जोधपुर. रातानाडा थाना क्षेत्र में रहने वाले मुख्यमंत्री के रिश्तेदार के घर बासनी थानाधिकारी की ओर से आधी रात के बाद जाना और उन्हें धमाकने के मामले में पुलिस कमिश्नर जोस मोहन ने जांच करवाने के आदेश दिए हैं. कमिश्नर ने यह जांच एडीसीपी क्राइम एंड इंजेलिजेंस को दी है. कमिश्नर ने बताया कि इस प्रकरण में शिकायतकर्ता से भी बात हुई है, वो कोई शिकायत नहीं होने की बात कह रहे हैं.
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दरअसल, चार दिन पहले रातानाडा थाना अंतर्गत वेस्ट पटेल नगर में रहने वाले मुख्यमंत्री के रिश्तेदार परिवार के कुछ लोगों से कहासुनी हो गई थी. जिन लोगों की कहासुनी हुई वे पीछा करते हुए उनके घर तक आ गए तो उन्हें निकाल दिया गया, लेकिन कुछ देर बाद आधी रात को वे लोग अपनी जान पहचान से बासनी की थानाधिकारी पाना चौधरी को लेकर आ गए.
पाना चौधरी अपनी सरकारी गाड़ी और वर्दी में घर पहुंची और शारदा चौधरी व उनके परिवार को धमकाया. कहासुनी के दौरान सोने की चेन तोड़ ली और वापस करने पर डेढ़ लाख रुपए मांगे. इस पर शारदा चौधरी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. इसके बाद बमुश्किल थानाधिकारी वहां से रवाना हुई. इसकी पुष्टि भी शारदा चौधरी के घर के सीसीटीवी कैमरे में हुई, जहां पाना चौधरी घर में आई. इसके बाद अगले दिन ही शारदा चौधरी ने प्रकरण की पूरी रिपोर्ट रातानाडा थाने में दी.
रिपोर्ट में पाना चौधरी का नाम भी लिखा गया, लेकिन उसे दर्ज नहीं किया गया. 13 अप्रैल को रिपोर्ट थाने में रिसिव है. तीन दिनों से इस प्रकरण में राजीनामे के प्रयास चल रहे थे. इस बीच पाना चौधरी के घर में घुसने के सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गए, जिसके चलते यह मामला सुर्खियों में आ गया. अब पुलिस और पीड़ित दोनों बैकफुट पर है क्योंकि अगर मामला दर्ज होता है तो सीएम के शहर में एक पुलिसकर्मी की ओर से अपना क्षेत्र छोड़कर दूसरी जगह जाकर धमकाना अनुशासनहीनता माना जाएगा. ऐसे में राजीनामा करने से सरकार और पुलिस दोनों को फायदा होगा, जिसकी कवायद जारी है. बता दें, शारदा चौधरी मुख्यमंत्री के भांजे के पुत्र की सास है.
रिपोर्ट में धाराएं तक लिखी
मुख्यमंत्री के रिश्तेदार इस मामले को लेकर कितने पीड़ित हुए हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि थाने में जो रिपोर्ट दी गई वह किसी वकील से लिखवाई गई. उसमें आईपीसी की धारा 323, 341, 384, 369, 445, 446, 447, 451 और 462 के तहत मामला दर्ज करने की गुहार लगाई गई. लेकिन, रिपोर्ट में थानाधिकारी पाना चौधरी का नाम होने से रातानाडा थाने में इस पर कार्रवाई नहीं हुई.