जोधपुर. कई दिनों से जोधपुर में कोरोना का एक भी मामला पॉजिटिव नहीं आ रहा है. न ही शहर में कोई एक्टिव मामला बचा है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज की ओर से केंद्रीय कारागृह के एक कैदी की पॉजिटिव रिपोर्ट अपलोड होने से खलबली मच गई.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को बंदी की वापस जांच करवाई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई. इसके बाद पूरी पड़ताल की गई तो सामने आया कि किसी ने फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट अपलोड की थी. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसएस राठौड़ ने माइक्रोबॉयलोजी लैब के प्रभारी डॉ पीके खत्री से पूरी जानकारी प्राप्त की.
जानकारी में सामने आया कि लैब के कई स्टॉफ को रिपोर्ट अपलोड करने के लिए पासवार्ड दिए हुए थे. जिनमें से ही किसी ने नेगेटिव रिपोर्ट की जगह पॉजिटिव रिपोर्ट अपलोड कर दी. गौरतलब है कि जेल का बंदी श्रवण एक दिन पहले ही अपनी पैरोल खत्म कर आया था. ऐसे में उसकी कोरोना जांच करवाई गई. गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने जोधपुर में शून्य केस रिपोर्ट किया. लेकिन मेडिकल कॉलेज के गांधी अस्पताल में श्रवण की भर्ती कोरोना मरीज के रूप में दिखाई गई.
इसको लेकर शुक्रवार को सीएमएचओ कार्यालय सक्रिय हो गया. पूरी पड़ताल की गई. दोबारा जांच हुई तो श्रवण की रिपोर्ट नेगेटिव आई. इससे यह साफ हुआ कि मेडिकल कॉलेज स्तर पर किसी ने यह गलती की है. जिसको लेकर अब जांच की जा रही है.
बताया जा रहा है कि श्रवण की कोरोना काल के समय भी पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी. जिसके चलते वह अस्पताल में भर्ती हुआ था. अब पैरोल से वापस आते ही जेल की बजाय अस्पताल में रहने के लिए उसने किसी को प्रलोभन देकर अपनी पॉजिटिव रिपोर्ट अपलोड करवाई.