जयपुर. राजस्थान में नगर निगम चुनाव की घोषणा हो चुकी है. सत्ताधारी दल कांग्रेस इन चुनाव में जीत का दावा कर रही है और जीत के लिए प्रभारी मंत्रियों, विधायकों के ऊपर निर्भर दिखाई दे रही है. लेकिन जयपुर के ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस के मंत्री और विधायकों के परफॉर्मेंस की बात की जाए तो लोकसभा चुनाव में केवल एक आदर्श नगर विधानसभा ऐसी थी जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी को लीड मिली थी. बाकी सभी 9 विधानसभा में कांग्रेस को हार ही नसीब हुई थी.
जयपुर ग्रेटर नगर निगम में मालवीय नगर, सांगानेर, बगरू, विद्याधर नगर और झोटवाड़ा आता है, तो वहीं नगर निगम हेरिटेज में आदर्श नगर, किशनपोल, सिविल लाइंस, हवा महल और आमेर विधानसभा आता है. इन दोनों निगमों में राजस्थान सरकार में दो मंत्री सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास और झोटवाड़ा से लालचंद कटारिया हैं. वहीं, हवामहल से विधायक महेश जोशी विधानसभा में मुख्य सचेतक हैं.
दोनों नगर निगमों में शामिल इन 10 विधानसभा में से केवल आदर्श नगर विधानसभा में ही कांग्रेस पार्टी को जीत मिली थी. बाकी 9 विधानसभा में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी. इनमें से झोटवाड़ा और सिविल लाइंस में तो हार करारी थी. हालांकि, हवा महल में अंतर इतना नहीं था, लेकिन मिली हार ही थी.
इन 10 विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की बात करें तो किशनपोल से अमीन कागजी, बगरू से गंगा देवी और आदर्श नगर से रफीक खान विधायक हैं. इनमें से केवल आदर्श नगर विधायक रफीक खान के क्षेत्र से ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिली थी. बाकी सब विधायक अपने क्षेत्र में चुनाव हार गए थे. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या अब यह विधायक लोकसभा में अपने ऊपर लगे हार के दाग को नगर निगम चुनाव में जीत दिलाकर दे सकेंगे या नहीं.
प्रभारी मंत्री का भी नतीजा रहा था खराब
ऐसा नहीं है कि राजधानी जयपुर से आने वाले मंत्रियों और विधायकों के ही नतीजे खराब रहे थे, बल्कि हकीकत यह है कि उस समय भी जयपुर जिले की लोकसभा सीटों को जिताने की जिम्मेदारी मंत्री शांति धारीवाल के पास प्रभारी मंत्री के तौर पर थी. लेकिन दोनों सीटों पर शांति धारीवाल के प्रभारी रहते चुनाव नतीजे में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था.
हाल ही में जो प्रभारी मंत्री बदले गए हैं, उनमें शांति धारीवाल का प्रभार जिला जयपुर नहीं बदला गया. ऐसे में प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल के सामने भी चुनौती होगी कि वह इन नगर निगम चुनाव में पार्टी को जीत दिला पाते हैं या नहीं.