जोधपुर. शहर की इंडस्ट्रीज में काम करने वाले श्रमिकों के शनिवार रात को शुरू हुआ पलायन का दौर रविवार को भी चलता रहा. आलम यह रहा कि सरकारी बसें रविवार को नहीं गई. बस स्टैंड पर आरएसी तैनात करनी पड़ी. बाद में प्रशासन ने निजी बसें शहर में तीन जगह प्वॉइंट बनाकर लगाई और उनसे उत्तर प्रदेश की सीमा तक मजदूरों को भेजने की व्यवस्था की गई.
बता दें कि बसें दोपहर बाद ही प्वॉइंट पर पहुंची थी, लेकिन लोगों का जमावड़ा सुबह से ही हो गया. हजारों की संख्या में सड़क पर भीड़ आ गई तो पुलिस ने स्कूलों के खाली मैदान में उन्हें बैठाया. लेकिन यहां सोशल डिस्टेंस का फार्मूला पूरी तरह से फेल हो गया. उत्तर प्रदेश जाने वाले परिवारों में बच्चे महिलाएं युवा सभी शामिल थे, जो अपने अस्थाई आवास खाली कर यहां से रवाना हो गए.
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श्रमिकों ने बताया कि काम धंधा बंद हो चुका है. फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं. ऐसे में जो पैसा बचा है, उससे गांव पहुंच जाएं तो ठीक रहेगा. जिला प्रशासन ने सांगरिया, बासनी और झालामंड क्षेत्र में तीन जगह पर जहां मजदूरों की बस्तियां हैं, वहां प्वॉइंट बनाकर 50 निजी बसें भिजवाई और मॉनिटरिंग के लिए सरकारी कर्मचारी भी तैनात किए. खास बात यह रही कि हर प्वॉइंट पर हजारों की भीड़ के लिए पुलिस और स्थानीय लोगों ने खाने पीने के सामान की भी व्यवस्था की.