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आसाराम को राखी बांधने से जेल प्रशासन ने किया मना तो महिला समर्थकों का फूटा गुस्सा, पूछा- ये कैसी आजादी...?

रक्षाबंधन के त्योहार पर गुरुवार को जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर काफी भीड़ देखने को मिली. एक तरफ जहां दूसरी महिलाएं अपने कैदी भाइयों को राखी बांधने के लिए आई थीं तो वहीं यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की भी महिला समर्थक जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर राखी लेकर पहुंची. लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया.

राजस्थान की खबर, jodhpur news
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Published : Aug 15, 2019, 11:25 PM IST

जोधपुर. आसाराम के समर्थक दूरदराज से यात्रा कर गुरुवार को जोधपुर पहुंचे और जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर आसाराम को राखी बांधने के लिए इंतजार करते रहे. लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. वहीं, अंदर नहीं भेजने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है.

जोधपुर में पुलिस ने आसाराम समर्थकों को मिलने से रोका

इस बाबत मीडिया से बात करते हुए महिला समर्थकों ने कहा कि जेल प्रशासन जानबूझकर ऐसा कर रहा है. वे लोग काफी दूरदराज से आए हैं. एक महिला समर्थक ने तो आसाराम को अपना भाई बताया. उसने कहा कि मैं आसाराम की बहन हूं और पिछले कई वर्षों से उन्हें राखी बांध रही हूं. लेकिन आज पुलिस द्वारा उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा. इस बात पर जोधपुर की रातानाडा थाना पुलिस का कहना है कि जेल के अंदर जाने का समय शाम 5:00 बजे तक का था और यह महिलाएं बाद में आई हैं. जिसके चलते उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा.

पढ़ें: कोटा-झालावाड़ NH-52 बारिश के चलते 24 घंटे से अवरुद्ध...घरों में घुसा पानी

आसाराम के समर्थकों का जमावड़ा और सुरक्षा की दृष्टि से रातानाडा पुलिस जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर तैनात रही. साथ ही जब समर्थकों को आसाराम से मिलने नहीं दिया गया तो समर्थकों ने सेंट्रल जेल के पास ही लगे पेड़ पर आसाराम की तस्वीर लगा दी और उसी की पूजा करने लगे. महिला समर्थकों ने भी उस पेड़ को रक्षासूत्र बांधा बता दें कि कुछ समय पहले ही आसाराम ने अपनी किताब के जरिए सभी महिला साधकों से जोधपुर सेंट्रल जेल में राखी नहीं लाने के लिए कहा था. लेकिन इसके बावजूद भी कई महिला समर्थक आज वहां पहुंची. वहीं, महिला समर्थकों का कहाना था कि स्वतंत्रता दिवस पर हम स्वतंत्र नहीं हैं, हमें राखी बांधने को लेकर भी रोका जा रहा है. ये कैसी स्वतंत्रता है.

जोधपुर. आसाराम के समर्थक दूरदराज से यात्रा कर गुरुवार को जोधपुर पहुंचे और जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर आसाराम को राखी बांधने के लिए इंतजार करते रहे. लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. वहीं, अंदर नहीं भेजने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है.

जोधपुर में पुलिस ने आसाराम समर्थकों को मिलने से रोका

इस बाबत मीडिया से बात करते हुए महिला समर्थकों ने कहा कि जेल प्रशासन जानबूझकर ऐसा कर रहा है. वे लोग काफी दूरदराज से आए हैं. एक महिला समर्थक ने तो आसाराम को अपना भाई बताया. उसने कहा कि मैं आसाराम की बहन हूं और पिछले कई वर्षों से उन्हें राखी बांध रही हूं. लेकिन आज पुलिस द्वारा उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा. इस बात पर जोधपुर की रातानाडा थाना पुलिस का कहना है कि जेल के अंदर जाने का समय शाम 5:00 बजे तक का था और यह महिलाएं बाद में आई हैं. जिसके चलते उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा.

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आसाराम के समर्थकों का जमावड़ा और सुरक्षा की दृष्टि से रातानाडा पुलिस जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर तैनात रही. साथ ही जब समर्थकों को आसाराम से मिलने नहीं दिया गया तो समर्थकों ने सेंट्रल जेल के पास ही लगे पेड़ पर आसाराम की तस्वीर लगा दी और उसी की पूजा करने लगे. महिला समर्थकों ने भी उस पेड़ को रक्षासूत्र बांधा बता दें कि कुछ समय पहले ही आसाराम ने अपनी किताब के जरिए सभी महिला साधकों से जोधपुर सेंट्रल जेल में राखी नहीं लाने के लिए कहा था. लेकिन इसके बावजूद भी कई महिला समर्थक आज वहां पहुंची. वहीं, महिला समर्थकों का कहाना था कि स्वतंत्रता दिवस पर हम स्वतंत्र नहीं हैं, हमें राखी बांधने को लेकर भी रोका जा रहा है. ये कैसी स्वतंत्रता है.

Intro:जोधपुर
रक्षाबंधन के त्यौहार पर आज जोधपुर के सेंट्रल जेल के बाहर काफी भीड़ देखने को मिली एक तरफ जहां दूसरी महिलाएं अपने कैदी भाइयों को राखी बांधने के लिए आई थी तो वही अपने ही आश्रम की नाबालिक के साथ यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की भी महिला समर्थक जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर राखी लेकर पहुंची। लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया। जिसको लेकर आसाराम की महिला समर्थक काफी नाराज दिखाई दी। उनका कहना था कि स्वतंत्रता दिवस पर हम स्वतंत्र नहीं है हमें राखी बांधने को लेकर भी रोका जा रहा है।Body: आसाराम के समर्थक दूरदराज से यात्रा कर आज जोधपुर पहुंचे और जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर भी आसाराम को राखी बांधने के लिए इंतजार करते रहे ।लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया। अंदर नहीं भेजने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन मीडिया से बात करते समय महिलाओं का कहना है कि जेल प्रशासन जानबूझकर ऐसा कर रहा है वे लोग काफी दूरदराज से आए हैं। दूरदराज से आई एक महिला समर्थक ने तो आसाराम को अपना भाई बताया उसने कहा कि मैं आसाराम की बहन हूं और पिछले कई वर्षों से उन्हें राखी बांध रही हूं ।लेकिन आज पुलिस द्वारा उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा इस बात पर जोधपुर की रातानाडा थाना पुलिस का कहना है कि जेल के अंदर जाने का समय शाम 5:00 बजे तक का था और यह महिलाएं बाद में आई है जिसके चलते उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा आसाराम के समर्थकों का जमावड़ा और सुरक्षा की दृष्टि से रातानाडा पुलिस दी जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर तैनात रही। साथ ही जब समर्थकों को आसाराम से मिलने नहीं दिया गया तो समर्थकों ने सेंट्रल जेल के पास ही लगे पेड़ पर आसाराम की तस्वीर लगा दी और उसी की पूजा करने लगेओर महिलाओं ने भी उस पेड़ को रक्षा सूत्र बांधा। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही आसाराम दे अपनी किताब के जरिए सभी महिला साधकों से जोधपुर सेंट्रल जेल में राखी नहीं लाने के लिए कहा था लेकिन इसके बावजूद भी कई मेला समर्थक आज वहां पहुंची।Conclusion:बाईट महिला समर्थक
बाईट महिला समर्थक
बाईट गजेन्द्रसिंह थानाधिकारी रातानाड़ा
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