जोधपुर. जिला बाल कल्याण समिति ने शहर के बनाड़ थाना अंतर्गत नांदड़ी ग्राम में एक नाबालिग छात्रा अपना बाल विवाह (child marriage) खुद ही रुकवाया. नाबालिग छात्रा ने अपने विवाह की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन के ट्रोल फ्री नम्बर को दी थी. जिस पर हेल्पलाइन ने इसकी सूचना तत्काल जिला बाल कल्याण समिति को दी. 21 नवंबर को शादी होनी थी.
मामले की जानकारी मिलने पर जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. धनपत गुर्जर अपनी टीम के साथ नाबालिग छात्रा के पास उसके घर पहुंचे. उससे बात करने के बाद उसे परिजनों से मुक्त कर पुलिस संरक्षण में बनाड़ थाने लाया गया.
चाइल्ड हेल्प लाइन के जरिए ही इस विवाह की सूचना मिली थी. छात्रा ने बताया कि नाबालिग होने के बाद भी परिजन उसकी इच्छा के विपरीत उसकी शादी करना चाहते हैं. नाबालिग छात्रा ने अपने विवाह की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन के ट्रोल फ्री नम्बर पर दी थी. हेल्पलाइन से जानकारी मिलते ही जिला बाल कल्याण समिति एक्शन मोड में आ गई. जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ धनपत गुर्जर, सदस्य लक्ष्मण परिहार और शशि वैष्णव मौके पर पहुंचे और बनाड़ थाने पर भी इसकी सूचना दे दी. इसपर थानाधिकारी सीताराम खोजा मौके पर पहुंचे.
पूछताछ में बालिका ने विवाह करने से मना किया. उसकी उम्र अभी 17 वर्ष और 6 माह है जिसके बाद बाल कल्याण समिति की टीम उसे बनाड़ थाने ले आई. बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने नाबालिग बालिका से संपूर्ण जानकारी प्राप्त की. जानकारी के अनुसार उसका विवाह 21 नवंबर को उसकी बहन के विवाह के साथ होने वाला था. दोनों बहनों की एक ही घर मे शादी हो रही थी. बालिका बहन के देवर से विवाह नहीं करना चाहती थी, जबकि परिजन उसकी शादी जबरन उसी लड़के से करने पर आमादा थे. अधिकारियों ने परिजनों को पाबंद किया लेकिन इसके बाद भी बालिका ने घर जाने से इनकार कर दिया.
समिति के अध्यक्ष डॉ धनपत गुर्जर ने बताया कि बालिका ने अपने घर जाने के बजाय समिति के साथ जाने की बात कही, जिस पर उसे बालिका गृह में प्रवेशित करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 18 वर्ष की होने तक वह बालिका गृह में रह सकेगी. इस दौरान चाइल्ड हेल्प लाइन के दिनेशराज, समाजिक अधिकारिता के डॉ. बीएल सारस्वत भी मौजूद रहे.