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कोर्ट ने लंपी वायरस को लेकर सरकार को दिए निर्देश, कहा-आवारा पशुओं के लिए भी उठाएं कदम - Court asks action against stray animals

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को गोवंश में फैल रही लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए (Court directions to government) हैं. साथ ही कोर्ट ने सरकार से आवारा पशुओं को लेकर जल्द कार्रवाई करने को कहा है, जिससे सड़क हादसों के खतरे को टाला जा सके.

Court asks action against stray animals, gave directions to government over lumpy disease
लंपी वायरस को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, सरकार से कहा-आवारा पशुओं को लेकर भी उठाएं कदम
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Published : Sep 8, 2022, 10:46 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ ने गोवंश में फैल रही लंपी बिमारी को लेकर सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देशों देते हुए कहा कि सड़कों पर आवारा पशुओं को लेकर भी जल्द से जल्द पूरे राजस्थान में कार्रवाई की जाए (Court asks action against stray animals) ताकि आमजन को सड़क हादसों के खतरे से बचाया जा सके. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ में लंपी वायरस और आवारा पशुओं को लेकर स्वप्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

एएजी संदीप शाह ने कहा कि जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों को लेकर अगले दो दिन में जवाब पेश कर देंगे. वहीं सरकार अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है. लंपी वायरस से गोवंश को बचाने व देखभाल के लिए चिकित्सा किट, मानव संसाधन और टीके लगाए जा रहे हैं. मृत पशुओं के शव उठाने के लिए वाहनों को भी मंजूरी दी गई है. इसके लिए बजट भी दिया जा रहा है. एएजी सुनील बेनीवाल ने कहा कि बीकानेर जिले के आसपास खुले क्षेत्रों में संक्रमित गायों के शव डाले जा रहे हैं. यह गलत है. क्योंकि यह क्षेत्र गिद्ध संरक्षण के लिए आरक्षित है. जहां मरे हुए जानवरों के शवों को फेंक दिया जाता है. गिद्धों की आबादी बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने लंपी वायरस मामले में सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

एएजी बेनीवाल ने कहा कि अन्य नगर पालिकाओं क्षेत्रों में मॉडल उपनियम पशुघर मानक एवं आवारा पशु नियंत्रण उपविधियां 2022 को लागू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उपनियमों को प्रभावी बनाया गया था. कुछ कमियों के चलते शिकायतें प्राप्त हुई. इसीलिए जयपुर क्षेत्र को छोड़कर उपनियम वापस लिए गए हैं. आवश्यक संशोधन के लिए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि उनको राजस्थान के लिए प्रभावी बनाया जा सके. मामले में अब 12 सितम्बर को अगली सुनवाई होगी.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ ने गोवंश में फैल रही लंपी बिमारी को लेकर सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देशों देते हुए कहा कि सड़कों पर आवारा पशुओं को लेकर भी जल्द से जल्द पूरे राजस्थान में कार्रवाई की जाए (Court asks action against stray animals) ताकि आमजन को सड़क हादसों के खतरे से बचाया जा सके. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ में लंपी वायरस और आवारा पशुओं को लेकर स्वप्रेरणा से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

एएजी संदीप शाह ने कहा कि जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों को लेकर अगले दो दिन में जवाब पेश कर देंगे. वहीं सरकार अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है. लंपी वायरस से गोवंश को बचाने व देखभाल के लिए चिकित्सा किट, मानव संसाधन और टीके लगाए जा रहे हैं. मृत पशुओं के शव उठाने के लिए वाहनों को भी मंजूरी दी गई है. इसके लिए बजट भी दिया जा रहा है. एएजी सुनील बेनीवाल ने कहा कि बीकानेर जिले के आसपास खुले क्षेत्रों में संक्रमित गायों के शव डाले जा रहे हैं. यह गलत है. क्योंकि यह क्षेत्र गिद्ध संरक्षण के लिए आरक्षित है. जहां मरे हुए जानवरों के शवों को फेंक दिया जाता है. गिद्धों की आबादी बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.

पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने लंपी वायरस मामले में सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

एएजी बेनीवाल ने कहा कि अन्य नगर पालिकाओं क्षेत्रों में मॉडल उपनियम पशुघर मानक एवं आवारा पशु नियंत्रण उपविधियां 2022 को लागू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उपनियमों को प्रभावी बनाया गया था. कुछ कमियों के चलते शिकायतें प्राप्त हुई. इसीलिए जयपुर क्षेत्र को छोड़कर उपनियम वापस लिए गए हैं. आवश्यक संशोधन के लिए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि उनको राजस्थान के लिए प्रभावी बनाया जा सके. मामले में अब 12 सितम्बर को अगली सुनवाई होगी.

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