जयपुर. राजधानी के तमाम मंदिरों में हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की गई. हनुमान जी का विशेष स्नान और विशेष श्रृंगार किया गया. इस अवसर पर हनुमानजी की महाआरती की गई.
मान्यता है कि हनुमानजी सारे संकट दूर करते हैं. राजधानी जयपुर के प्राचीन खोले के हनुमान मंदिर में कोरोना वायरस को भगाने के लिए हवन किया गया. पंडितों ने हवन में आहुतियां देकर कोरोना वायरस संकट को दूर करने के लिए प्रार्थना की.साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए मंदिर में महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया.
हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर सभी मंदिरों में भक्तों का प्रवेश बंद रहा, लेकिन भक्तों ने अपने घरों में हनुमान जी की पूजा अर्चना कर जन्मोत्सव मनाया. हनुमान जन्मोत्सव के दिन भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाता है. भक्तों की मान्यता है कि ऐसा करने से हनुमान प्रसन्न होकर मनोकामनाएं सुनते हैं.
ये भी पढ़ें- जयपुर: जेके लोन अस्पताल के चिकित्सकों ने तैयार की PPE किट, अन्य किट से 3 गुना सस्ती
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति खोले के हनुमान मंदिर के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि हनुमान जी का जन्मोत्सव पूरे देश में मनाया जा रहा है. खोले के हनुमान मंदिर में भी हनुमान जन्मोत्सव उत्साह के साथ मनाया गया है.
![जयपुर न्यूज, jaipur news](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6714807_727_6714807_1586356287468.png)
लेकिन, लॉकडाउन की वजह से इस बार केवल पुजारियों के द्वारा ही हनुमान जी का जन्म उत्सव मनाया गया. हनुमान जी से प्रार्थना की है कि कोरोना संकट को भगाकर अपने भक्तों की रक्षा करें.
खोले के हनुमान मंदिर में 111 द्रव्य औषधियों से हनुमान जी का महास्नान किया गया है. साथ ही दुर्गाभिषेक और पंचामृत अभिषेक भी किया गया है और विभिन्न तीर्थों से लाए हुए जल से भी भगवान हनुमान जी का अभिषेक किया गया है. इसके बाद महाआरती का आयोजन किया गया. इस अवसर पर हनुमान जी के 1100 नामों की आहुतियां देकर यज्ञ को संपन्न किया गया है.
पढ़ें- SPECIAL: 320 लोगों को किडनी, 43 लोगों को लिवर और 21 लोगों को दिल की जरूरत...
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारीलाल शर्मा ने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर सुबह से ही प्राचीन खोले के हनुमान मंदिर में विशेष पूजा अर्चना और विशेष श्रृंगार किया गया है.
द्रव्य औषधियों के साथ दुग्ध अभिषेक भी किया गया है. लॉकडाउन के चलते भक्तों का मंदिर में प्रवेश बंद है, इसलिए सीमित संख्या में पुजारियों द्वारा महाआरती की गई.