जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग कार्य 25 अगस्त तक पूरा हो जाएगा. जिसके बाद कमिश्नर रेलवे सेफ्टी और रेल मंत्रालय के अनुमोदन के बाद नई रेल लाईन को शुरू कर दिया जाएगा. रिमॉडलिंग और इससे यात्रियों को होने वाले फायदें को लेकर जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन प्रेस कॉन्फ्रेस कर मीडिया को जानकारी दी.
जहां डीआरएम ने बताया कि जयपुर स्टेशन से गांधीनगर स्टेशन तक नई ट्रैक और अतिरिक्त सुविधाएं बढ़ाने के लिए रिमॉडलिंग का कार्य 2007-08 में स्वीकृत किया गया था. लेकिन ये कार्य पिछले 12 साल से लंबित चल रहा था ऐसे में डेढ़ महीने के प्रयास के बाद रिमॉडलिंग का निर्णय लिया गया. डीआरएम के मुताबिक रिमॉडलिंग का कार्य चुनौतीपूर्ण है लेकिन अतिरिक्त स्टाफ और अधिकारियों की मॉनिटरिंग के बीच तय समय पर ये काम पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही डीआरएम ने बताया कि रिमॉडलिंग के बाद जयपुर- सवाईमाधोपुर रेलवे ट्रैक के निर्माण के लिए ब्लॉक लेने की जरूरत नहीं होगी.
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रिमॉडलिंग के दौरान जयपुर-सीकर-लुहारू-चुरू ट्रैक पर भी काम किया गया है. इस कार्य के चलते यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को कई सुविधाएं मिलेगी. जिसमें जयपुर रेलवे स्टेशन पर दो नए प्लेटफार्म की सुविधा भी यात्रियों को मिलेगी. डीआरएम मंजूषा जैन ने बताया कि रिमॉडलिंग के काम को 24 घंटे में किया जा रहा है.
जिसके लिए 8 घंटों की शिफ्ट में अलग-अलग टीमें लगाकर कार्य को किया जा रहा है. बता दें कि 60 करोड़ से ज्यादा की लागत से रिमॉडलिंग कार्य किया जा रहा है. रेलवे अधिकारियों की लगन से कम से कम समय में इस काम को करने में सफलता हासिल हुई है. डीआरएम ने बताया कि जयपुर दिल्ली मार्ग पर गांधीनगर रेलवे स्टेशन तक डबल लाइन तैयार की गई है. जल्द ही सवाई माधोपुर लाइन पर भी डबल लाइन का कार्य शुरू किया जाएगा. जिसके इसके लिए 9 करोड से ज्यादा का बजट आ गया है.