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हिस्ट्रीशीटर डॉक्टर की डर्टी स्टोरी का The End कब? ईटीवी भारत की खबर पर महिला आयोग ने लिया प्रसंंज्ञान... - Rajasthan Hindi News

जोधपुर में भ्रूण की जांच करने के मामले में एक डॉक्टर को पांचवी बार गिरफ्तार किया (Women Commission on Jodhpur Doctor Fetus Examining Case) गया था. ईटीवी भारत की खबर के आधार पर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ संज्ञान लेते हुए महिला आयोग ने 2 सदस्यीय दल को जांच के लिए जोधपुर भेजने का फैसला लिया है.

Historysheeter Doctor Of jodhpur
हिस्ट्रीशीटर डॉक्टर की डर्टी स्टोरी का The End कब
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Published : Apr 24, 2022, 1:24 PM IST

जयपुर. जोधपुर में हिस्ट्रीशीटर चिकित्सक की डर्टी स्टोरी के खुलासे के बाद राजस्थान महिला आयोग अब हरकत में आ चुका है. महिला आयोग ने ईटीवी भारत की खबर के आधार पर आरोपी चिकित्सक डॉ इम्तियाज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 2 सदस्यीय दल को जांच के लिए जोधपुर भेजने का फैसला किया है. आरोपी डॉक्टर पहली नहीं, दूसरी नहीं बल्कि पांचवी बार (Women Commission on Jodhpur Doctor Fetus Examining Case) रंगे हाथों पकड़ा गया है. इस बार आरोपी को पीसीपीएनडीटी एक्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में विपक्ष ने राजनीतिक आरोपों को तेज कर दिया है, तो वहीं सामाजिक संगठन भी अब सख्त कार्रवाई के पक्ष में हैं.

महिला आयोग सख्ती के मूड में: ईटीवी भारत के जरिए जब राजस्थान महिला आयोग की चेयरपर्सन रेहाना रियाज को मामले की जानकारी मिली तो वे खुद हैरत में रह गई. उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों को समाज में खुला छोड़ना नहीं चाहिए. एक तरफ अशोक गहलोत सरकार गर्ल चाइल्ड सेफ्टी पर काम कर रही है, तो दूसरी ओर चिकित्सक ऐसे कामों में संलिप्त पाए जाते हैं. इसे बिल्कुल भी माफ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि इस मामले में महिला आयोग ने दो सदस्यीय जांच दल को जोधपुर भेजने का फैसला किया है. ताकि इस मामले की पूरी पड़ताल की जाए. साथ ही आरोपी डॉक्टर के लाइसेंस को रद्द करवाने के लिए महिला आयोग की तरफ से सरकार से सिफारिश की जाए और सख्त कदम उठाते हुए आरोपी को सजा दी जानी चाहिए.

ईटीवी भारत की खबर पर महिला आयोग ने लिया प्रसंंज्ञान

ये था मामला पहले हिस्ट्रीशीटर डॉक्टर का: पीसीपीएनडीटी की टीम ने बताया कि जोधपुर में शुक्रवार सुबह लिंग परीक्षण करने के नाम पर जिस डॉक्टर इम्तियाज को पकड़ा गया है, वो करीब चार साल पहले हिस्ट्रीशीटर घोषित किया जा चुका है. उसके खिलाफ इतने केस हैं कि कई थानों की पुलिस उसकी तलाश में थी. चार बार उसे पहले गिरफ्तार किया जा चुका है और अब पांचवी बार फिर उसे दबोचा गया है. चार-पांच दिनों से पीसीपीएनडीटी की टीम और एनएचएम स्टाफ लगातार जाल बिछाकर उसे फंसाने की कोशिश करता रहा. जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें सफलता मिली.

