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Asaram Case Hearing in HC : सजा स्थगन याचिका पर बहस करने आसाराम के वकील नहीं पहुंचे जोधपुर, सुनवाई स्थगित - Rajasthan High court

नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के मामले की सुनवाई गुरुवार को नहीं हो (Asaram case hearing postponed) पाई. इसकी वजह आसाराम के वकील का जोधपुर कोर्ट नहीं पहुंचना रहा. उनके स्थानीय वकील ने खंडपीठ में सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया था. कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ गुजरात में लंबित चल रहे रेप के एक मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी.

Asaram case hearing postponed in Rajasthan High Court
सजा स्थगन याचिका पर बहस करने आसाराम के वकील नहीं पहुंचे जोधपुर, सुनवाई स्थगित
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Published : Jun 30, 2022, 10:59 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में गुरुवार को नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की तरफ से दायर सजा स्थगन की याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई. आसाराम की तरफ से बहस करने वाले वकील के जोधपुर नहीं पहुंचने की वजह से सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया (Asaram case hearing postponed) था.

वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में आसाराम की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई. आसाराम की तरफ से हाईकोर्ट में सजा स्थगन को लेकर तीसरी बार याचिका दायर की हुई है. इस मामले में गत 24 मई को हुई सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकारी वकील को अपना जवाब पेश करने का अंतिम अवसर प्रदान किया था. उनकी तरफ से जवाब पेश कर दिया गया. वहीं, आसाराम की तरफ से बहस के लिए वकील जोधपुर नहीं पहुंच पाए. ऐसे में उनके स्थानीय वकील ने खंडपीठ से सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया.

पढ़ें: Asaram Case : आसाराम की तीसरी बार सजा स्थगन याचिका, सरकार को जवाब के लिए अंतिम अवसर

हाईकोर्ट ने गुजरात में आसाराम के खिलाफ लंबित चल रहे दुष्कर्म के एक मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी. उन्होंने सरकारी व आसाराम के वकील को निर्देश दिए कि वे अपनी तरफ से केस की वर्तमान स्थिति की पूरी तथ्यात्मक जानकारी पेश करें. पूर्व में आसाराम की सजा स्थगित करने की याचिका पर खंडपीठ का मानना था कि गुजरात में आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म के मामले की सुनवाई चल रही है. यदि यहां से उनकी सजा स्थगित की जाती है, तो जेल से बाहर निकलते ही गुजरात पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी. ऐसे में सजा स्थगन का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा. इस कारण उनके खिलाफ गुजरात में चल रहे मामले की वस्तुस्थिति स्पष्ट होनी चाहिए.

पढ़ें: आसाराम ने तीसरी बार हाईकोर्ट के समक्ष लगाई जमानत याचिका, सरकार को रिप्लाई के लिए दिया समय

आसाराम के खिलाफ ये था मामला : आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया कि 15 अगस्त, 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़न (Sexual harassment case against Asaram) किया. 20 अगस्त, 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया. जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेजा. जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया. जोधपुर पुलिस 31 अगस्त, 2013 को इन्दौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई. तब से आसाराम जोधपुर जेल में बंद है. अप्रैल 2018 में कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई थी.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में गुरुवार को नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की तरफ से दायर सजा स्थगन की याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई. आसाराम की तरफ से बहस करने वाले वकील के जोधपुर नहीं पहुंचने की वजह से सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया (Asaram case hearing postponed) था.

वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में आसाराम की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई. आसाराम की तरफ से हाईकोर्ट में सजा स्थगन को लेकर तीसरी बार याचिका दायर की हुई है. इस मामले में गत 24 मई को हुई सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकारी वकील को अपना जवाब पेश करने का अंतिम अवसर प्रदान किया था. उनकी तरफ से जवाब पेश कर दिया गया. वहीं, आसाराम की तरफ से बहस के लिए वकील जोधपुर नहीं पहुंच पाए. ऐसे में उनके स्थानीय वकील ने खंडपीठ से सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया गया.

पढ़ें: Asaram Case : आसाराम की तीसरी बार सजा स्थगन याचिका, सरकार को जवाब के लिए अंतिम अवसर

हाईकोर्ट ने गुजरात में आसाराम के खिलाफ लंबित चल रहे दुष्कर्म के एक मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी. उन्होंने सरकारी व आसाराम के वकील को निर्देश दिए कि वे अपनी तरफ से केस की वर्तमान स्थिति की पूरी तथ्यात्मक जानकारी पेश करें. पूर्व में आसाराम की सजा स्थगित करने की याचिका पर खंडपीठ का मानना था कि गुजरात में आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म के मामले की सुनवाई चल रही है. यदि यहां से उनकी सजा स्थगित की जाती है, तो जेल से बाहर निकलते ही गुजरात पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी. ऐसे में सजा स्थगन का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा. इस कारण उनके खिलाफ गुजरात में चल रहे मामले की वस्तुस्थिति स्पष्ट होनी चाहिए.

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आसाराम के खिलाफ ये था मामला : आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया कि 15 अगस्त, 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़न (Sexual harassment case against Asaram) किया. 20 अगस्त, 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया. जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेजा. जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया. जोधपुर पुलिस 31 अगस्त, 2013 को इन्दौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई. तब से आसाराम जोधपुर जेल में बंद है. अप्रैल 2018 में कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए मरते दम तक कारावास की सजा सुनाई थी.

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