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कैसे दबे पांव Corona शरीर में घुस जाता है पता भी नहीं चलता, जोधपुर में अस्पताल से ठीक होकर जाने वाले मां-बेटे ने बताई कहानी - Corona patient in jodhpur

जोधपुर में मरीजों के ठीक होने का औसत देश के औसत से कहीं अधिक है. पूरे देश में जहां अब तक करीब 25 फीसदी रोगी ठीक हो रहे हैं. वहीं, जोधपुर में ये आंकड़ा एक तिहाई पहुंच गया है. शनिवार को कुल 38 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है. इनमें कुछ को घर पर क्वॉरेंटाइन होने के लिए निर्देश दिए हैं, तो कुछ को क्वॉरेंटाइन सेंटर भी भेजा गया है.

MDM अस्पताल से डिस्चार्ज हुए कोरोना के 38 मरीज,  38 corona patients discharged from MDM hospital
MDM अस्पताल से डिस्चार्ज हुए कोरोना के 38 मरीज
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Published : May 2, 2020, 5:30 PM IST

जोधपुर. पूरे शहर में कोरोना फैल चुका है. खास तौर से भीतरी शहर में इसका प्रसार इतना हो गया है कि लोगों को पता ही नहीं चलता कि वे कब किसी अन्य के संक्रमण में आए और पॉजिटिव हो गए. उदयमंदिर स्थित जटिया समाज के न्याति नौहरे के पास रहने वाले 10 साल के प्रवीण सांखला और उसकी मां को शनिवार को MDM अस्पताल से छुट्टी मिली है. दोनों मां बेटे घर नहीं जा पा रहे है क्योंकि प्रवीण के पिता और छोटा भाई अभी भी अस्पताल में ही हैं.

MDM अस्पताल से डिस्चार्ज हुए कोरोना के 38 मरीज

उनका समय पूरा होने पर ही उन्हें घर के लिए छुट्टी मिलेगी. दोनों ने बताया कि हमारे पड़ोस में चार लोग कोरोना पॉजिटिव आए थे. उन्होंने बताया कि हम अपने घर पर ही रहे बाहर भी नहीं निकले. लेकिन जब मोहल्ले में पॉजिटिव मामले आए, तो हमें आंगणवा भेज दिया गया. वहां हमारी लगातार तीन बार जांच हुई, जो नेगेटिव आई. लेकिन बाद में एक जांच पॉजिटिव आई तो हमें यहां लाया गया.

पढ़ें- Special Story: कम्यूनिटी किचन से मिल रहा प्रतिदिन 7 हजार लोगों को खाना, नहीं ली जा रही कोई सरकारी मदद

बिना लक्षण कोरोना पॉजिटिव

प्रवीण और उनकी मां बताते हैं कि हमें इस बात का पता ही नहीं चला कि हम कब पॉजिटिव हुए. दरअसल यह बिना लक्षण के मरीज है. जिन्हें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी कोई लक्षण नहीं आते हैं. ऐसे में सिर्फ इलाज लेकर नेगेटिव होना ही विकल्प बचता है. इन मां बेटों के साथ-साथ कुल 38 लोगों को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दी गई है. इनमें कुछ को घर पर क्वॉरेंटाइन होने के लिए निर्देश दिए हैं, तो कुछ को क्वॉरेंटाइन सेंटर भी भेजा गया है. इनमें 28 को जनाना विंग से छुटटी मिली, तो 10 को सुपर स्पेशलिटी विंग से घर भेजा गया.

इनमें कईयों के परिजन अभी अस्पताल में हैं, तो उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है. जोधपुर शहर में शनिवार दोपहर तक 595 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. इनमें AIIMS में पॉजिटिव आए मामले भी शामिल है. डॉ. SN मेडिकल कॉलेज में शहर के 392 मामले सामने आए है. जबकि AIIMS और डीएमआरसी से बाकी के मामले पॉजिटिव आए हैं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: गहलोत के गृहनगर पैर पसार रहा कोरोना, पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 500 के पार

मरीजों के ठीक होने का औसत सबसे ज्यादा

अकेले मेडिकल कॉलेज से ही 203 रोगी शनिवार दोपहर तक ठीक होकर घर लौटे हैं. जोधपुर में मरीजों के ठीक होने का औसत देश के औसत से कहीं अधिक है. पूरे देश में जहां अब तक करीब 25 फीसदी रोगी ठीक हो रहे हैं. वहीं, जोधपुर में ये आंकड़ा एक तिहाई पहुंच गया है. शनिवार को घर जाने वाली मीनाक्षी ने बताया कि कोरोना से बचने का एक ही उपाय है घर में रहना. डॉक्टर का कहना है कि अधिकतम 14 से बीस दिन अस्पताल में रहने के बाद इन्हें डिस्चार्ज किया गया है.

