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जयपुर: फॉरेस्ट्री ट्रेनिंग सेंटर में कार्यशाला आयोजित, मरुभूमि पर हरियाली लाने की कवायद

जयपुर में फॉरेस्ट्री ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक किया गया. इस दौरान वाटर हार्वेस्टिंग और पौधारोपण समेत कई नवीन तकनीकि से लोगों को रूबरू कराया गया.

People participated in workshop of forest training center
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Published : Jul 31, 2019, 7:03 PM IST

जयपुर. फॉरेस्ट्री ट्रेनिंग सेंटर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. वन विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण, वाटर हार्वेस्टिंग और पौधारोपण की विभिन्न तकनीकों की जानकारी दी गई.

कार्यशाला में स्कूली बच्चों के साथ पर्यावरण प्रेमियों ने भी भाग लिया. इस दौरान पौधारोपण के साथ कम खर्चे पर लोहे के ट्री गार्ड बनाने की विधि का भी प्रदर्शन किया गया और अपने शहर को हरा-भरा बनाने के कई तरीकों के बारे में जानकारी दी गई. राजस्थान फॉरेस्ट ट्रेनिंग सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर एनसी जैन ने बताया कि अपने शहर को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

जयपुर में फॉरेस्ट्री ट्रेनिंग सेंटर में कार्यशाला आयोजित

कार्यशाला में शहर को हरा-भरा बनाने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी गई है. जिससे हमें शुद्ध वातावरण और शुद्ध पानी मिल सके. शहर को हरा-भरा बनाने के लिए कई तरीके बताए गए. जिनमें सबसे पहले पौधे लगाने की जानकारी दी. साथ ही अपने घर की छतों पर भी पेड़ पौधे लगाकर हरा-भरा बनाने की विधि भी बताई गई. पेड़ों की टहनियों से भी पौधे बनाने के तरीके बताए गए.

यह भी पढ़ें: विधानसभा अधिकारियों ने विधायकों को हराया, सचिन पायलट जीरो पर आउट

कार्यशाला में पौधे लगाने के लिए लोगों को उपयुक्त स्थान के चुनाव की जानकारी दी गई. साथ ही ऐसी प्रजातियों को सुझाया गया जो पतझड़ में भी हरे भरे रहते हैं. कम पानी में पनपने वाले पौधों के बारे में भी बताया गया. बारिश के दिनों में पेड़ों में पानी का संचय करने की विधि के बारे में बताया गया. इस अवसर पर उप वन संरक्षक देवेंद्र कुमार भारद्वाज ने कहा कि पौधारोपण तो करते हैं लेकिन उन्हें सही तरीके से पौधारोपण की विधियों के बारे में जानकारी नहीं होने से पौधे पनप नहीं पाते हैं. जिसकी शिकायतें सामने आई है आज लोगों को पौधारोपण के सही तरीके बताये गए हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली बच्चों को भी जैव विविधता के बारे में जानकारी दी गई है.

जयपुर. फॉरेस्ट्री ट्रेनिंग सेंटर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. वन विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण, वाटर हार्वेस्टिंग और पौधारोपण की विभिन्न तकनीकों की जानकारी दी गई.

कार्यशाला में स्कूली बच्चों के साथ पर्यावरण प्रेमियों ने भी भाग लिया. इस दौरान पौधारोपण के साथ कम खर्चे पर लोहे के ट्री गार्ड बनाने की विधि का भी प्रदर्शन किया गया और अपने शहर को हरा-भरा बनाने के कई तरीकों के बारे में जानकारी दी गई. राजस्थान फॉरेस्ट ट्रेनिंग सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर एनसी जैन ने बताया कि अपने शहर को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

जयपुर में फॉरेस्ट्री ट्रेनिंग सेंटर में कार्यशाला आयोजित

कार्यशाला में शहर को हरा-भरा बनाने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी गई है. जिससे हमें शुद्ध वातावरण और शुद्ध पानी मिल सके. शहर को हरा-भरा बनाने के लिए कई तरीके बताए गए. जिनमें सबसे पहले पौधे लगाने की जानकारी दी. साथ ही अपने घर की छतों पर भी पेड़ पौधे लगाकर हरा-भरा बनाने की विधि भी बताई गई. पेड़ों की टहनियों से भी पौधे बनाने के तरीके बताए गए.

