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वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे: युवाओं को भी जकड़ रहा ऑर्थराइटिस, बाल उड़ना सहित ये हैं लक्षण - ऑर्थराइटिस बीमारी के प्रकार

आमतौर पर माना जाता है कि ऑर्थराइटिस की बीमारी बड़ी उम्र के लोगों को होती है, लेकिन अब युवाओं में भी इसके मामले देखने को मिल रहे (Cases of rheumatoid arthritis increasing) हैं. इसके लक्षणों में बाल उड़ना, सुबह के समय जोड़ों में असहनीय दर्द और चेहरे पर चकत्ते होना शामिल है. 12 अक्टूबर को वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे पर आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी और इसके लक्षण...

World Arthritis day 2022, arthritis in youth also seen now a days, know symptoms
वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे: युवाओं को भी जकड़ रहा ऑर्थराइटिस, बाल उड़ना सहित ये हैं लक्षण
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Published : Oct 12, 2022, 6:02 AM IST

जयपुर. 12 अक्टूबर को विश्व भर में वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे के रूप में मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे जागरूकता के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके और समय रहते इस बीमारी का इलाज संभव हो सके. चिकित्सकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में रूमेटाइड ऑर्थराइटिस के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली (Cases of rheumatoid arthritis increasing) है. माना जाता है कि बड़ी उम्र के लोगों को ऑर्थराइटिस होता है, लेकिन अब इसके मामले युवाओं में भी देखे जा रहे हैं.

आंकड़ों की बात करें तो देश में 100 लोगों में से एक व्यक्ति रूमेटाइड आर्थराइटिस का शिकार है. जबकि 200 लोगों में से एक को कमर की गठिया है और 50 लोगों में एक को सीटीडी है, यह महिलाओं में अधिक होती है. जबकि कमर की गठिया पुरूषों में अधिक पाई जाती है. सवाई मानसिंह अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आराधना सिंह का कहना है कि इस बार वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे की थीम 'गठिया इलाज योग्य है' रखी गई है. यह एक प्रकार की बीमारी है जिसे ऑटोइम्यून कण्डीशन के रूप में जाना जाता है.

ऑर्थराइटिस पर क्या कहना है डॉक्टर्स का...

पढ़ें: वर्ल्ड आर्थराइटिस डे : कोरोना संक्रमण के बाद गठिया रोग मरीजों की संख्या में इजाफा, जानें विशेषज्ञ की राय

इसका मतलब यह है कि जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम ही हमारी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला कर देता है. हानिकारक सूक्ष्मजीवों और बीमारियों से बचाने की जिम्मेदारी हमारे इम्यून सिस्टम की होती है. हमें किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने के लिए इम्यून सिस्टम लगातार काम करता है. हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी बाहरी तत्व के खिलाफ लड़ता है. लेकिन कई बार यह गलती से शरीर की अपनी कोशिकाओं पर भी हमला कर देता है, इस स्थिति को ऑटोइम्यून डिजीज कहा जाता है. ऐसे में जब बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाता तो यह रूमेटाइड ऑर्थराइटिस का रूप लेने लगती है, जिसमें मरीज के जोड़ों में असहनीय दर्द होने लगता है. डॉ आराधना का कहना है कि आमतौर पर माना जाता है कि यह बीमारी बड़ी उम्र के लोगों को होती है लेकिन अब युवाओं में भी ऑर्थराइटिस के मामले देखने को मिल रहे (arthritis in youth) हैं.

पढ़ें: किसी भी उम्र में हो सकती है अर्थराइटिस

इस बीमारी के लक्षण:

  • सुबह उठने पर जोड़ों में असहनीय दर्द होना
  • लंबे समय तक फीवर रहना
  • चेहरे पर चकत्ते होना
  • मुंह और पेशाब के रास्ते में छाले होना
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • बाल उड़ना
  • धूप में जाने पर गालों पर या फिर नाक पर लाल निशान हो जाना

पढ़ें: Crepitus Condition : एक उम्र के बाद आम है ये समस्या, नजरअंदाज ना करें इसे

डॉ आराधना का कहना है ऑर्थराइटिस बीमारी कई प्रकार की होती है. युवाओं की बात करें तो कई बार छोटी उम्र के लोग जब सुबह उठते हैं तो उनके पूरे शरीर खासकर जोड़ों में दर्द होता है. ऐसे में इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. कई बार बिस्तर पर लेटा हुआ व्यक्ति 30 मिनट तक नहीं उठ पाता. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि यदि इस तरह के कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है. क्योंकि अब ऑर्थराइटिस बीमारी का इलाज आसानी से संभव है.

