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SPECIAL: ऐसे कैसे बचेगा बचपन, लॉकडाउन में भी नहीं आ रही बाल उत्पीड़न के केसों में कमी

राजस्थान में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए बाल सुधार गृह के बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाया जा रहा है. साथ ही इन बच्चों को कोरोना मुक्त रखने के लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है. वहीं लॉकडाउन में भी बाल उत्पीड़न के केस नहीं रूक रहे हैं.

corona test in Rajasthan, राजस्थान बाल सुधार गृह
बाल सुधार गृह के बच्चों की कोरोना हो रही जांच
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Published : May 1, 2020, 5:21 PM IST

Updated : May 1, 2020, 5:36 PM IST

जोधपुर. प्रदेश के कोरोना हॉटस्पॉट जिलों के बाल सुधार गृह में रह रहे बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाया जा रहा है. वहीं राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बाल सुधार गृह में कोरोना को लेकर किए जा रहे सुरक्षा उपायों की चर्चा की.

बाल सुधार गृह के बच्चों की कोरोना हो रही जांच

प्रदेश में कोरोना के चलते 1 महीने से अधिक समय लॉकडाउन का बीत गया है. वहीं कोरोना संक्रमण भी लागातर बढ़ रहा है. इस दौरान इन दिनों बच्चे भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. इन बच्चों की देखरेख व उपचार से जुड़ी व्यवस्थाओं को लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग भी सक्रिय है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बाल संरक्षण की आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि ऐसे मामले सामने आए हैं.

कोरोना संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए गाइडलाइन जारी

जिनमें माता पिता या परिवार के सदस्य के पॉजिटिव आने के बाद बच्चों को भी साथ रखा गया. इस व्यवस्था को बदलने के लिए सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं. अगर बच्चा अकेला है तो उसके लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए. उसे किसी भी हालत में उसे पॉजिटिव मरीज के साथ नहीं रखा जाए.

corona test in Rajasthan, राजस्थान बाल सुधार गृह
बाल उत्पीड़न के आंकड़े

बाल सुधार गृह के बच्चे को संक्रमण मुक्त रखने के लिए गाइडलाइन जारी

इसके साथ ही राज्य के जितने भी बाल सुधार गृह हैं, वहां रह रहे बच्चों को संक्रमण मुक्त रखने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. उनकी स्क्रीनिंग भी करवाई जा रही है. इसके अलावा नए बच्चे जो बाल सुधार गृह में आ रहे हैं, उनके प्रवेश से पहले उनका कोरोना टेस्ट भी करवाया जा रहा है. कोरोना हॉटस्पॉट जिलों के बाल सुधार गृह में रह रहे बच्चों के टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं. वहीं जोधपुर के बाल सुधार गृह के सभी बच्चे नेगेटिव आए हैं.

corona test in Rajasthan, राजस्थान बाल सुधार गृह
लॉकडाउन से अब तक 9 मामले दर्ज
  • 1 फरवरी से 20 मार्च तक कुल 49 प्रकरण बाल उत्पीड़न के केस दर्ज

बेनीवाल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी बाल उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं. 25 मार्च से अबतक 9 बाल उत्पीड़न के केस दर्ज हो चुके हैं. वर्तमान स्थिति में काम करना काफी चुनौती भरा है क्योंकि पुलिस भी कोरोना नियंत्रण में जुटी है. ऐसे में बाल उत्पीड़न से जुड़े जो मामले आ रहे हैं, उनके लिए संबंधित जिला की समितियों के मार्फत कार्रवाई करवाई जा रही है. साथ ही लगातार सभी समितियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समन्वय बनाते हुए निर्देश दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में आयोग में 2 सदस्यों की नियुक्ति हुई है.

corona test in Rajasthan, राजस्थान बाल सुधार गृह
बाल उत्पीड़न के फरवरी से मार्च तक 49 केस दर्ज

यह भी पढ़ें. SPECIAL: मजदूर दिवस पर विशेष, गरीब का बच्चा मजबूर क्यों?

