जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 10 फरवरी 2022 को एक आदेश जारी करते हुए आसाराम के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर आईपीएस अजय पाल लांबा को साक्ष्य के लिए (IPS Lamba in Asaram Case) हाईकोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए थे. जिसके खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी पेश की गई थी.
बुधवार को न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी व न्यायाधीश जेके माहेश्वरी ने सुनवाई करते हुए आसाराम को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब तलब किया. वहीं, हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेश पर (Supreme Court Stay on Rajasthan High Court Order) रोक लगा दी.
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने अपनी ही शिष्या के यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से सीआरपीसी 391 के तहत पेश प्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए तत्कालीन डीसीपी अजयपाल लाम्बा को अपील स्तर पर साक्ष्य के लिए बुलाने की अनुमति दी थी. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने आसाराम के अधिवक्ता की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी करते हुए 25 जनवरी 2022 को फैसला सुरक्षित रखा था.
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हाईकोर्ट ने 10 फरवरी 2022 को इस मामले में प्रार्थना पत्र पर आदेश पारित करते हुए तत्कालीन डीसीपी अजय पाल लाम्बा को अपीलीय स्तर पर साक्ष्य के लिए पेश होने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने 07 मार्च 2022 को तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को व्यक्तिगत रूप से पुस्तक के साथ साक्ष्य के लिए पेश होने के निर्देश दिये थे।तत्कालीन डीसीपी लाम्बा ने आसाराम को लेकर एक पुस्तक "गनिंग फॉर द गॉडमैन, द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापू कन्विक्शन" लिखी थी.
कोर्ट ने रजिस्ट्ररी को निर्देश दिये थे कि राजकीय अधिवक्ता से एड्रेस लेकर तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को 07 मार्च को पुस्तक की एक कॉपी के साथ पेश होने के लिए कहा जाए. 7 मार्च को सुनवाई के दौरान आईपीएस लाम्बा ने हाजिरी माफी पेश की थी, जिसके बाद अब इस मामले में 22 मार्च को अगली सुनवाई होगी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की रोक के चलते फिलहाल आईपीएस अजय पाल लांबा को भी राहत मिली है तो वहीं आसाराम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है.