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REET परीक्षा में ST वर्ग के न्यूनतम 36 फीसदी अंक का मामला...HC ने सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब - Rajasthan High Court order

रीट परीक्षा में एसटी वर्ग के न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक लाने को जनहित याचिका की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले में सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

REET exam,  Rajasthan High Court order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jul 9, 2020, 6:20 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में REET (Rajasthan Eligibility Entrance Test) में राज्यपाल की ओर से टीएसपी क्षेत्र में सिर्फ एसटी वर्ग को 36 प्रतिशत न्यूनतम अंक लाने की छूट दिए जाने को चुनौती दी गई है.

दरअसल, रीट में 60 प्रतिशत न्यूनतम अंक लाने और आरक्षित वर्ग को नियमानुसार 10 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान है. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है.

पढ़ें- HC में कोरोना से हड़कंप, न्यायाधीश का निजी सचिव मिला पॉजिटिव

याचिकाकर्ता हर्षित टेलर और अन्य की ओर से अधिवक्ता रितुराज सिंह राठौड़ ने पैरवी करते हुए कहा कि REET परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को ही मेरिट लिस्ट में शामिल किया जाता है. वहीं, नियमानुसार आरक्षित वर्ग के लिए पहले से ही 10 प्रतिशत अंकों की छूट दी हुई है, जबकि राजस्थान सरकार ने राज्यपाल के हस्ताक्षरों से संविधान के शिड्यूल 5 पेरा 5 के तहत प्रदत्त अधिकारों का हवाला देते हुए रीट भर्ती में टीएसपी क्षेत्र में सिर्फ एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को ही न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक पर मैरिट में शामिल करने की छूट प्रदान की गई है.

अधिवक्ता ने कहा कि यदि उक्त प्रावधान के तहत संशोधन करते हुए टीएसपी क्षेत्र के लोगों को कुछ राहत प्रदान की जाती है तो वह राहत उस क्षेत्र के सभी वर्गों अर्थात जनरल, ओबीसी, एससी और एसटी सभी को मिलनी चाहिए. टीएसपी वर्ग में भी सिर्फ एसटी वर्ग के लिए संशोधन किया जाना अपने आप में संविधान के विरूद्ध है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में REET (Rajasthan Eligibility Entrance Test) में राज्यपाल की ओर से टीएसपी क्षेत्र में सिर्फ एसटी वर्ग को 36 प्रतिशत न्यूनतम अंक लाने की छूट दिए जाने को चुनौती दी गई है.

दरअसल, रीट में 60 प्रतिशत न्यूनतम अंक लाने और आरक्षित वर्ग को नियमानुसार 10 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान है. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस संगीत लोढ़ा और जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है.

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याचिकाकर्ता हर्षित टेलर और अन्य की ओर से अधिवक्ता रितुराज सिंह राठौड़ ने पैरवी करते हुए कहा कि REET परीक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को ही मेरिट लिस्ट में शामिल किया जाता है. वहीं, नियमानुसार आरक्षित वर्ग के लिए पहले से ही 10 प्रतिशत अंकों की छूट दी हुई है, जबकि राजस्थान सरकार ने राज्यपाल के हस्ताक्षरों से संविधान के शिड्यूल 5 पेरा 5 के तहत प्रदत्त अधिकारों का हवाला देते हुए रीट भर्ती में टीएसपी क्षेत्र में सिर्फ एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को ही न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक पर मैरिट में शामिल करने की छूट प्रदान की गई है.

अधिवक्ता ने कहा कि यदि उक्त प्रावधान के तहत संशोधन करते हुए टीएसपी क्षेत्र के लोगों को कुछ राहत प्रदान की जाती है तो वह राहत उस क्षेत्र के सभी वर्गों अर्थात जनरल, ओबीसी, एससी और एसटी सभी को मिलनी चाहिए. टीएसपी वर्ग में भी सिर्फ एसटी वर्ग के लिए संशोधन किया जाना अपने आप में संविधान के विरूद्ध है.

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