जोधपुर. आसाराम के समर्थक दूरदराज से यात्रा कर गुरुवार को जोधपुर पहुंचे और जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर आसाराम को राखी बांधने के लिए इंतजार करते रहे. लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. वहीं, अंदर नहीं भेजने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है.
इस बाबत मीडिया से बात करते हुए महिला समर्थकों ने कहा कि जेल प्रशासन जानबूझकर ऐसा कर रहा है. वे लोग काफी दूरदराज से आए हैं. एक महिला समर्थक ने तो आसाराम को अपना भाई बताया. उसने कहा कि मैं आसाराम की बहन हूं और पिछले कई वर्षों से उन्हें राखी बांध रही हूं. लेकिन आज पुलिस द्वारा उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा. इस बात पर जोधपुर की रातानाडा थाना पुलिस का कहना है कि जेल के अंदर जाने का समय शाम 5:00 बजे तक का था और यह महिलाएं बाद में आई हैं. जिसके चलते उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा.
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आसाराम के समर्थकों का जमावड़ा और सुरक्षा की दृष्टि से रातानाडा पुलिस जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर तैनात रही. साथ ही जब समर्थकों को आसाराम से मिलने नहीं दिया गया तो समर्थकों ने सेंट्रल जेल के पास ही लगे पेड़ पर आसाराम की तस्वीर लगा दी और उसी की पूजा करने लगे. महिला समर्थकों ने भी उस पेड़ को रक्षासूत्र बांधा बता दें कि कुछ समय पहले ही आसाराम ने अपनी किताब के जरिए सभी महिला साधकों से जोधपुर सेंट्रल जेल में राखी नहीं लाने के लिए कहा था. लेकिन इसके बावजूद भी कई महिला समर्थक आज वहां पहुंची. वहीं, महिला समर्थकों का कहाना था कि स्वतंत्रता दिवस पर हम स्वतंत्र नहीं हैं, हमें राखी बांधने को लेकर भी रोका जा रहा है. ये कैसी स्वतंत्रता है.