जयपुर. डीजीपी एमएल लाठर अगले माह रिटायर हो रहे हैं. पुलिस बेड़े सहित सब की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राजस्थान पुलिस बेड़े का अगला मुखिया कौन होगा. बुधवार को दिल्ली डीओपीटी में होने वाली बैठक में तीन नामों का पैनल तैयार होगा. राज्य सरकार ने सीनियरिटी के हिसाब से 12 नामों का पैनल पहले ही भेजा हुआ है. अब इन 12 में तीन नामों पर डीओपीटी मुहर लगा कर राज्य सरकार को भेजेगी. वरिष्ठता के आधार पर वैसे तो उत्कल रंजन साहू, उमेश मिश्रा, भूपेंद्र दक के नामों पर मुहर लग सकती (Three names for New DGP) है. हालांकि डीओपीटी की ओर से आए पैनल में से किसे डीजीपी बनाना है, इसका अंतिम फैसला मुख्यमंत्री ही करेंगे. लेकिन ये माना जा रहा है कि दक इस रेस में सबसे आगे हैं.
डीओपीटी की बैठक बुधवार को: प्रदेश में डीजीपी के चयन को लेकर कल यानी बुधवार को दिल्ली में डीओपीटी की बैठक होगी. प्रदेश से मुख्य सचिव उषा शर्मा, मौजूदा डीजीपी एमएल लाठर शामिल होंगे. बैठक में राज्य सरकार की ओर से पूर्व में भेजे गए 12 नामों में से तीन नामों को अंतिम रूप देना है. माना ये जा रहा है कि 1988 बैच के उत्कल रंजन साहू, 1989 बैच के उमेश मिश्रा, 1989 बैच के भूपेंद्र दक तीन नामों पर लग मुहर सकती है. हालांकि वरिष्ठता के आधार पर 1989 बैच की नीना सिंह भी हैं, लेकिन तीन नामों के पैनल में वह चौथे नंबर हैं. पूर्व के तीन नामों में से किसी पर कोई आपत्ति आती है, तो नीना सिंह का नाम शामिल किया जा सकता है.
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राज्य सरकार ने इन 12 अधिकारियों के नाम भेजे: 1988 बैच के उत्कल रंजन साहू, 1989 बैच के भूपेंद्र कुमार दक, 1989 बैच के उमेश मिश्रा, 1989 बैच की नीना सिंह, 1990 बैच के राजीव कुमार शर्मा, 1990 बैच के जंगा श्रीनिवास, 1991 बैच के रवि प्रकाश मेहरडा, 1991 बैच के डीसी जैन, 1991 बैच के ए पोन्नूचामी, 1991 बैच सौरभ श्रीवास्तव, 1992 बैच के राजेश निर्वाण, 1992 बैच के हेमंत प्रियदर्शी का नाम शामिल है.
मिश्रा और दक के बीच मुकाबला : वैसे तो यूपीएससी को कार्मिक विभाग की ओर से भेजी गई सूची में उत्कल रंजन साहू सीनियोरिटी में सबसे टॉप पर हैं, लेकिन सरकार से उनके कोई खास ज्यादा अच्छे रिश्ते नहीं होने के चलते संभावना कम हो जाती है. हालांकि इनसे पहले आईपीएस पीके सिंह और बीएल सोनी का नाम है, लेकिन रिटायरमेंट में छह महीने से कम का समय होने के चलते ये बाहर हैं. पीके सिंह का रिटायरमेंट दिसंबर में है. वहीं बीएल सोनी जनवरी 2023 में सेवानिवृत होंगे. वरिष्ठता में साहू के बाद 1989 बैच के भूपेंद्र दक और उमेश मिश्रा का नाम शामिल है. इसके बाद इसी बैच की नीना सिंह हैं जो अभी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं.
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सूत्रों की मानें तो जिन तीन वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के नाम राज्य के नए पुलिस महानिदेशक के तौर पर दौड़ में शामिल हैं. उनमें भूपेंद्र दक, उमेश मिश्रा के बीच मुकाबला है. भूपेंद्र दक पुलिस महानिदेशक जेल और उमेश मिश्रा पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस के पद पर कार्यरत हैं. डीजी इंटेलिजेंट उमेश मिश्रा को नए पुलिस महानिदेशक की दौड़ में सबसे आगे माने जा सकते हैं. लेकिन उनके आड़े मुख्य सचिव उषा शर्मा वजह बन सकती हैं. उषा शर्मा ब्राह्मण हैं, ऐसे में उमेश मिश्रा भी ब्राह्मण समाज से आते हैं. इसके आलावा बीते कई महीनों में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं, उदयपुर हत्याकांड जैसे कई मामलों में इंटेलिजेंस फेलियर को लेकर उमेश मिश्रा विधायकों और मंत्रियों के निशाने पर रहे थे.
सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायकों और मंत्रियों ने ही इंटेलिजेंस फेलियर की शिकायतें मुख्यमंत्री गहलोत करते हुए कहा था कि इंटेलिजेंस की सूचनाएं समय पर मिलतीं, तो सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं को रोका जा सकता था. ऐसे में उमेश मिश्रा के नाम पर संशय है. इसके बाद भूपेंद्र दक प्रबल रूप से दावेदार हैं. दक जैन समाज से आते हैं. पिछली बार महानिदेशक जेल राजीव दासोत को डीजीपी नहीं बनाया गया था. उस कमी को पूरा करते हुए चुनावी माहौल में जैन समाज को साधने के लिए सरकार भूपेंद्र दक को डीजीपी बना सकती है. यह भी माना जाता है कि भूपेंद्र दक मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी हैं.