पढ़ें-Jodhpur: भ्रूण जांच करते हुए पांचवीं बार पकड़ा गया डॉक्टर, 70 हजार रुपए में तय हुआ था सौदा

टीम के सदस्यों ने बताया कि एक गर्भवती महिला को इस रेड में शामिल करने के लिए काफी प्रयास किए गए. जब गर्भवती महिला को डॉक्टर के काले कारनामों के बारे में बताया गया तो उसे सजा दिलाने के लिए वो भी तत्काल तैयार हो गई. इस तरह उसकी ही मदद से डॉक्टर को फंसाने का पूरा जाल बुना गया. पीसीपीएनडीटी की टीम ने बताया कि इम्तियाज को पहली बार अक्टूबर 2016 में पकड़ा गया था. उसके बाद मई 2017 में दूसरी, जनवरी 2018 में तीसरी और चौथी बार सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन हर बार छूटने के बाद वो फिर से वही काम करने लगता.

इस मामले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के निदेशक के सुपरविजन में पुलिस ने जांच की है. डॉक्टर इम्तियाज को पकड़ने के लिए टीम (Jodhpur Doctor arrested For Examining Fetus) को काफी मशक्कत करनी पड़ी. टीम ने तीन दिन तक जोधपुर में डेरा डाले रखा, एक प्रेगनेंट लेडी को डेकॉय बनाकर भेजा गया. इसके बाद शहर के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के सुभाष नगर में किराए के मकान में जांच करते हुए गिरफ्तारियां की गई. इसमें मकान मालिक को भी गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसे भी इस काम की जानकारी थी.

पढ़ें-Fetus found in hospital: मानवता को शर्मसार करने वाली घटना,अस्पताल के टॉयलेट में मिला भ्रूण, मामला दर्ज

डॉक्टर नहीं था शर्मसार: हिस्ट्रीशीटर डॉक्टर इम्तियाज की बेशर्मी का आलम ये है कि पकड़े जाने के बावजूद भी उसके चेहरे पर शिकन तक नजर नहीं आई. इम्तियाज भ्रूण परीक्षण के लिए लोगों से 50,000 से लेकर ₹90,000 तक वसूल करता था. पूछताछ के बीच इम्तियाज ने इस बात को भी स्वीकार किया कि 50 भ्रूण परीक्षण करने के बाद उसने गिनती छोड़ दी थी. डॉक्टर इम्तियाज जोधपुर के बालेश्वर के ब्लॉक सीएमओ पद पर कार्य कर रहा था. लेकिन लिंग परीक्षण करते हुए पकड़े जाने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया. इस दौरान उसके पास अनरजिस्टर्ड पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन मिली, जिसके जरिए वो इस कार्रवाई को अंजाम दिया करता था.

आरोपी चिकित्सक डॉ. इम्तियाज, निजी अस्पताल के ओटी सहायक भंवरलाल जांगिड़ और मकान संचालक अशोक प्रजापत के खिलाफ जयपुर में मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों को शनिवार को जोधपुर की कोर्ट में पेश किया गया था. अदालत ने मकान संचालक अशोक को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया, जबकि डॉ. इम्तियाज और ओटी सहायक भंवरलाल को 26 अप्रेल तक रिमांड पर लिया गया है. वहीं भ्रूण परीक्षण की जांच में काम आने वाली अल्ट्रा साउण्ड मशीन दिल्ली से खरीदने की बात सामने आई है. चूंकि ये मशीन बेचना अवैध है, ऐसे में बेचने वाला भी आरोपी होगा. उसे पकड़ने के लिए डॉ. इम्तियाज के साथ जल्द राजस्थान पुलिस दिल्ली जा सकती है. बताया जा रहा है कि ये पोर्टेबल मशीन दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास स्थित भागीरथ पैलेस क्षेत्र के सर्जिकल मार्केट से खरीदा गया है.

पढ़ें-जयपुर : काली माता मंदिर के पास कचरे के ढेर में मिला भ्रूण, जांच में जुटी पुलिस

विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने कही ये बात: महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता सुमन शर्मा ने भी इस मामले में आरोपी चिकित्सक की सेवाएं जल्द से जल्द रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में इस तरह का कृत्य होता है, तो कहीं ना कहीं सरकार के जो प्रयास हैं उन पर भी सवाल उठना लाजमी है. सुमन शर्मा ने कहा कि अगर कोई चिकित्सक भ्रूण परीक्षण के मामले में पांचवीं बार पकड़ा जाता है, तो फिर मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है.

