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ट्रायल या विभागीय जांच लंबित होने के आधार पर पदोन्नति क्यों नहीं - राजस्थान पुलिस डीजीपी

विभागीय जांच लंबित होने को आधार मानकर पदोन्नति नहीं दिए जाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई की. अदालत ने इस बबात पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

प्रतियोगी परीक्षा में सफल, rajasthan highcourt, राजस्थान पुलिस डीजीपी
not promotion on the basis of pending trial or departmental inquiry
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Published : Dec 23, 2019, 11:21 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने उप गृह सचिव, डीजीपी, आईजी जयपुर रेंज और सीकर एसपी को नोटिस जारी कर पूछा है कि हैड कॉन्स्टेबल के प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के बावजूद उसे एएसआई पद के कैडर कोर्स में शामिल क्यों नहीं किया गया. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को कैडर कोर्स में अंतरिम रूप से शामिल करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश महेश कुमार की याचिका पर दिए.

पढ़ेंः जयपुर : नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा

याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवन्दा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने हैड कॉन्सटेबल से एएसआई पद की पदोन्नति के लिए आयोजित लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण किया. वहीं गत 6 नवंबर को याचिकाकर्ता को आउटडोर परीक्षा और साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. याचिका में कहा गया कि साक्षात्कार के बाद विभाग ने दूसरे पुलिसकर्मियों का कैडर कोर्स में भेजने के लिए चयन कर लिया, लेकिन उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा लंबित होने का हवाला देकर परीक्षा परिणाम सीलबंद लिफाफे में रख दिया.

पढ़ेंः पानीपत फिल्म के निर्माता, निदेशक और लेखक के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के योग्य होने के बावजूद उसे कैडर कोर्स में नहीं भेजना अवैधानिक है. इसके अलावा राज्य सरकार का वर्ष 1984 का परिपत्र भी विभाग को ऐसा करने से रोकता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को कैडर कोर्स में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने उप गृह सचिव, डीजीपी, आईजी जयपुर रेंज और सीकर एसपी को नोटिस जारी कर पूछा है कि हैड कॉन्स्टेबल के प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के बावजूद उसे एएसआई पद के कैडर कोर्स में शामिल क्यों नहीं किया गया. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को कैडर कोर्स में अंतरिम रूप से शामिल करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश महेश कुमार की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवन्दा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने हैड कॉन्सटेबल से एएसआई पद की पदोन्नति के लिए आयोजित लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण किया. वहीं गत 6 नवंबर को याचिकाकर्ता को आउटडोर परीक्षा और साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. याचिका में कहा गया कि साक्षात्कार के बाद विभाग ने दूसरे पुलिसकर्मियों का कैडर कोर्स में भेजने के लिए चयन कर लिया, लेकिन उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा लंबित होने का हवाला देकर परीक्षा परिणाम सीलबंद लिफाफे में रख दिया.

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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के योग्य होने के बावजूद उसे कैडर कोर्स में नहीं भेजना अवैधानिक है. इसके अलावा राज्य सरकार का वर्ष 1984 का परिपत्र भी विभाग को ऐसा करने से रोकता है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को कैडर कोर्स में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने उप गृह सचिव, डीजीपी, आईजी जयपुर रेंज और सीकर एसपी को नोटिस जारी कर पूछा है कि हैड कॉन्सटेबल के प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के बावजूद उसे एएसआई पद के कैडर कोर्स में शामिल क्यों नहीं किया गया। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को कैडर कोर्स में अंतरिम रूप से शामिल करने को कहा है। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश महेश कुमार की याचिका पर दिए।Body:याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवन्दा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने हैड कॉन्सटेबल से एएसआई पद की पदोन्नति के लिए आयोजित लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण किया। वहीं गत 6 नवंबर को याचिकाकर्ता को आउटडोर परीक्षा और साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। याचिका में कहा गया कि साक्षात्कार के बाद विभाग ने दूसरे पुलिसकर्मियों का कैडर कोर्स में भेजने के लिए चयन कर लिया, लेकिन उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा लंबित होने का हवाला देकर परीक्षा परिणाम सीलबंद लिफाफे में रख दिया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के योग्य होने के बावजूद उसे कैडर कोर्स में नहीं भेजना अवैधानिक हे। इसके अलावा राज्य सरकार का वर्ष 1984 का परिपत्र भी विभाग को ऐसा करने से रोकता है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को कैडर कोर्स में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।Conclusion:
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