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लक्ष्मी विलास होटल मामलाः होटल का संचालन फिर से भारत होटल्स प्रा. लि. करेगा, 15 अक्टूबर को अगली सुनवाई - Rajasthan High Court Order

राजस्थान हाईकोर्ट ने लक्ष्मी विलास होटल मामले में तीनों आरोपियों के लिए अलग-अलग आदेश जारी कर उन्हें राहत दी है. साथ ही कहा है कि लक्ष्मी विलास होटल का संचालन फिर से भारत होटल्स प्राइवेट लिमिटेड ही करेगा. वहीं, मामले में अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी.

Laxmi Vilas Hotel Case,  Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Sep 22, 2020, 9:40 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत में उदयपुर के लक्ष्मी विलास होटल से जुड़े मामले को लेकर दायर ज्योत्सना सूरी, आशीष गुहा और प्रदीप बैजल की याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस मेहता ने तीनों आरोपियों के लिए अलग-अलग आदेश जारी कर उन्हें बड़ी राहत दी है.

लक्ष्मी विलास होटल मामला

हाईकोर्ट से होटल की कंपनी भारत होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने सीबीआई की ओर से उदयपुर कलेक्टर को रिसिवर नियुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही रिसिवर संपत्ति की गणना नहीं करेंगे. इसके अलावा होटल का संचालन कंपनी के प्रतिनिधि को सौंपना होगा. साथ ही न्यायाधीश दिनेश मेहता ने तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी पर 15 अक्टूबर तक रोक लगा दी है, लेकिन कोई भी इस दौरान विदेश भी नहीं जा सकेगा.

पढ़ें- लक्ष्मी विलास होटल मामले में 3 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई पूरी, आदेश आना बाकी

वहीं, गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही कोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से जारी किए गए आदेश जिसमें गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे, उसे बदलते हुए जमानती मुचलके कोर्ट में 8 अक्टूबर तक भरने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट में भारत होटल्स प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ज्योत्सना सूरी की ओर से सांसद पीपी चौधरी ने पैरवी करते हुए कहा कि जब इस होटल का विनिवेश हुआ था, उस समय तय कीमत से 25 फीसदी ज्यादा रकम पर किया गया था.

साथ ही उन्होंने सीबीआई कोर्ट की ओर से सीबीआई द्वारा इस मामले में लगाई गई क्लोजर रिपेार्ट की अनदेखी करने का भी तर्क देते हुए 15 सितंबर को जारी जोधपुर की सीबीआई विशेष अदालत के आदेशों को अपास्त करने की मांग की. इस पर कोर्ट ने ज्योत्सना सूरी की याचिका पर अलग से जारी आदेश में उदयपुर कलेक्टर जिसे रिसिवर नियुक्त किया गया था, उसके पत्र का भी हवाला दिया. जिसमें लिखा गया कि होटल का संचालन करने के लिए संसाधन नहीं है. इसके लिए राज्य पर्यटन निगम ने भी मना कर दिया है, जबकि केंद्र के पर्यटन विभाग से जवाब अपेक्षित है.

नामी गिरामी वकील हुए शामिल

जोधपुर की सीबीआई अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण शौरी सहित 5 लोगों को आरोपी बनाते हुए होटल को अधिग्रहण करने के आदेश जारी किए थे. जिसकी पालना में उदयपुर कलेक्टर ने बतौर रिसिवर होटल का अधिग्रहण कर रिपोर्ट पेश कर दी. इस मामले में ज्योत्सानी सूरी, प्रदीप बैजल और आशीष गुहा की याचिकाओं पर बहस के लिए हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी, पीपी चौधरी, निशांत बोडा, पल्लव शर्मा सहित अन्य अधिवक्ता वर्चुअल सुनवाई में शामिल हुए. जबकि अरूण शौरी खुद कोर्ट से जुड़े, लेकिन उन्हें सुना नहीं गया. बुधवार को उनकी और एक अन्य की याचिका पर सुनवाई होगी.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को जस्टिस दिनेश मेहता की अदालत में उदयपुर के लक्ष्मी विलास होटल से जुड़े मामले को लेकर दायर ज्योत्सना सूरी, आशीष गुहा और प्रदीप बैजल की याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस मेहता ने तीनों आरोपियों के लिए अलग-अलग आदेश जारी कर उन्हें बड़ी राहत दी है.

लक्ष्मी विलास होटल मामला

हाईकोर्ट से होटल की कंपनी भारत होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने सीबीआई की ओर से उदयपुर कलेक्टर को रिसिवर नियुक्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही रिसिवर संपत्ति की गणना नहीं करेंगे. इसके अलावा होटल का संचालन कंपनी के प्रतिनिधि को सौंपना होगा. साथ ही न्यायाधीश दिनेश मेहता ने तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी पर 15 अक्टूबर तक रोक लगा दी है, लेकिन कोई भी इस दौरान विदेश भी नहीं जा सकेगा.

पढ़ें- लक्ष्मी विलास होटल मामले में 3 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई पूरी, आदेश आना बाकी

वहीं, गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही कोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से जारी किए गए आदेश जिसमें गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे, उसे बदलते हुए जमानती मुचलके कोर्ट में 8 अक्टूबर तक भरने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट में भारत होटल्स प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ज्योत्सना सूरी की ओर से सांसद पीपी चौधरी ने पैरवी करते हुए कहा कि जब इस होटल का विनिवेश हुआ था, उस समय तय कीमत से 25 फीसदी ज्यादा रकम पर किया गया था.

साथ ही उन्होंने सीबीआई कोर्ट की ओर से सीबीआई द्वारा इस मामले में लगाई गई क्लोजर रिपेार्ट की अनदेखी करने का भी तर्क देते हुए 15 सितंबर को जारी जोधपुर की सीबीआई विशेष अदालत के आदेशों को अपास्त करने की मांग की. इस पर कोर्ट ने ज्योत्सना सूरी की याचिका पर अलग से जारी आदेश में उदयपुर कलेक्टर जिसे रिसिवर नियुक्त किया गया था, उसके पत्र का भी हवाला दिया. जिसमें लिखा गया कि होटल का संचालन करने के लिए संसाधन नहीं है. इसके लिए राज्य पर्यटन निगम ने भी मना कर दिया है, जबकि केंद्र के पर्यटन विभाग से जवाब अपेक्षित है.

नामी गिरामी वकील हुए शामिल

जोधपुर की सीबीआई अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण शौरी सहित 5 लोगों को आरोपी बनाते हुए होटल को अधिग्रहण करने के आदेश जारी किए थे. जिसकी पालना में उदयपुर कलेक्टर ने बतौर रिसिवर होटल का अधिग्रहण कर रिपोर्ट पेश कर दी. इस मामले में ज्योत्सानी सूरी, प्रदीप बैजल और आशीष गुहा की याचिकाओं पर बहस के लिए हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी, पीपी चौधरी, निशांत बोडा, पल्लव शर्मा सहित अन्य अधिवक्ता वर्चुअल सुनवाई में शामिल हुए. जबकि अरूण शौरी खुद कोर्ट से जुड़े, लेकिन उन्हें सुना नहीं गया. बुधवार को उनकी और एक अन्य की याचिका पर सुनवाई होगी.

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