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आमेर में डाला छठ पर महिलाओं ने रखा 36 घंटे का निर्जला व्रत

सूर्योपासना के चार दिवसीय डाला छठ पूजा महोत्सव पूरे देशभर में मनाया जा रहा है. यह पर्व सूर्यदेव की उपासना का है. मान्यता है कि छठ पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. राजधानी में भी महिलाओं ने छठ का व्रत किया. इसके साथ ही सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की और अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी की.

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Published : Nov 2, 2019, 11:54 PM IST

जयपुर. छठ पर्व के दिन महिलाएं पति-पुत्र की कुशलता के लिए व्रत करती हैं. इस दिन सुख-समृद्धि के लिए छठी मैया की पूजा की जाती है. महिलाएं वृति खरना शाम से लेकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. राजधानी में भी महिलाओं ने व्रत किया और भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया.

जयपुर में छठ के अवसर पर महिलाओं ने दिया सूर्य को अर्घ्य

36 घंटे का निर्जला व्रत रखे हुए श्रद्धालुओं ने पानी में खडे़ होकर बांस के डाले में ठेकुआ, गन्ना, चना, मोसमी फल सहित पूजा सामग्री रखकर भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया. वहीं बच्चों ने पटाखें छोड़कर डाला छठ पर्व को उत्साह के साथ मनाया. महिलाओं ने एक-दूसरे से गले मिलकर डाला छठ की शुभकामनाएं दी.

पढ़ें- कोटा में महिलाएं छठ पूजा के लिए पहुंची नदी किनारे, डूबते सूर्ये को दिया अर्घ्य

इस पर्व के अवसर पर हजारों की संख्या में दूर-दराज से लोग शामिल हुए और बड़े उत्साह के साथ पर्व को मनाया. रविवार सुबह सूर्योदय से पूर्व सूर्यदेव की पूजा की जाएगी. पर्व के चौथे दिन रविवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत सम्पन्न होगा. इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण करेंगे.

जयपुर. छठ पर्व के दिन महिलाएं पति-पुत्र की कुशलता के लिए व्रत करती हैं. इस दिन सुख-समृद्धि के लिए छठी मैया की पूजा की जाती है. महिलाएं वृति खरना शाम से लेकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. राजधानी में भी महिलाओं ने व्रत किया और भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया.

जयपुर में छठ के अवसर पर महिलाओं ने दिया सूर्य को अर्घ्य

36 घंटे का निर्जला व्रत रखे हुए श्रद्धालुओं ने पानी में खडे़ होकर बांस के डाले में ठेकुआ, गन्ना, चना, मोसमी फल सहित पूजा सामग्री रखकर भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया. वहीं बच्चों ने पटाखें छोड़कर डाला छठ पर्व को उत्साह के साथ मनाया. महिलाओं ने एक-दूसरे से गले मिलकर डाला छठ की शुभकामनाएं दी.

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इस पर्व के अवसर पर हजारों की संख्या में दूर-दराज से लोग शामिल हुए और बड़े उत्साह के साथ पर्व को मनाया. रविवार सुबह सूर्योदय से पूर्व सूर्यदेव की पूजा की जाएगी. पर्व के चौथे दिन रविवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत सम्पन्न होगा. इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण करेंगे.

Intro:जयपुर
एंकर- सूर्योपासना के चार दिवसीय डाला छठ पूजा महोत्सव पर छठ व्रतियों ने सूर्यास्त को अर्ध्य अर्पित कर परिवार में सुख समृद्धि की कामना की। आमेर में महिलाओ ने डाला छठ पर सूर्य की पूजा अर्चना की। Body:36 घंटे का निर्जल निराहार व्रत रखे हुए श्रद्धालुओ ने पानी में खडे होकर बांस के डाले में ठेकुआ, गन्ना, चना, मोसमी फल सहित पूजा सामग्री रखकर भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया। वहीं बच्चों ने पठाखे छोडकर डाला छठ पर्व को उत्साह के मनाया। महिलाएं एक दूसरे से गले मिलकर डाला छठ की शुभकामनाएं दी। इस पर्व के अवसर पर हजारो की संख्या में दूर दराज से लोग शामिल हुए और बड़े उत्साह के साथ पर्व को मनाया। रविवार सुबह सूर्योदय से पूर्व सूर्यदेव की पूजा की जाएगी।  छठ पर्व के दिन उपवास करने वाली महिलाएं पति-पुत्र, धन-धन्य और सुख समृद्धि से परिपूर्ण होकर नियम और निष्ठा से व्रत करती है। महिलाएं वृति खरना शाम से लेकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक बिना कुछ खाए-पीए व्रत रखती हैं। इस बार खरना और अर्घ्य के समय विशेष योग मन जा रहा है। छठ व्रतीयो ने डूबते सूर्य को गेहूं के आटे, गुड़, शक्कर से निर्मित मुख्य प्रसाद ‘ठेकुआ’ के अलावा चावल से बने भुसबा, गन्ना, नारियल, केला, हल्दी, सेव, संतरा, फल-फूल हाथों में लेकर जलाशयों में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। पर्व के चौथे दिन रविवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत सम्पन्न होगा। इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण करेंगे।

बाईट- कविता मिश्रा
बाईट- राजू झा
बाईट- शंकर झा

Conclusion:
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