कहीं ना कहीं डॉक्टर को हिस्ट्रीशीटर घोषित किया जाना भी इस बात का इशारा है कि मामला बेहद गंभीर है. लेकिन इसके बावजूद अगर वो चिकित्सक बिना रोक-टोक प्रेक्टिस कर रहा है, तो फिर कैसे बच्चियों को बचाकर देश को सुरक्षित बनाया जाएगा? मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा सिंह ने भी सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि ऐसे चिकित्सकों का तत्काल लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए, ताकि दूसरे लोगों को भी सबक मिल सके.

जयपुर. जोधपुर में हिस्ट्रीशीटर चिकित्सक की डर्टी स्टोरी के खुलासे के बाद राजस्थान महिला आयोग अब हरकत में आ चुका है. महिला आयोग ने ईटीवी भारत की खबर के आधार पर आरोपी चिकित्सक डॉ इम्तियाज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 2 सदस्यीय दल को जांच के लिए जोधपुर भेजने का फैसला किया है. आरोपी डॉक्टर पहली नहीं, दूसरी नहीं बल्कि पांचवी बार (Women Commission on Jodhpur Doctor Fetus Examining Case) रंगे हाथों पकड़ा गया है. इस बार आरोपी को पीसीपीएनडीटी एक्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में विपक्ष ने राजनीतिक आरोपों को तेज कर दिया है, तो वहीं सामाजिक संगठन भी अब सख्त कार्रवाई के पक्ष में हैं.

महिला आयोग सख्ती के मूड में: ईटीवी भारत के जरिए जब राजस्थान महिला आयोग की चेयरपर्सन रेहाना रियाज को मामले की जानकारी मिली तो वे खुद हैरत में रह गई. उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों को समाज में खुला छोड़ना नहीं चाहिए. एक तरफ अशोक गहलोत सरकार गर्ल चाइल्ड सेफ्टी पर काम कर रही है, तो दूसरी ओर चिकित्सक ऐसे कामों में संलिप्त पाए जाते हैं. इसे बिल्कुल भी माफ नहीं किया जा सकता है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि इस मामले में महिला आयोग ने दो सदस्यीय जांच दल को जोधपुर भेजने का फैसला किया है. ताकि इस मामले की पूरी पड़ताल की जाए. साथ ही आरोपी डॉक्टर के लाइसेंस को रद्द करवाने के लिए महिला आयोग की तरफ से सरकार से सिफारिश की जाए और सख्त कदम उठाते हुए आरोपी को सजा दी जानी चाहिए.

ईटीवी भारत की खबर पर महिला आयोग ने लिया प्रसंंज्ञान

ये था मामला पहले हिस्ट्रीशीटर डॉक्टर का: पीसीपीएनडीटी की टीम ने बताया कि जोधपुर में शुक्रवार सुबह लिंग परीक्षण करने के नाम पर जिस डॉक्टर इम्तियाज को पकड़ा गया है, वो करीब चार साल पहले हिस्ट्रीशीटर घोषित किया जा चुका है. उसके खिलाफ इतने केस हैं कि कई थानों की पुलिस उसकी तलाश में थी. चार बार उसे पहले गिरफ्तार किया जा चुका है और अब पांचवी बार फिर उसे दबोचा गया है. चार-पांच दिनों से पीसीपीएनडीटी की टीम और एनएचएम स्टाफ लगातार जाल बिछाकर उसे फंसाने की कोशिश करता रहा. जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें सफलता मिली.

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टीम के सदस्यों ने बताया कि एक गर्भवती महिला को इस रेड में शामिल करने के लिए काफी प्रयास किए गए. जब गर्भवती महिला को डॉक्टर के काले कारनामों के बारे में बताया गया तो उसे सजा दिलाने के लिए वो भी तत्काल तैयार हो गई. इस तरह उसकी ही मदद से डॉक्टर को फंसाने का पूरा जाल बुना गया. पीसीपीएनडीटी की टीम ने बताया कि इम्तियाज को पहली बार अक्टूबर 2016 में पकड़ा गया था. उसके बाद मई 2017 में दूसरी, जनवरी 2018 में तीसरी और चौथी बार सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन हर बार छूटने के बाद वो फिर से वही काम करने लगता.

