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सुपर स्पेशलिटी कोर्स में सेवारत चिकित्सकों को आरक्षण क्यों नहीं: HC - Rajasthan High Court Order

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि सुपर स्पेशलिटी कोर्स की स्टेट कोटे की सीटों में सेवारत चिकित्सकों को आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है.

Case for giving reservation to serving doctors,  Super specialty course
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Oct 30, 2020, 8:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि सुपर स्पेशलिटी कोर्स की स्टेट कोटे की सीटों में सेवारत चिकित्सकों को आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश डॉ. कुलदीप पूनिया की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि वर्ष 2016 तक प्रदेश में सेवारत चिकित्सकों को सुपर स्पेशलिटी कोर्स में प्रवेश के लिए 30 फीसदी आरक्षण दिया जाता था. अगस्त 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस आरक्षण को बंद कर दिया गया.

पढ़ें- 31 अक्टूबर से फिर शुरू होगा विधानसभा का 5वां सत्र, जानें इस सत्र में क्या होगा खास

वहीं, सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की वृहदपीठ ने गत 31 अगस्त को तय कर दिया कि पीजी मेडिकल शिक्षा नियम चिकित्सकों के आरक्षण में किसी तरह की रोक नहीं लगाते. यह नियम सिर्फ प्रवेश के लिए न्यूनतम मापदंड तय करते हैं. ऐसे में नीट क्वॉलीफाई सेवारत चिकित्सक आरक्षण के हकदार हैं. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता तय मापदंड पूरी करता है, ऐसे में उसे सेवारत वर्ग में 30 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि सुपर स्पेशलिटी कोर्स की स्टेट कोटे की सीटों में सेवारत चिकित्सकों को आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ ने यह आदेश डॉ. कुलदीप पूनिया की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि वर्ष 2016 तक प्रदेश में सेवारत चिकित्सकों को सुपर स्पेशलिटी कोर्स में प्रवेश के लिए 30 फीसदी आरक्षण दिया जाता था. अगस्त 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस आरक्षण को बंद कर दिया गया.

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वहीं, सुप्रीम कोर्ट की 5 न्यायाधीशों की वृहदपीठ ने गत 31 अगस्त को तय कर दिया कि पीजी मेडिकल शिक्षा नियम चिकित्सकों के आरक्षण में किसी तरह की रोक नहीं लगाते. यह नियम सिर्फ प्रवेश के लिए न्यूनतम मापदंड तय करते हैं. ऐसे में नीट क्वॉलीफाई सेवारत चिकित्सक आरक्षण के हकदार हैं. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता तय मापदंड पूरी करता है, ऐसे में उसे सेवारत वर्ग में 30 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.

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