जोधपुर. सिरोही जिले के पिंडवाडा के तत्कालीन तहसीलदार कल्पेश जैन को राजस्थान उच्च न्यायालय ने जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है. आंवला के पेड़ों से छाल उतारने का ठेका देने के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सिरोही एसीबी की टीम ने कल्पेश जैन को 25 मार्च 2021 को उनके निवास से गिरफ्तार किया था.
मामले में ठेका देने के एवज में तहसीलदार जैन ने ठेकेदार को पिंडवाडा में भांवरी सर्कल के राजस्व निरीक्षक पर्वतसिंह से मुलाकात के लिए कहा था. पर्वत सिंह ने मोल भाव के बाद पांच लाख रुपये का सौदा एक लाख रुपये में तय किया था. ठेकेदार ने इसकी शिकायत एसीबी सिरोही के कार्यालय में कर दी थी और एसीबी ने रिश्वत लेते पर्वत सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. पर्वतसिंह ने रिश्वत राशि तहसीलदार जैन के लिए लेना बताया था.
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इस पर एसीबी ने पिंडवाड़ा के तहसीलदार जैन के निवास पर पहुंची तो जैन ने एसीबी की टीम को देखते हुए अपने घर में रखे बीस लाख रुपये के नोट गैस के चूल्हे पर जला दिये थे, लेकिन एसीबी ने उसके बावजूद गिरफ्तार कर लिया था. मंगलवार को याचिकाकर्ता जैन की ओर से अधिवक्ता ने पक्ष रखा कि मामले में अनुसंधान पूरा हो चुका है. अब आरोपी याचिकाकर्ता को कस्टडी में रखने का औचित्य नहीं है, क्योंकि मामले में केस लम्बा चलेगा. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी कल्पेश जैन को पचास हजार के व्यक्तिगत मुचलके एवं पच्चीस पच्चीस हजार के दो जमानती मुचलकों पर रिहा करने का आदेश दिया है.