जोधपुर. मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के अंतर्गत एम्स जोधपुर के कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग (Jodhpur AIIMS) में से हृदय की बायपास सर्जरी कर कैरोटिड आर्टरी में 99 फीसदी ब्लॉकेज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन (कैरोटिड एंडारटेरेक्टॉमी) किया (Heart Bypass surgery in Jodhpur AIIMS) गया है. ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है.
कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुरेंद्र पटेल ने बताया कि मरीज को 6 माह से सीने में दर्द और सांस फूलने की समस्या थी. मरीज की जांच में यह सामने आया कि उसके हृदय की तीनों मेन आर्टरी में ब्लॉकेज है. इसके साथ ही हृदय को खून पहुंचाने वाली कैरोटेड धमनियां भी दोनों तरफ से ब्लॉक्ड हैं. इसमें दाई और से 99 फीसदी और बाईं ओर से 50 फीसदी ब्लॉकेज थी. ऐसे हालात में हार्ट सर्जरी करने से लकवे का खतरा था. इसलिए मरीज के बायपास ऑपरेशन के साथ कैरोटिड आर्टरी में ब्लॉकेज निकालने का ऑपरेशन (कैरोटिड एंडारटेरेक्टॉमी) करने का निर्णय किया गया.
पैर की नस से की दिमाग की नस रिपेयर : मरीज के दिमाग की कैरोटिड आर्टरी के ब्लॉक हुए हिस्से को हटाकर दिमाग की नस (कैरोटिड आर्टरी) को पैर की सिफ़ेनस वेन से पैच-रिपेयर किया गया. फिर ह्रदय की तीनों बंद नसों का सफलतापूर्वक बायपास ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन टीम में कार्डिओथोरेसिक सर्जरी विभाग के डॉ अनुपम दास, डॉ आलोक कुमार शर्मा, डॉ मधुसूदन कट्टी, डॉ दानिश्वर मीणा, डॉ अनिरुध माथुर, एवं डॉ कुबेर शर्मा शामिल रहे.
इतनी महत्वपूर्ण है कैरोटिड आर्टरी: हृदय की महाधमनी से कैरोटिड आर्टरी निकलती है, जो मस्तिष्क एवं चेहरे को खून की सप्लाई करती है. कैरोटिड आर्टरी में कोलेस्ट्रॉल एवं वसा जमा होने से इसमें ब्लॉकेज हो जाता है. इसकी सप्लाई रुकने से स्ट्रोक आता है, जिससे इंसान को लकवा होता है.
एंडारटेरेक्टॉमी ऑपरेशन क्या है?: इस ऑपरेशन में मरीज की कैरोटिड आर्टरी से पूरा ब्लॉकेज निकाल कर आर्टरी को रिपेयर किया जाता है. रिपेयर के लिए पैर की सिफ़ेनस वेन या कोई अन्य काम में ली जाती है. इस ऑपरेशन के दौरान इस बात का सर्वाधिक ध्यान रखना पड़ता है कि मरीज के कोलेस्ट्रॉल प्लाक, या दिमाग में हवा नहीं जाए. इससे लकवा होने का खतरा रहता है. ऐसे में ज्यादा सावधानी बरतनी होती है.