जोधपुर. कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर सीएचओ भर्ती 2020 को लेकर अपनाई जा रही प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर याचिका में सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत में शिवप्रकाश रेगर और अन्य की ओर से अधिवक्ता अशोक चौधरी ने याचिका पेश कर पैरवी की जिस पर नोटिस जारी कर 15 फरवरी को जवाब तलब किया गया है.
याचिका में बताया गया कि सीएचओ भर्ती का विज्ञापन दिनांक 31 अगस्त 2020 को जारी किया गया जिसमें 7810 पदों के लिए था. विभाग ने लिखित परीक्षा का आयोजन करवाया जिसमें दो प्रश्न पत्र अ व ब थे. परन्तु विभाग ने जो उत्तर कुंजी जारी की उसमें कही भी यह नही लिखा था कि वह उत्तर कुंजी किस प्रश्न पत्र के लिए है. विभाग ने 16 जनवरी 2021 को लिखित परिणाम जारी किया और लगभग दुगुने अभ्यार्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया.
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दस्तावेज सत्यापन 01 फरवरी से 03 फरवरी 2021तक कर लिया गया है. भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करते हुए विभाग ने किसी भी श्रेणी की अंतिम कट ऑफ सूची भी जारी नही की है. याचिका में भर्ती परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर सवाल खडा किया गया है. उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
बाड़मेर कलेक्टर के आदेश पर रोक
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बाडमेर कलेक्टर द्वारा नगर परिषद का भूमि आवंटन के लिए जारी आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर लाल व्यास की खंडपीठ के समक्ष खीमसिंह राठौड की ओर से दायर जनहित याचिका में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने बताया कि गैरमुमकिन पहाडी क्षेत्र की करीब 49 बीघा भूमि नगर परिषद को आवंटित करने के लिए जिला कलेक्टर बाडमेर विश्राम मीणा ने 29 अक्टूबर 2020 को आदेश जारी किया है।