जोधपुर. पूरे शहर में कोरोना फैल चुका है. खास तौर से भीतरी शहर में इसका प्रसार इतना हो गया है कि लोगों को पता ही नहीं चलता कि वे कब किसी अन्य के संक्रमण में आए और पॉजिटिव हो गए. उदयमंदिर स्थित जटिया समाज के न्याति नौहरे के पास रहने वाले 10 साल के प्रवीण सांखला और उसकी मां को शनिवार को MDM अस्पताल से छुट्टी मिली है. दोनों मां बेटे घर नहीं जा पा रहे है क्योंकि प्रवीण के पिता और छोटा भाई अभी भी अस्पताल में ही हैं.

MDM अस्पताल से डिस्चार्ज हुए कोरोना के 38 मरीज

उनका समय पूरा होने पर ही उन्हें घर के लिए छुट्टी मिलेगी. दोनों ने बताया कि हमारे पड़ोस में चार लोग कोरोना पॉजिटिव आए थे. उन्होंने बताया कि हम अपने घर पर ही रहे बाहर भी नहीं निकले. लेकिन जब मोहल्ले में पॉजिटिव मामले आए, तो हमें आंगणवा भेज दिया गया. वहां हमारी लगातार तीन बार जांच हुई, जो नेगेटिव आई. लेकिन बाद में एक जांच पॉजिटिव आई तो हमें यहां लाया गया.

पढ़ें- Special Story: कम्यूनिटी किचन से मिल रहा प्रतिदिन 7 हजार लोगों को खाना, नहीं ली जा रही कोई सरकारी मदद

बिना लक्षण कोरोना पॉजिटिव

प्रवीण और उनकी मां बताते हैं कि हमें इस बात का पता ही नहीं चला कि हम कब पॉजिटिव हुए. दरअसल यह बिना लक्षण के मरीज है. जिन्हें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी कोई लक्षण नहीं आते हैं. ऐसे में सिर्फ इलाज लेकर नेगेटिव होना ही विकल्प बचता है. इन मां बेटों के साथ-साथ कुल 38 लोगों को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दी गई है. इनमें कुछ को घर पर क्वॉरेंटाइन होने के लिए निर्देश दिए हैं, तो कुछ को क्वॉरेंटाइन सेंटर भी भेजा गया है. इनमें 28 को जनाना विंग से छुटटी मिली, तो 10 को सुपर स्पेशलिटी विंग से घर भेजा गया.

इनमें कईयों के परिजन अभी अस्पताल में हैं, तो उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है. जोधपुर शहर में शनिवार दोपहर तक 595 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. इनमें AIIMS में पॉजिटिव आए मामले भी शामिल है. डॉ. SN मेडिकल कॉलेज में शहर के 392 मामले सामने आए है. जबकि AIIMS और डीएमआरसी से बाकी के मामले पॉजिटिव आए हैं.

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मरीजों के ठीक होने का औसत सबसे ज्यादा

अकेले मेडिकल कॉलेज से ही 203 रोगी शनिवार दोपहर तक ठीक होकर घर लौटे हैं. जोधपुर में मरीजों के ठीक होने का औसत देश के औसत से कहीं अधिक है. पूरे देश में जहां अब तक करीब 25 फीसदी रोगी ठीक हो रहे हैं. वहीं, जोधपुर में ये आंकड़ा एक तिहाई पहुंच गया है. शनिवार को घर जाने वाली मीनाक्षी ने बताया कि कोरोना से बचने का एक ही उपाय है घर में रहना. डॉक्टर का कहना है कि अधिकतम 14 से बीस दिन अस्पताल में रहने के बाद इन्हें डिस्चार्ज किया गया है.

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