जयपुर. देश में 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. तंबाकू के प्रयोग की रोकथाम को लेकर (World No Tobacco Day 2022) कई अभियान चलाए जा रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग तंबाकू का उपभोग कर रहे हैं और जिसका सालाना खर्च करोड़ों में है. इनमें महिला और पुरुषों से जुड़ा आंकड़ा भी लगभग बराबर है जितने पुरुष तंबाकू खाते हैं, उतनी ही महिलाएं भी तंबाकू का इस्तेमाल कर रही हैं.
इस बार 31 मई को मनाए जाने वाला विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम 'पर्यावरण के लिए खतरनाक है तंबाकू' रखा गया है. डब्ल्यूएचओ के जारी किए गए आंकड़ों की बात करें तो हर साल तंबाकू के उपयोग से विश्व भर में 80 लाख लोगों की मौत होती है. इसके अलावा तंबाकू के सेवन से ह्रदय और कैंसर जैसे रोग भी लोगों को अपनी चपेट में ले रहे हैं. जिसमें ओरल यानी मुंह का कैंसर प्रमुख है. प्रदेश के स्टेट नोडल ऑफिसर ओरल हेल्थ डॉक्टर प्रदीप शर्मा का कहना है कि तंबाकू के उपयोग के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. जिसमें बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा आदि का उपभोग के मामलों में तेजी आई है. आज मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू उत्पाद बन रहे हैं.
आंकड़ों की बात करें तो राजस्थान में लगभग 1 करोड़ 21 लाख लोग तंबाकू का उपयोग करते हैं, जिनमें 68 लाख लोग चबाने वाले तंबाकू, 55 लाख लोग बीड़ी और 13 लाख लोग सिगरेट जैसे तंबाकू उत्पाद का उपभोग कर रहे हैं. वहीं तंबाकू के उपयोग के दौरान अन्य लोग भी सेकेंड हैंड स्मोकिंग यानी सिगरेट या बीड़ी के धुंए का शिकार हो रहे हैं. जिसमें महिलाएं, बच्चे और वृद्ध लोग शामिल हैं.
करोड़ों रुपए खर्च: प्रदेश में तंबाकू के लिए लोग करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में बीड़ी पीने वाले लोग हर वर्ष तकरीबन 234 करोड़ रुपए खर्च करते हैं. जबकि 112 करोड़ रुपए सिगरेट पर खर्च किए जा रहे हैं. अन्य उत्पादों को भी जोड़ा जाए कि तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष प्रदेश में तंबाकू उत्पादों पर खर्च किए जा रहे हैं. राजस्थान में हर वर्ष लगभग 88 हजार मौत तंबाकू के कारण हो रही हैं.
ऐसे में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर प्रदेश में 31 मई को चिकित्सा विभाग की ओर से एक विस्तृत शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा रहा है. जिसमें सरकार के सभी विभाग ,पंचायत, स्कूल आम नागरिक इस कार्यक्रम से जुड़कर तंबाकू सेवन छोड़ने की शपथ लेंगे. इसके अलावा आमजन को तंबाकू से पहले पदार्थों को छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इससे होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जाएगा.