ETV Bharat / city

दोषी पुलिस अधिकारियों पर क्यों नहीं की कार्रवाई: Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने घर में घुसकर मारपीट और छेड़छाड़ के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद निचली अदालत को थाने में ही जमानत लेने की जानकारी देने के प्रकरण में पुलिस के आलाधिकारियों से पूछा है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की.

Rajasthan High Court
Rajasthan High Court
author img

By

Published : Jan 8, 2022, 8:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने घर में घुसकर मारपीट और छेड़छाड़ के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद निचली अदालत को थाने में ही जमानत लेने की जानकारी देने के प्रकरण में पुलिस के आलाधिकारियों से पूछा है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की. इसके साथ ही अदालत ने डीजीपी, आईजी जयपुर रेंज और एसपी अलवर सहित अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस फरजंद अली ने यह आदेश रामजीवन की आपराधिक याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता निशांत शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने 21 फरवरी 2020 को अलवर के रैणी थाने में आरोपी मंजू, पूजा और सुरेश चन्द्र के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट व छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कराया था. निचली अदालत ने दोनों महिला आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज की थी. वहीं, पुलिस ने आरोपी सुरेश चन्द्र को 16 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार किया. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसे जेल भेजते हुए जमानत अर्जी भी खारिज कर दी.

पढ़ें- Rajasthan High Court: तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को साक्ष्य के लिए बुलाने की अर्जी, हाईकोर्ट ने पीड़िता के अधिवक्ता को प्रति देने के दिए निर्देश

याचिका में कहा गया कि आरोपी सुरेश चन्द्र ने 16 दिसंबर को ही एडीजे कोर्ट में जमानत अर्जी पेश कर दी, जिस पर एडीजे ने पुलिस ने रिपोर्ट तलब की. इस पर थानाधिकारी ने अदालत में रिपोर्ट दी कि मामले में छेड़छाड़ की धारा को हटाते हुए दोनों महिला आरोपियों सहित सुरेन्द्र चन्द की 15 जून 2020 को थाने पर ही जमानत ली जा चुकी है. इस पर एडीजे ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोपी को जमानत दे दी. याचिका में कहा गया कि पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कृत्य किया है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पुलिस के आलाधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने घर में घुसकर मारपीट और छेड़छाड़ के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद निचली अदालत को थाने में ही जमानत लेने की जानकारी देने के प्रकरण में पुलिस के आलाधिकारियों से पूछा है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की. इसके साथ ही अदालत ने डीजीपी, आईजी जयपुर रेंज और एसपी अलवर सहित अन्य से जवाब मांगा है. जस्टिस फरजंद अली ने यह आदेश रामजीवन की आपराधिक याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता निशांत शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने 21 फरवरी 2020 को अलवर के रैणी थाने में आरोपी मंजू, पूजा और सुरेश चन्द्र के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट व छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज कराया था. निचली अदालत ने दोनों महिला आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज की थी. वहीं, पुलिस ने आरोपी सुरेश चन्द्र को 16 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार किया. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उसे जेल भेजते हुए जमानत अर्जी भी खारिज कर दी.

पढ़ें- Rajasthan High Court: तत्कालीन डीसीपी लाम्बा को साक्ष्य के लिए बुलाने की अर्जी, हाईकोर्ट ने पीड़िता के अधिवक्ता को प्रति देने के दिए निर्देश

याचिका में कहा गया कि आरोपी सुरेश चन्द्र ने 16 दिसंबर को ही एडीजे कोर्ट में जमानत अर्जी पेश कर दी, जिस पर एडीजे ने पुलिस ने रिपोर्ट तलब की. इस पर थानाधिकारी ने अदालत में रिपोर्ट दी कि मामले में छेड़छाड़ की धारा को हटाते हुए दोनों महिला आरोपियों सहित सुरेन्द्र चन्द की 15 जून 2020 को थाने पर ही जमानत ली जा चुकी है. इस पर एडीजे ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोपी को जमानत दे दी. याचिका में कहा गया कि पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कृत्य किया है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पुलिस के आलाधिकारियों से जवाब तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.