जोधपुर. 1962 में इंडो-चाइना, इंडो-पाक 1965, इंडो-पाक 1971 और माइजो हिल्स कांउटर इनसर्जेंसी ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाले जोधपुर के झीपासनी गांव के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल प्रभु सिंह भाटी का शुक्रवार को 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वे पिछले कई दिनों से बीमार थे और उनका एम्स में उपचार भी चल रहा था.
प्रभु सिंह भाटी ने शुक्रवार को अपने घर पर अंतिम सांस ली. उनके पैतृक गांव झीपासनी में उनका अंतिम संस्कार किया गया. कर्नल भाटी के निधन पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पुष चक्र अर्पित किया गया. शेखावत ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया.
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जानकारी के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल प्रभु सिंह भाटी के पिता कर्नल राव बहादुर हीर सिंह भाटी भी भारतीय सेना में थे. लेफ्टिनेंट कर्नल प्रभु सिंह भाटी ने सेना की प्रमुख पांच रेजिमेंटों 61 केवलरी, 20 राजपूत, 17 राजपूत और 20 लांसर्स में अपनी सेवाएं दी. भाटी ने वर्ष 1962 में इंडो चाइना, इंडो पाक 1965, इंडो पाक 1971, माइजो हिल्स कांउटर इनसर्जेंसी ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई.
बता दें कि प्रभु सिंह भाटी ने हॉर्स माउंटेड परेड के तहत विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया. वे 5 बार इंडियन हॉर्स राइडर चैंपियन भी रहे. सेवानिवृत्ति के बाद बीजेएस सोसायटी के अध्यक्ष रहे और समाज सेवा में अग्रणी भूमिका निभाई.