इस मामले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के निदेशक के सुपरविजन में पुलिस ने जांच की है. डॉक्टर इम्तियाज को पकड़ने के लिए टीम (Jodhpur Doctor arrested For Examining Fetus) को काफी मशक्कत करनी पड़ी. टीम ने तीन दिन तक जोधपुर में डेरा डाले रखा, एक प्रेगनेंट लेडी को डेकॉय बनाकर भेजा गया. इसके बाद शहर के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के सुभाष नगर में किराए के मकान में जांच करते हुए गिरफ्तारियां की गई. इसमें मकान मालिक को भी गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसे भी इस काम की जानकारी थी.

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डॉक्टर नहीं था शर्मसार: हिस्ट्रीशीटर डॉक्टर इम्तियाज की बेशर्मी का आलम ये है कि पकड़े जाने के बावजूद भी उसके चेहरे पर शिकन तक नजर नहीं आई. इम्तियाज भ्रूण परीक्षण के लिए लोगों से 50,000 से लेकर ₹90,000 तक वसूल करता था. पूछताछ के बीच इम्तियाज ने इस बात को भी स्वीकार किया कि 50 भ्रूण परीक्षण करने के बाद उसने गिनती छोड़ दी थी. डॉक्टर इम्तियाज जोधपुर के बालेश्वर के ब्लॉक सीएमओ पद पर कार्य कर रहा था. लेकिन लिंग परीक्षण करते हुए पकड़े जाने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया. इस दौरान उसके पास अनरजिस्टर्ड पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन मिली, जिसके जरिए वो इस कार्रवाई को अंजाम दिया करता था.

आरोपी चिकित्सक डॉ. इम्तियाज, निजी अस्पताल के ओटी सहायक भंवरलाल जांगिड़ और मकान संचालक अशोक प्रजापत के खिलाफ जयपुर में मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों को शनिवार को जोधपुर की कोर्ट में पेश किया गया था. अदालत ने मकान संचालक अशोक को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया, जबकि डॉ. इम्तियाज और ओटी सहायक भंवरलाल को 26 अप्रेल तक रिमांड पर लिया गया है. वहीं भ्रूण परीक्षण की जांच में काम आने वाली अल्ट्रा साउण्ड मशीन दिल्ली से खरीदने की बात सामने आई है. चूंकि ये मशीन बेचना अवैध है, ऐसे में बेचने वाला भी आरोपी होगा. उसे पकड़ने के लिए डॉ. इम्तियाज के साथ जल्द राजस्थान पुलिस दिल्ली जा सकती है. बताया जा रहा है कि ये पोर्टेबल मशीन दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास स्थित भागीरथ पैलेस क्षेत्र के सर्जिकल मार्केट से खरीदा गया है.

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विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने कही ये बात: महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता सुमन शर्मा ने भी इस मामले में आरोपी चिकित्सक की सेवाएं जल्द से जल्द रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में इस तरह का कृत्य होता है, तो कहीं ना कहीं सरकार के जो प्रयास हैं उन पर भी सवाल उठना लाजमी है. सुमन शर्मा ने कहा कि अगर कोई चिकित्सक भ्रूण परीक्षण के मामले में पांचवीं बार पकड़ा जाता है, तो फिर मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है.

कहीं ना कहीं डॉक्टर को हिस्ट्रीशीटर घोषित किया जाना भी इस बात का इशारा है कि मामला बेहद गंभीर है. लेकिन इसके बावजूद अगर वो चिकित्सक बिना रोक-टोक प्रेक्टिस कर रहा है, तो फिर कैसे बच्चियों को बचाकर देश को सुरक्षित बनाया जाएगा? मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा सिंह ने भी सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि ऐसे चिकित्सकों का तत्काल लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए, ताकि दूसरे लोगों को भी सबक मिल सके.

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