जयपुर. अपने महंगे शौक पूरे करने के लिए और जल्द अमीर बनने के लिए अब युवा हथियार तस्करी (Youth becoming arms smugglers) के गंदे खेल में उतरने लगे हैं. हाल ही में जयपुर की कमिश्नरेट स्पेशल टीम कि ओर से हथियार तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई में दबोचे गए 6 से अधिक तस्कर महज 19 से 23 साल की उम्र के हैं.
हैरानी की बात यह है कि कार्रवाई में पकड़े गए इन तस्करों का पूर्व में किसी भी तरह का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं पाया गया है और ना ही यह किसी तरह की कोई अपराधिक वारदातों को अंजाम देने की मंशा रखते हैं. जब इन तस्करों से पूछताछ हुई तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिसे जानकर पुलिस के अधिकारी भी काफी अचंभित रह गए.
ऑन डिमांड हथियार सप्लाई और दोगुना मुनाफा : एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि हाल ही में दबोचे गए हथियार तस्कर मध्य प्रदेश से संबंध रखते हैं. 2 दिन पूर्व 21 वर्षीय कुलदीप नामक हथियार तस्कर को 5 हथियारों के साथ दबोचा गया और जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह ऑन डिमांड लोगों को हथियार सप्लाई करने का काम किया करता है.
विभिन्न गैंग के बदमाशों से लेकर हथियार रखने का शौक रखने वाले लोगों को ऑन डिमांड हथियार सप्लाई किए जाते हैं. साथ ही मध्य प्रदेश से जितनी कीमत पर हथियार खरीद कर जो तस्कर डिलीवरी करने के लिए आते हैं, वह उसे दोगुनी कीमत पर बेचते हैं.
कुलदीप ने बताया कि वह एक पिस्टल 25 हजार रुपए में मध्य प्रदेश से खरीद कर लाता है और राजस्थान के विभिन्न जिलों में लोगों को 50 हजार रुपए में सप्लाई किया करता है. तस्करी से जो रुपए प्राप्त होते हैं उसे वह अपने महंगे शौक पूरा करने और मौज मस्ती में खर्च करता है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग : तस्करों से हुई पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए तस्कर अपने निजी वाहनों से हथियार तस्करी करने की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करते हैं. हथियार तस्कर मध्य प्रदेश से बस में सवार होकर राजस्थान के विभिन्न जिलों में हथियार सप्लाई करते हैं और फिर दोगुना मुनाफा कमाकर वापस पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए मध्यप्रदेश पहुंच जाते हैं. हाल ही में दबोचे गए तस्कर कुलदीप ने कुछ महीने पहले ही हथियार तस्करी के धंधे में हाथ आजमाना शुरू किया है और वह पूर्व में तीन बार कोटपुतली, बानसूर और जयपुर में हथियार सप्लाई कर लाखों रुपए का मुनाफा कमा चुका है.
तस्करों के विरुद्ध जयपुर पुलिस का ऑपरेशन 'आग'
हथियार तस्करों पर नकेल कसने के लिए जयपुर पुलिस ने सितंबर 2020 में ऑपरेशन एक्शन अगेंस्ट गन 'आग' की शुरुआत की थी, जो निरंतर जारी है. इसके तहत अब तक जयपुर पुलिस कार्रवाई करते हुए आर्म्स एक्ट में 261 प्रकरण दर्ज कर चुकी है और इसके साथ ही 376 तस्करों को गिरफ्तार कर चुकी है. तस्करों में 7 विधि से संघर्षरत बालक भी शामिल हैं, जिन्हें निरुद्ध करने के बाद बाल सुधार गृह में भेजा गया है. पिछले 5 महीनों की कार्रवाई की यदि बात करें तो पुलिस ने 76 तस्करों को दबोचा है.
तस्करों से बरामद किए गए अलग-अलग किस्म के हथियार : पुलिस कि ओर से की गई कार्रवाई के दौरान तस्करों से अलग-अलग किस्म के हथियार बरामद किए गए हैं. जिसमें 190 देसी कट्टे, 115 पिस्टल, 10 रिवाल्वर, 2 टोपीदार बंदूक, चार 12 बोर राइफल और 3 एयरगन शामिल हैं. इसके साथ ही तस्करों से 27 मैगजीन और 1300 कारतूस बरामद किए गए हैं. तस्करों के साथ ही पुलिस ने उन लोगों को भी गिरफ्तार किया है जिन्होंने अवैध तरीके से हथियार तस्करों से खरीदे हैं.
कार्रवाई जारी लेकिन नहीं थम रही तस्करी : जयपुर पुलिस लगातार विशेष अभियान चलाकर हथियार तस्करों पर नकेल कसने का काम कर रही है. लेकिन इसके बावजूद भी तस्करी के प्रकरण थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस जब भी कार्रवाई करती है तो कोई ना कोई नया तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ता है, जिसमें अधिकतर युवा शामिल होते हैं.
हालांकि जयपुर में लगातार हो रही कार्रवाई के चलते अब तस्करों ने जयपुर के बाहरी इलाकों को अपना नया अड्डा बनाना शुरू किया है. जिसके चलते अब जयपुर पुलिस जयपुर से बाहर दूसरे जिलों में जाकर भी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दे रही है. मध्य प्रदेश से तस्कर अब सीधे हथियार जयपुर में ना लाकर जयपुर के आसपास कोटपुतली, सीकर, अजमेर सहित अन्य जिलों में सप्लाई कर रहे हैं. जिसे देखते हुए अब जयपुर पुलिस दूसरे जिलों की पुलिस के साथ मिलकर भी संयुक्त ऑपरेशन चलाने की कार्ययोजना बना रही है.