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कार्यशाला में पौधे लगाने के लिए लोगों को उपयुक्त स्थान के चुनाव की जानकारी दी गई. साथ ही ऐसी प्रजातियों को सुझाया गया जो पतझड़ में भी हरे भरे रहते हैं. कम पानी में पनपने वाले पौधों के बारे में भी बताया गया. बारिश के दिनों में पेड़ों में पानी का संचय करने की विधि के बारे में बताया गया. इस अवसर पर उप वन संरक्षक देवेंद्र कुमार भारद्वाज ने कहा कि पौधारोपण तो करते हैं लेकिन उन्हें सही तरीके से पौधारोपण की विधियों के बारे में जानकारी नहीं होने से पौधे पनप नहीं पाते हैं. जिसकी शिकायतें सामने आई है आज लोगों को पौधारोपण के सही तरीके बताये गए हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली बच्चों को भी जैव विविधता के बारे में जानकारी दी गई है.

Intro:जयपुर
एंकर- जयपुर के फॉरेस्ट्री ट्रेनिंग सेंटर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। वन विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण, वाटर हार्वेस्टिंग और पौधारोपण की विभिन्न तकनीकों की जानकारी दी गई।


Body:कार्यशाला में स्कूली बच्चों के साथ पर्यावरण प्रेमियों ने भी भाग लिया। इस दौरान पौधारोपण के साथ कम खर्चे पर लोहे के ट्री गार्ड बनाने की विधि का भी प्रदर्शन किया गया। और अपने शहर को हरा-भरा बनाने के कई तरीकों के बारे में जानकारी दी गई।

राजस्थान फॉरेस्ट ट्रेनिंग सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर एनसी जैन ने बताया कि अपने शहर को हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में शहर को हरा-भरा बनाने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी गई है। जिससे हमें शुद्ध वातावरण और शुद्ध पानी मिल सके। शहर को हरा-भरा बनाने के लिए कई तरीके बताए गए। जिनमें सबसे पहले पौधे लगाने की जानकारी दी। साथ ही अपने घर की छतों पर भी पेड़ पौधे लगाकर हरा-भरा बनाने की विधि भी बताई गई। पेड़ों की टहनियों से भी पौधे बनाने के तरीके बताए गए। वृक्षारोपण से पहले पेड़ की प्रजाति का चुनाव करना चाहिए। और उसको लगाने के तरीके भी सही होने चाहिए। ताकि पेड़ जल्दी से पनप सकें। पेड़ को सही तकनीक से लगाए जाने के साथ ही पौधे की प्रजाति के अनुसार सही जगह का भी चुनाव जरूरी है। जिस पौधे को जैसी जगह चाहिए वह उसी जगह पर सही पनप सकते हैं। कार्यशाला में बताया गया कि कौन सी जगह पर कौन से पौधे लगाए जाने चाहिए। यह सभी बातें पौधारोपण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। कार्यशाला में ऐसे पौधों के बारे में भी जानकारी दी गई है। जो कि पतझड़ में भी हरे भरे रहते हैं। और कम पानी में पनपने वाले पौधों के बारे में भी बताया गया। बारिश के दिनों में पेड़ों में पानी का संचय करने की विधि के बारे में बताया गया। कि बारिश में पानी का संचय कैसे हो सके ताकि काफी लंबे समय तक पौधों की जड़ों को पानी मिलता रहे। इसके साथ ही पेड़ों को लगाने के प्रबंधन के बारे में भी बता गया ताकि बाद में भी पौधों की देखभाल अच्छे से हो सके।
उप वन संरक्षक देवेंद्र कुमार भारद्वाज ने बताया कि लोग पौधारोपण तो करते हैं लेकिन उन्हें सही तरीके से पौधारोपण की विधियों के बारे में जानकारी नहीं होने से पौधे पनप नहीं पाते हैं। जिसकी शिकायतें सामने आई है आज लोगों को पौधारोपण के सही तरीके बताये गए है। इस कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली बच्चों को भी जैव विविधता के बारे में जानकारी दी गई है।

बाईट- एनसी जैन, डायरेक्टर, फॉरेस्ट्री ट्रेनिंग सेंटर, वन विभाग
बाईट- देवेंद्र कुमार भारद्वाज, उपवन संरक्षक, वन विभाग





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