जोधपुर. जिले के सरकारी अस्पतालों में कोरोना के कम गंभीर मरीजों का दबाव कम करने के लिए जोधपुर डेयरी के पास राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान में अटल कम्यूनिटी कोविड रिलीफ सेंटर (Atal Community Covid Relief Center) का कार्य पूरा हो गया है. एम्स सपोर्टेड आइसोलेशन सेंटर का संचालन एम्स की ओर से ही किया जाएगा. मंगलवार को यह सेंटर काम करना शुरू कर देगा. केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के प्रयासों से सेंटर का काम पूरा हुआ है.
सफाईकर्मियों का स्वागत
सोमवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने सेंटर को जोधपुर एम्स के डॉक्टरों को सुपुर्द कर दिया. खास बात यह है कि इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने सबसे पहले सफाईकर्मियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इन सभी ने इस सेंटर के लिए कड़ी मेहनत की है.
120 बेड की सुविधा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बहुत कम समय में सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत से यह सेंटर तैयार हुआ है. यहां 120 बेड की सुविधा विकसित की गई है. सभी बेड पर ऑक्सीजन लाइन और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator) लगाए गए हैं. यहां पर हल्के लक्षणों के साथ कम गंभीर मरीजों को भी उपचार दिया जाएगा. इससे मथुरा दास माथुर अस्पताल ( Mathura Das Mathur Hospital Jodhpur) का दबाव कम होगा और वहां गंभीर मरीजों का उपचार हो सकेगा.
जोधपुर एम्स के डॉक्टर करेंगे संचालन
शेखावत ने यह भी बताया कि अगले 2 दिन में यहां 5 वेंटिलेटर भी इंग्लैंड से आ जाएंगे, जिसके बाद यहां अगर कोई मरीज गंभीर होता है तो उसे भी कहीं ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी. शेखावत के अनुसार इस सेंटर का संचालन जोधपुर एम्स के डॉक्टर ही करेंगे. यह सेंटर टू वे सिस्टम (Two Way System) पर काम करेगा.
यहां मथुरादास माथुर अस्पताल और महात्मा गांधी अस्पताल से मरीज आ भी सकेंगे और यहां से रेफर भी हो सकेंगे. इसके अलावा अगर कोई मरीज गंभीर अवस्था में या हल्के लक्षणों के साथ आएगा तो उसे भी यहां उपचार दिया जाएगा.
पहले 500 बेड का था प्लान
कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के तुरंत बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर के स्थानीय प्रशासन से मिलकर एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज (MBM Engineering College) में 500 बेड का कोविड सेंटर बनाने की बात कही थी. इसको लेकर संभावना भी तलाश की गई. स्वास्थ्य विभाग के मौजूदा संसाधनों पर दबाव के चलते एम्स के सहयोग से 120 बेड का एक प्रकार का अस्थाई अस्पताल ही विकसित कर दिया गया.