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जोधपुर: 14 वर्ष से फरार हत्यारोपी इटावा से गिरफ्तार, 5 हजार का है इनामी

साल 2006 में हुए सुरेश शर्मा हत्याकांड में एक आरोपी 14 सालों से फरार चल रहा था. जिसे शुक्रवार को जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के डांगियावास थाने और डिएसटी टीम के संयुक्त प्रयास से इटावा से गिरफ्तार किया गया है.

जोधपुर की ताजा हिंदी खबरें, Jodhpur Police Commissionerate, Murder accused arrested in Jodhpur
14 साल से फरार चल रहा हत्या का आरोपी इटावा से गिरफ्तार
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Published : Jan 1, 2021, 9:11 PM IST

जोधपुर. जनवरी 2006 में हुए सुरेश शर्मा हत्याकांड का एक वांछित अभियुक्त 14 साल बाद पुलिस के हत्थे चढा है. जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के डांगियावास थाने और डिएसटी टीम के संयुक्त प्रयास से पुलिस को ये सफलता मिली है.

उपायुक्त पूर्व धर्मेन्द्र सिंह यादव के अनुसार इस प्रकरण में फरार अभियुक्त सतीश चाहर घटना के बाद से फरार चल रहा था. उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने पांच हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था, लेकिन उसका पता नहीं चल रहा था. हाल ही में लंबित मामलों के अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए चलाए गए अभियन के तहतउसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया.

जिसके बाद ये टीम पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश के शहरों में सतीश के ठीकानों की तलाशी कर रही थी. सतीश ने अपना नाम और आधारकार्ड बदल लिए थे, लेकिन पुलिस लगातार अपने मुखबिरों की सहायता से उसका पीछा कर रही थी. हाल ही में उसने पुलिस को चकमा दे दिया था, लेकिन टीम ने पीछा नहीं छोडा.

पढ़ें- जोधपुर पुलिस कमिश्नर ने अधिकारियों को दीं नववर्ष की शुभकामनाएं, अपराध पर नियंत्रण रखने पर दिया जोर

जिसके बाद पुलिस की टीम ने उसे गुरुवार को इटावा से दस्तायब किया. जब उसे गिरफ्तार किया गया उस समय वो अपने दस्तावेज विदेश जाने के लिए तैयार कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसकी योजना विफल कर दी. इटावा गई टीम में डांगियावास थाने के एएसआई शेषाराम, हेड कांस्टेबल मदनलाल, कांस्टेबल मोहन विश्नोई, डीएसटी पूर्व के कानिस्टेबल ओमाराम, रामनिवास और साइबर सेल के हेड कांस्टेबल राकेश सिंह शामिल थे. जिन्होंने उसकी लोकेशन ट्रेस कर लगातार उसका पीछा किया और उसे गिरफ्तार किया.

जोधपुर. जनवरी 2006 में हुए सुरेश शर्मा हत्याकांड का एक वांछित अभियुक्त 14 साल बाद पुलिस के हत्थे चढा है. जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के डांगियावास थाने और डिएसटी टीम के संयुक्त प्रयास से पुलिस को ये सफलता मिली है.

उपायुक्त पूर्व धर्मेन्द्र सिंह यादव के अनुसार इस प्रकरण में फरार अभियुक्त सतीश चाहर घटना के बाद से फरार चल रहा था. उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने पांच हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था, लेकिन उसका पता नहीं चल रहा था. हाल ही में लंबित मामलों के अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए चलाए गए अभियन के तहतउसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया.

जिसके बाद ये टीम पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश के शहरों में सतीश के ठीकानों की तलाशी कर रही थी. सतीश ने अपना नाम और आधारकार्ड बदल लिए थे, लेकिन पुलिस लगातार अपने मुखबिरों की सहायता से उसका पीछा कर रही थी. हाल ही में उसने पुलिस को चकमा दे दिया था, लेकिन टीम ने पीछा नहीं छोडा.

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जिसके बाद पुलिस की टीम ने उसे गुरुवार को इटावा से दस्तायब किया. जब उसे गिरफ्तार किया गया उस समय वो अपने दस्तावेज विदेश जाने के लिए तैयार कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसकी योजना विफल कर दी. इटावा गई टीम में डांगियावास थाने के एएसआई शेषाराम, हेड कांस्टेबल मदनलाल, कांस्टेबल मोहन विश्नोई, डीएसटी पूर्व के कानिस्टेबल ओमाराम, रामनिवास और साइबर सेल के हेड कांस्टेबल राकेश सिंह शामिल थे. जिन्होंने उसकी लोकेशन ट्रेस कर लगातार उसका पीछा किया और उसे गिरफ्तार किया.

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