जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया. जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए सोमवार को ही अपील पर बहस के लिए कहा. जिसके बाद उनके अधिवक्ता तैयार नहीं थे. ऐसे में अब उच्च न्यायालय ने 3 जनवरी, 2021 को अगली सुनवाई करने के निर्देश दिये हैं.
आसाराम की ओर से उच्च न्यायालय में उसकी ओर से सजा के खिलाफ पेश की गई. अपील पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया गया. जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास ने सोमवार ही अपील पर बहस करने के लिए कहा तो उनके अधिवक्ता ने कहा कि तैयारी करके नहीं आये हैं.
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उनके अधिवक्ता की ओर से प्रार्थना पत्र में कहा गया कि आसाराम की उम्र अब 80 से अधिक हो चुकी है. साथ ही वे साल 2013 से ही जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं. ऐसे में अपील पर सुनवाई जल्द हो, लेकिन कोर्ट ने सहमति दी तो अधिवक्ता तैयार नहीं थे. गौरतलब है कि आसाराम अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
केंद्रीय कारागृह में विशेष अदालत का गठन करते हुए एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा जिनको पॉक्सो एक्ट के तहत दायर मामलों की सुनवाई करने के अधिकार था. करीब छह वर्ष की सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए जहां मुख्य अभियुक्त आसाराम को प्राकृतिक उम्र की समाप्ति तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.