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मोदी 2.0 के 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड: कामकाजी महिलाओं ने रखी सुरक्षा के लिए और काम करने की मांग

मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में कई ताबड़तोड़ फैसले लिए है. 30 मई को शपथ लेने के बाद 6 सितंबर को मोदी सरकार 2.0 को 100 दिन पूरे हो गए है. ऐसे में 100 दिन पूरे होने के साथ-साथ राजधानी जयपुर की कामकाजी महिलाओं की क्या मांग है..जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में..

100 days of modi govt, women reaction on modi govt
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Published : Sep 17, 2019, 7:30 PM IST

जयपुर. नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में अनुच्छेद 370, तीन तलाक, रोड सेफ्टी, आतंकवाद पर लगाम जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए है. लेकिन इन सब के बीच महिलाओं की मोदी 2.0 के 100 दिनों को लेकर क्या कहना है आईए जानते है.

कामकाजी महिलाओं ने बताया कैसे रहे मोदी सरकार के 100 दिन

पढ़ें- मोदी 2.0 के 100 दिनों को रिपोर्ट कार्ड: जयपुर के युवाओं को रोजगार की आस

मोदी सरकार को लेकर राजधानी जयपुर की कामकाजी महिलाओं का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अभी भी काम करने की सरकार को आवश्यकता है. वर्किंग गर्ल्स हो या महिला सभी का कहना है बस और कैब में ट्रैवल करने में अभी भी असुरक्षा महसूस होती है तो उसमें सुधार करवाने की आवश्यकता है.

पढ़ें- मोदी 2.0 के 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड: जानिए अजमेर से महिलाओं की प्रतिक्रिया

वहीं महिलाओं ने बताया कि प्राइवेट ऑफिस में भी महिला सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए. साथ ही उन्होंने बताया की निजी दफ्तरों में काम करने की फ्रीडम अभी भी नहीं है. महिलाओं का कहना है कि निजी क्षेत्र में जॉब सिक्योरिटी भी नहीं है. जिससे कई बार तनाव बना रहता है. सरकार को जॉब सिक्योरिटी को लेकर कोई पॉलिसी लानी चाहिए. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से जो कानून बने हुए उसमें और सख्ती लानी चाहिए. वहीं उनका कहना है कि सरकार ने महिलाओं के लिए अवसर तो बहुत दिए है. लेकिन कई जगहों पर उसको सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा.

जयपुर. नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में अनुच्छेद 370, तीन तलाक, रोड सेफ्टी, आतंकवाद पर लगाम जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए है. लेकिन इन सब के बीच महिलाओं की मोदी 2.0 के 100 दिनों को लेकर क्या कहना है आईए जानते है.

कामकाजी महिलाओं ने बताया कैसे रहे मोदी सरकार के 100 दिन

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मोदी सरकार को लेकर राजधानी जयपुर की कामकाजी महिलाओं का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अभी भी काम करने की सरकार को आवश्यकता है. वर्किंग गर्ल्स हो या महिला सभी का कहना है बस और कैब में ट्रैवल करने में अभी भी असुरक्षा महसूस होती है तो उसमें सुधार करवाने की आवश्यकता है.

पढ़ें- मोदी 2.0 के 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड: जानिए अजमेर से महिलाओं की प्रतिक्रिया

वहीं महिलाओं ने बताया कि प्राइवेट ऑफिस में भी महिला सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए. साथ ही उन्होंने बताया की निजी दफ्तरों में काम करने की फ्रीडम अभी भी नहीं है. महिलाओं का कहना है कि निजी क्षेत्र में जॉब सिक्योरिटी भी नहीं है. जिससे कई बार तनाव बना रहता है. सरकार को जॉब सिक्योरिटी को लेकर कोई पॉलिसी लानी चाहिए. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से जो कानून बने हुए उसमें और सख्ती लानी चाहिए. वहीं उनका कहना है कि सरकार ने महिलाओं के लिए अवसर तो बहुत दिए है. लेकिन कई जगहों पर उसको सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा.

Intro:जयपुर- नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में अनुच्छेद 370, तीन तलाक, रोड सेफ्टी, आतंकवाद पर लगाम और बैंकों के विलय जैसे ऐतिहासिक कम साहसिक फैसले लिए है लेकिन कामकाजी महिलाओ की सुरक्षा को लेकर अभी भी काम करने की आवश्यकता है। यह कहना है राजधानी जयपुर की कामकाजी महिलाओं का। वर्किंग गर्ल्स हो या महिला सभी का कहना है बस और कैब में ट्रेवल करने में अभी भी असुरक्षा महसूस होती है तो उसमें सुधार करवाने की आवश्यकता है।


Body:उन्होंने कहा कि प्राइवेट ऑफिस में भी सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए क्योंकि जब कोई लड़की किसी लड़के से काम की बात करती है तो उसको गलत अंदाज में लिया जाता है। काम मे फ्रीडम अभी भी नहीं है साथ ही निजी क्षेत्र में जॉब सिक्योरिटी भी नहीं है जिससे कई बार तनाव बना रहता है। सरकार को जॉब सिक्योरिटी को लेकर कोई पॉलिसी लानी चाहिए साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से जो कानून बने हुए उसमें ओर सख्ती लानी चाहिए। सरकार ने महिलाओं के लिए अवसर तो बहुत दिए है लेकिन कई जगहों पर उसको सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा।

बाईट- महिलाओं की बाईट



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