जयपुर. विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में बंदरों के उत्पात को लेकर रोचक चर्चा हुई. भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इसके लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव रखते ही जब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल इसका जवाब देने लगे तो उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने यह कहकर माहौल को हल्का-फुल्का कर दिया कि धारीवाल ने जवाब देते हुए मेरी तरफ देखा.
इस पर स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने कहा कि राठौड़ साहब आप उनकी तरफ देख ही क्यों रहे हो. इस पर सदन में हंसी का फव्वारा छूट गया. दिलावर ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में सदन में आवारा कुत्तों और सुअरों का मामला उठाया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि असली समस्या पागल कुत्ते की है. उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा में 744 लोगों को कुत्तों ने काटा है. इनमें से 24 लोगों की मौत हो गई.
धारीवाल ने सदन में जानकारी दी की पिछले साल 1747 उत्पाती बंदरों को पकड़ा गया था. जिसके बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया. धारीवाल ने कहा कि 20 जनवरी को टेंडर दी गई थी लेकिन कोई कंपनी नहीं आई. 31 जनवरी को फिर इसकी टेंडर की गई है. सरकार पहले एक बंदर को पकड़ने की 300 रुपए और अब 487 रुपए दे रही है. उन्होंने बताया कि सूअर पकड़ने के लिए भी टेंडर निकाला लेकिन कोई कंपनी नहीं आई.
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साथ ही सूअर पकड़ने का वाल्मीकि समाज के लोग विरोध करते हैं. आवारा कुत्तों को पकड़ने पर एनिमल सोसाइटी ने विरोध किया उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेशों के मुताबिक कुत्तों को पकड़ने के लिए बंध्याकरण कर वापस वहीं छोड़ना जरूरी होता है.
मंत्री ने जानकारी दी कि 57 कुत्तों का बंध्याकरण किया गया है. इस पर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कुत्तों को पकड़कर वहीं वापस छोड़ने का आदेश है. सरकार इस पर रिव्यू पिटिशन दायर करे. इस पर यूडीएच मंत्री ने कहा कि कुत्तों को पकड़ कर वापस उसी जगह छोड़ने का कोर्ट का आदेश है. इसकी अपील करें तो कहां करें.