जयपुर. 12 अक्टूबर को विश्व भर में वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे के रूप में मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे जागरूकता के रूप में मनाया जा रहा है, ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके और समय रहते इस बीमारी का इलाज संभव हो सके. चिकित्सकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में देश में रूमेटाइड ऑर्थराइटिस के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली (Cases of rheumatoid arthritis increasing) है. माना जाता है कि बड़ी उम्र के लोगों को ऑर्थराइटिस होता है, लेकिन अब इसके मामले युवाओं में भी देखे जा रहे हैं.

आंकड़ों की बात करें तो देश में 100 लोगों में से एक व्यक्ति रूमेटाइड आर्थराइटिस का शिकार है. जबकि 200 लोगों में से एक को कमर की गठिया है और 50 लोगों में एक को सीटीडी है, यह महिलाओं में अधिक होती है. जबकि कमर की गठिया पुरूषों में अधिक पाई जाती है. सवाई मानसिंह अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आराधना सिंह का कहना है कि इस बार वर्ल्ड ऑर्थराइटिस डे की थीम 'गठिया इलाज योग्य है' रखी गई है. यह एक प्रकार की बीमारी है जिसे ऑटोइम्यून कण्डीशन के रूप में जाना जाता है.

ऑर्थराइटिस पर क्या कहना है डॉक्टर्स का...

पढ़ें: वर्ल्ड आर्थराइटिस डे : कोरोना संक्रमण के बाद गठिया रोग मरीजों की संख्या में इजाफा, जानें विशेषज्ञ की राय

इसका मतलब यह है कि जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम ही हमारी स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला कर देता है. हानिकारक सूक्ष्मजीवों और बीमारियों से बचाने की जिम्मेदारी हमारे इम्यून सिस्टम की होती है. हमें किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने के लिए इम्यून सिस्टम लगातार काम करता है. हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी बाहरी तत्व के खिलाफ लड़ता है. लेकिन कई बार यह गलती से शरीर की अपनी कोशिकाओं पर भी हमला कर देता है, इस स्थिति को ऑटोइम्यून डिजीज कहा जाता है. ऐसे में जब बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाता तो यह रूमेटाइड ऑर्थराइटिस का रूप लेने लगती है, जिसमें मरीज के जोड़ों में असहनीय दर्द होने लगता है. डॉ आराधना का कहना है कि आमतौर पर माना जाता है कि यह बीमारी बड़ी उम्र के लोगों को होती है लेकिन अब युवाओं में भी ऑर्थराइटिस के मामले देखने को मिल रहे (arthritis in youth) हैं.

पढ़ें: किसी भी उम्र में हो सकती है अर्थराइटिस

इस बीमारी के लक्षण:

  • सुबह उठने पर जोड़ों में असहनीय दर्द होना
  • लंबे समय तक फीवर रहना
  • चेहरे पर चकत्ते होना
  • मुंह और पेशाब के रास्ते में छाले होना
  • मांसपेशियों में दर्द होना
  • बाल उड़ना
  • धूप में जाने पर गालों पर या फिर नाक पर लाल निशान हो जाना

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डॉ आराधना का कहना है ऑर्थराइटिस बीमारी कई प्रकार की होती है. युवाओं की बात करें तो कई बार छोटी उम्र के लोग जब सुबह उठते हैं तो उनके पूरे शरीर खासकर जोड़ों में दर्द होता है. ऐसे में इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. कई बार बिस्तर पर लेटा हुआ व्यक्ति 30 मिनट तक नहीं उठ पाता. ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि यदि इस तरह के कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है. क्योंकि अब ऑर्थराइटिस बीमारी का इलाज आसानी से संभव है.

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