जोधपुर. इंजीनियर दीपक बिस्सा ने इस 23 से 30 अप्रैल के बीच अपने 3 परिजन खो दिए. तीनों की मौत कोरोना के कारण हुई. इनमें उनके माता पिता और ससुर भी शामिल हैं. शुक्रवार को दीपक की माता का एमजीएच में निधन हो गया था.
अंतिम संस्कार में दीपक अकेले ही शामिल हुए. क्योंकि उनकी पत्नी, पुत्र बेटी और बहन सहित सभी लोग होम क्वारेंटीन हैं. दीपक बिस्सा गत वर्ष खुद कोरोना संक्रमित हुए थे. लेकिन जल्द ठीक होकर वापस ड्यूटी पर लौट आए. लेकिन जबसे कोरोना शुरू हुआ है वे अपने वृद्ध परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर सजग रहते हैं. यही कारण था कि इस वर्ष वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो उन्होंने पिता को दोनों डोज लगवा दी.
मां और पत्नी को भी एक एक डोज लगवाई. ससुर के भी एक डोज लग चुकी थी. पत्नी और बच्चों को खांसी बुखार आया तो जांच करवाई. तीनों की 19 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई. दोनों बच्चे होम आइसोलेट हुए. 47 साल की पत्नी को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. 21 अप्रैल को पिताजी 78 साल के उनके पिताजी सूर्यप्रकाश बिस्सा को खांसी हुई तबीयत बिगडी तो एमजीएच गए बेड नहीं मिला निजी अस्पताल में भर्ती करवाया. इलाज शुरू हुआ.
इधर ससुर मंडलदत्त पुरोहित (76) भी पॉजिटिव आ गए. उनका घर पर उपचार चल रहा था. 23 अप्रेल को ससुर का देहांत हो गया. उनके अंतिम संस्कार के 24 घंटे ही नहीं हुए थे कि अगले दिन 24 अप्रेल को पिता सूर्यप्रकाश बिस्सा की रात को मृत्यु हो गई. दो झटकों के बाद मां सूरजकौर (68) की तबीयत बिगडी तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. उन्हें भी 27 अप्रेल को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया.
29 अप्रैल की रात को उनका भी निधन हो गया. पहले अपने दो अभिभावक खो चुके दीपक बिस्सा को मां के यूं चले जाने का कभी नहीं सोचा था. अभी दीपक की पत्नी, बच्चे बहन, बहनोई और भांजा भांजी सभी संक्रमित होने से उपचारत हैं. सभी रस्में दीपक अकेले ही पूरी कर रहे हैं.