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Hearing in Asaram Case : पीड़िता के अधिवक्ता के परिवार में मातम, अब अगली सुनवाई 25 जनवरी को...

यौन दुराचार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश अपील पर गुरुवार को सुनवाई (Hearing in Asaram Case) नहीं हो पाई. अब अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी.

Rajasthan High Court
राजस्थान उच्च न्यायालय
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Published : Jan 20, 2022, 7:25 PM IST

जोधपुर. आसाराम की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश अपील पर आज सुनवाई नहीं हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी खंडपीठ के समक्ष आसाराम की ओर से वीसी पर अधिवक्ता ने कहा कि पीड़िता के अधिवक्ता पीसी सोलंकी के परिवार में मातम होने की वजह से वो आज पैरवी नहीं कर पाएंगे. इस पर कोर्ट ने बहस के लिए 25 जनवरी की तारीख (Asaram case next hearing) मुकरर्र कर दी.

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था कि उनकी ओर से सीआरपीसी की धारा 391 का एक प्रार्थना पत्र लम्बित है, उस पर सुनवाई की जाए. आसाराम की ओर से अधिवक्ता ने जो प्रार्थना पत्र पेश किया है उसमें तत्कालीन डीसीपी (Role of Ajay Pal Lamba in Asaram Case) अजय पाल लाम्बा से सम्बंधित है. उन्होंने अपनी एक पुस्तक आसाराम को लेकर लिखी है, जिसमें एक पेज पर कुछ लिखा है.

पढ़ें : Asaram Case in Rajasthan HC: पीड़िता के अधिवक्ता ने बहस के लिए मांगा समय, आसाराम के प्रार्थना पत्र पर अब 18 जनवरी को सुनवाई

पढ़ें : Asaram In Jodhpur Central Jail: स्वयं भू बाबा की जिंदगी खतरे में!

उसी को आधार बनाकर आसाराम के अधिवक्ता तत्कालीन डीसीपी लाम्बा जो कि इस केस में अधिकारी थे, उसकी साक्ष्य करवाना चाहते हैं. उन्होंने तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को न्यायालय में बुलाने एवं साक्ष्य दर्ज करने को लेकर प्रार्थना पत्र पेश कर रखा है. तत्कालीन डीसीपी लाम्बा ने ही आसाराम को गिरफ्तार किया था और अपराध स्थल की जांच करते हुए वीडियोग्राफी करवाई थी. अब आसाराम के अधिवक्ता उसी को आधार बनाकर दुबारा साक्ष्य करवाना चाहते हैं.

जोधपुर. आसाराम की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश अपील पर आज सुनवाई नहीं हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी खंडपीठ के समक्ष आसाराम की ओर से वीसी पर अधिवक्ता ने कहा कि पीड़िता के अधिवक्ता पीसी सोलंकी के परिवार में मातम होने की वजह से वो आज पैरवी नहीं कर पाएंगे. इस पर कोर्ट ने बहस के लिए 25 जनवरी की तारीख (Asaram case next hearing) मुकरर्र कर दी.

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा था कि उनकी ओर से सीआरपीसी की धारा 391 का एक प्रार्थना पत्र लम्बित है, उस पर सुनवाई की जाए. आसाराम की ओर से अधिवक्ता ने जो प्रार्थना पत्र पेश किया है उसमें तत्कालीन डीसीपी (Role of Ajay Pal Lamba in Asaram Case) अजय पाल लाम्बा से सम्बंधित है. उन्होंने अपनी एक पुस्तक आसाराम को लेकर लिखी है, जिसमें एक पेज पर कुछ लिखा है.

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उसी को आधार बनाकर आसाराम के अधिवक्ता तत्कालीन डीसीपी लाम्बा जो कि इस केस में अधिकारी थे, उसकी साक्ष्य करवाना चाहते हैं. उन्होंने तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को न्यायालय में बुलाने एवं साक्ष्य दर्ज करने को लेकर प्रार्थना पत्र पेश कर रखा है. तत्कालीन डीसीपी लाम्बा ने ही आसाराम को गिरफ्तार किया था और अपराध स्थल की जांच करते हुए वीडियोग्राफी करवाई थी. अब आसाराम के अधिवक्ता उसी को आधार बनाकर दुबारा साक्ष्य करवाना चाहते हैं.

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