इससे काम और आसान होगा. उन्होंने बताया कि अभी करीब 2 महीने तक बच्चे घर में रहेंगे. ऐसे में उन्हें मोटिवेट करने और कोरोना के प्रति जागृत करने के लिए कुछ ऑनलाइन एक्टिविटीज शुरू करेंगे. इसको लेकर गाइडलाइन तैयार की जा रही है.

जोधपुर. प्रदेश के कोरोना हॉटस्पॉट जिलों के बाल सुधार गृह में रह रहे बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाया जा रहा है. वहीं राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बाल सुधार गृह में कोरोना को लेकर किए जा रहे सुरक्षा उपायों की चर्चा की.

बाल सुधार गृह के बच्चों की कोरोना हो रही जांच

प्रदेश में कोरोना के चलते 1 महीने से अधिक समय लॉकडाउन का बीत गया है. वहीं कोरोना संक्रमण भी लागातर बढ़ रहा है. इस दौरान इन दिनों बच्चे भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. इन बच्चों की देखरेख व उपचार से जुड़ी व्यवस्थाओं को लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग भी सक्रिय है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बाल संरक्षण की आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि ऐसे मामले सामने आए हैं.

कोरोना संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए गाइडलाइन जारी

जिनमें माता पिता या परिवार के सदस्य के पॉजिटिव आने के बाद बच्चों को भी साथ रखा गया. इस व्यवस्था को बदलने के लिए सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं. अगर बच्चा अकेला है तो उसके लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए. उसे किसी भी हालत में उसे पॉजिटिव मरीज के साथ नहीं रखा जाए.

corona test in Rajasthan, राजस्थान बाल सुधार गृह
बाल उत्पीड़न के आंकड़े

बाल सुधार गृह के बच्चे को संक्रमण मुक्त रखने के लिए गाइडलाइन जारी

इसके साथ ही राज्य के जितने भी बाल सुधार गृह हैं, वहां रह रहे बच्चों को संक्रमण मुक्त रखने के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. उनकी स्क्रीनिंग भी करवाई जा रही है. इसके अलावा नए बच्चे जो बाल सुधार गृह में आ रहे हैं, उनके प्रवेश से पहले उनका कोरोना टेस्ट भी करवाया जा रहा है. कोरोना हॉटस्पॉट जिलों के बाल सुधार गृह में रह रहे बच्चों के टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं. वहीं जोधपुर के बाल सुधार गृह के सभी बच्चे नेगेटिव आए हैं.

corona test in Rajasthan, राजस्थान बाल सुधार गृह
लॉकडाउन से अब तक 9 मामले दर्ज
  • 1 फरवरी से 20 मार्च तक कुल 49 प्रकरण बाल उत्पीड़न के केस दर्ज

बेनीवाल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी बाल उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं. 25 मार्च से अबतक 9 बाल उत्पीड़न के केस दर्ज हो चुके हैं. वर्तमान स्थिति में काम करना काफी चुनौती भरा है क्योंकि पुलिस भी कोरोना नियंत्रण में जुटी है. ऐसे में बाल उत्पीड़न से जुड़े जो मामले आ रहे हैं, उनके लिए संबंधित जिला की समितियों के मार्फत कार्रवाई करवाई जा रही है. साथ ही लगातार सभी समितियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समन्वय बनाते हुए निर्देश दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में आयोग में 2 सदस्यों की नियुक्ति हुई है.

corona test in Rajasthan, राजस्थान बाल सुधार गृह
बाल उत्पीड़न के फरवरी से मार्च तक 49 केस दर्ज

यह भी पढ़ें. SPECIAL: मजदूर दिवस पर विशेष, गरीब का बच्चा मजबूर क्यों?

इससे काम और आसान होगा. उन्होंने बताया कि अभी करीब 2 महीने तक बच्चे घर में रहेंगे. ऐसे में उन्हें मोटिवेट करने और कोरोना के प्रति जागृत करने के लिए कुछ ऑनलाइन एक्टिविटीज शुरू करेंगे. इसको लेकर गाइडलाइन तैयार की जा रही है.

Last Updated : May 1, 2020, 5:36 PM IST
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