां प्लॉट खुलता है. शहरी क्षेत्र के लोग ही बुकिंग कर टीका लगवा ले रहे हैं. वर्तमान में जोधपुर जिले में सर्वाधिक कोरोना का असर ग्रामीण क्षेत्र में है, जहां अभी सर्वाधिक टीकाकरण की आवश्यकता है, लेकिन इंटरनेट पर बुकिंग व्यवस्था के चलते ग्रामीण इससे कहीं दूर है.