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जोधपुर हादसा : प्रजापत समाज और मृतक मजदूर के परिजनों का धरना समाप्त, 12 लाख रुपये के मुआवजे का आश्वासन

जोधपुर के बासनी में मंगलवार को निर्माणाधीन फैक्ट्री की दीवार ढहने से 8 मजदूरों की मौत हो गई थी. मरने वालों में बाड़मेर के पचपदरा निवासी माला राम भी शामिल था. माला राम के परिजन और प्रजापत समाज बुधवार सुबह से ही मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. जिसके बाद पीड़ित परिवार को 12 लाख रुपए के मुआवजे का आश्वासन दिया

jodhpur accident,  Factory wall collapse
जोधपुर फैक्ट्री हादसा
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Published : Nov 11, 2020, 6:02 PM IST

जोधपुर. बासनी पुलिस थाना क्षेत्र के औद्योगिक इलाके में मंगलवार शाम को निर्माणाधीन फैक्ट्री की दीवार ढहने से 8 मजदूरों की मौत हो गई थी. हादसे में 6 गंभीर रूप से मजदूरों का इलाज चल रहा है. बुधवार को सभी मृतकों के पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिए गए. हादसे में प्रजापत समाज के एक मजदूर की भी मौत हो गई. जिसके बाद समाज के लोगों ने मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

पढे़ं: जोधपुर: बासनी हादसे में मौत के बाद प्रजापत समाज का धरना, 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग

बाड़मेर के पचपदरा निवासी माला राम की हादसे में मौत हो गई. जिसके बाद प्रजापत समाज के लोगों ने मथुरा दास माथुर अस्पताल के बाहर उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया और शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया. मृतक के परिजन सुबह 8 बजे से ही धरने पर बैठे थे. परिजन और प्रजापत समाज के लोग राजस्थान सरकार से 20 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे.

मृतक माला राम के परिजनों को 12 लाख रुपए का आश्वासन

धरने की सूचना मिलने पर कई कांग्रेस और बीजेपी के नेता परिजनों से मिलने पहुंचे. पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने भी परिजनों और समाज के लोगों की समझाइश की. आखिर में मृतक के परिजनों को 12 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात पर सहमति बनी और धरना समाप्त करवाया गया. हादसे के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतक परिवारों को 2 लाख रुपए देने की घोषणा की थी तो वहीं मृतक माला राम के परिवार को 5 लाख रुपए रीको एसोसिएशन और 5 लाख रुपए फैक्ट्री के मालिक की तरफ से दिलवाए जाएंगे.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वेस्ट उमेश कुमार ओझा का कहना है कि उचित मुआवजा राशि देने के आश्वासन के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने फैक्ट्री मालिक पवन मालाणी सहित ठेकेदार और क्रेन चलाने वाले लोगों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. उमेश कुमार ओझा का कहना है कि मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

जोधपुर. बासनी पुलिस थाना क्षेत्र के औद्योगिक इलाके में मंगलवार शाम को निर्माणाधीन फैक्ट्री की दीवार ढहने से 8 मजदूरों की मौत हो गई थी. हादसे में 6 गंभीर रूप से मजदूरों का इलाज चल रहा है. बुधवार को सभी मृतकों के पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिए गए. हादसे में प्रजापत समाज के एक मजदूर की भी मौत हो गई. जिसके बाद समाज के लोगों ने मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

पढे़ं: जोधपुर: बासनी हादसे में मौत के बाद प्रजापत समाज का धरना, 25 लाख रुपए मुआवजे की मांग

बाड़मेर के पचपदरा निवासी माला राम की हादसे में मौत हो गई. जिसके बाद प्रजापत समाज के लोगों ने मथुरा दास माथुर अस्पताल के बाहर उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया और शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया. मृतक के परिजन सुबह 8 बजे से ही धरने पर बैठे थे. परिजन और प्रजापत समाज के लोग राजस्थान सरकार से 20 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे.

मृतक माला राम के परिजनों को 12 लाख रुपए का आश्वासन

धरने की सूचना मिलने पर कई कांग्रेस और बीजेपी के नेता परिजनों से मिलने पहुंचे. पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने भी परिजनों और समाज के लोगों की समझाइश की. आखिर में मृतक के परिजनों को 12 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात पर सहमति बनी और धरना समाप्त करवाया गया. हादसे के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतक परिवारों को 2 लाख रुपए देने की घोषणा की थी तो वहीं मृतक माला राम के परिवार को 5 लाख रुपए रीको एसोसिएशन और 5 लाख रुपए फैक्ट्री के मालिक की तरफ से दिलवाए जाएंगे.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वेस्ट उमेश कुमार ओझा का कहना है कि उचित मुआवजा राशि देने के आश्वासन के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने फैक्ट्री मालिक पवन मालाणी सहित ठेकेदार और क्रेन चलाने वाले लोगों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. उमेश कुमार ओझा का कहना है कि मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

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