जयपुर. करवाचौथ के चांद का इंतजार हर उस सुहागन महिला को रहता है जो अपने अखंड सुहाग के लिए निर्जला व्रत रखकर पति की दीर्घायु की कामना करती है. इसके लिए जयपुर की गुलाबीनगरी में करवाचौथ पर सुहागनें सोलह श्रृंगार कर अपने चांद के दीदार का इंतजार कर रही हैं. इस पल को यादगार बनाने के लिए कई सुहागिनों ने शादी का जोड़ा भी पहना तो, वहीं नवविवाहित सुहागिनें भी अपना पहला करवाचौथ मना रही हैं.
'सजना है मुझे, सजना के लिए' ये गाना करवाचौथ वाले दिन चांद का बेसब्री से इंतजार करने वाली हर एक सुहागिन महिलाओं की जुबां पर होता है. हाथों में खनकती चूड़ियां, माथे पर लगा लाल सिंदूर और सुर्ख लाल साड़ी पहनी ये सुहागिन महिलाएं किसी दुल्हन से कम नजर नहीं आ रही. सुबह से भूखी-प्यासी सुहागिनें शाम के वक्त पूजा करने के लिए सजती और सवरती हैं. इस वक्त उनमें गजब का उत्साह देखने को मिलता है. साथ ही पूरे दिन उपवास रखकर पति की सलामती और लंबी उम्र की दुआ में रात तक चांद के निकलने का इंतजार करती हैं.
इस बार कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी पर करवा चौथ का व्रत रखकर सुहागिनें मिट्टी का नया करवा लाकर उसको सजाएंगी और फिर पूजा करके उस करवे से चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपनव पति के हाथ से पानी पीकर व्रत का पारण करती है. इससे पहले करवा चौथ सेलिब्रेशन को देखते हुए महिलाओं द्वारा सुहाग का प्रतीक माने जाने वाली मेहंदी हाथों पर लगवाने के लिए सुहागिनों में विशेष रुचि दिखाई दी. जयपुर शहर के बाजारों और घरों में मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं की भीड़ देखी गई. वहीं, अधिकांश ब्यूटी पार्लरों में महिलाएं अपने साजन को रिझाने के लिए मेकअप करने में दिनभर व्यस्त रही.
वहीं, कुछ नवविवाहित जोड़े भी अपने पहले करवाचौथ को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे है. पहली बार करवाचौथ करने वाली सुहागिन दीपा कुमावत ने बताया कि, उन्होंने करवा चौथ का व्रत के लिए विशेष डिजाइन वाली मेहंदी लगवाने के साथ साथ विशेष मेकअप करवाकर श्रृंगार किया है. वही करवा चौथ का व्रत पर मेहंदी, मेकअप के अलावा सुहागिनें दिनभर बाजार में करवा चौथ व्रत वाले दिन पहने जाने वाली लाल सूट और मैचिंग करती चूड़ियों की खरीदारी भी करती नजर आई.
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करवाचौथ के दिन सुहागिनें दिनभर बिना कुछ खाए-पिए अपने सुहाग की दीर्घायु और उसके जीवन की रक्षा के लिए कठोर व्रत रखती है. करवाचौथ वाले दिन सुहागिनें दिन में अपनी सास या बुजुर्ग महिला से करवा चौथ व्रत के महत्व से संबंधित कथा सुनती है, जिसमें कथा के माध्यम से विस्तार पूर्वक इस व्रत की महिमा के बारे में सुहागिनों को बताया जाता है. वही दिनभर से बिना कुछ खाए उपवास रखकर सुहागिन रात को चांद के साथ-साथ अपने पति के दीदार करने के बाद अपने व्रत को खोलती है.
करवाचौथ महापर्व महिलाओं के जीवन में ढेरों खुशियां लेकर आता है. इसी लिए इस पर्व को लेकर सुहागिन महिलाओं में हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है. क्योंकि जितना सुहागिनों के मेहंदी का रंग गहरा होता है उतना ही पति के प्रति प्यार बढ़ता है. फिलहाल यही उम्मीद करते हैं कि, इन महिलाओं की मेहंदी का रंग और इनके पति संग उनके जीवन में ढेरों खुशियां लेकर आए.