जयपुर. शहर में नगर निगम क्षेत्र में वेंडिंग जोन तय करने और स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वे करने के लिए नगर निगम मंथन कर रहा है. तैयारी स्ट्रीट वेंडर्स को चिन्हित कर उपयुक्त जगह देकर व्यवस्थित तरीके से बसाये जाने की है. इस काम को चेन्नई की इन्फो मैप्स कंपनी को सौंपा गया है. जो वेंडिंग पॉलिसी के तहत काम को अंतिम रूप देगी.
राजधानी में स्ट्रीट वेंडर्स यानी फुटकर व्यवसायियों को व्यवस्थित करना नगर निगम के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. इससे पार पाने के लिए अब नगर निगम प्रशासन स्ट्रीट वेंडर्स का ऑनलाइन डेटाबेस तैयार करा रहा है ताकि इनकी मॉनिटरिंग भी ऑनलाइन की जा सके। इसका जिम्मा नगर निगम ने चेन्नई की इन्फोमैप्स संस्थान को सौंपा है.
वेंडर्स का डाटाबेस तैयार करने में करीब 5 महीने का समय लगा. इस पर निगम के एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने बताया कि जयपुर में वेंडिंग जोन बनाने के लिए साइंटिफिक आधार पर काम किया जा रहा है. शहर में साप्ताहिक, अस्थाई और नियमित सड़क पर बैठने वाले 3 तरह के फुटकर व्यापारी हैं. जिसकी रिपोर्ट इन्फो मैप्स की ओर से तैयार की गई है. रिपोर्ट को निगम की टीम में भी क्रॉस चेक किया.
अब प्राइमरी रिपोर्ट को अप्रूव करने के लिए मीटिंग बुलाई गई है. उन्होंने बताया कि कमेटी के सामने विस्तृत रूप से कार्य योजना प्रस्तुत की गई है. दिए गए सुझाव पर जल्द में सहमति दे दी जाएगी. उसके बाद सर्वे करके जयपुर के वेंडिंग जोन को निर्धारित करने के काम को आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने साफ किया कि वेंडिंग पॉलिसी के तहत यथासंभव फुटकर व्यापारियों को नजदीकी स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा.
बता दें कि इस प्रक्रिया में जीआईएस और मोबाइल टेक्नोलॉजी के जरिए सर्वे किया गया है. साथ ही आधार कार्ड की अनिवार्यता भी निर्धारित की गई है ताकि स्ट्रीट वेंडर्स को लिंक करके एक ऑनलाइन डेटाबेस तैयार किया जा सके. वेंडिंग जोन निर्धारित करने के बाद यदि फुटकर व्यवसायी तय जगह से कहीं ओर व्यवसाय करता मिलता है तो, उस पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान तय किया जाएगा. संभव है कि नगर निगम की इस व्यवस्था से निकट भविष्य में शहर पहले से ज्यादा व्यवस्थित होगा.