जयपुर. हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के नए स्ट्रेन 'ओमीक्रोन' को लेकर अलर्ट जारी (WHO alert regarding Omicron) किया है. दक्षिण अफ्रीका में आए इस कोरोना वायरस B.1.1.529 स्ट्रेन को ओमीक्रोन नाम दिया गया है. ऐसे में दक्षिण अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है और भारत में भी सभी राज्यों को अलर्ट मोड (Instructions to all states to be alert ) पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.
कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा प्लस स्ट्रेन के कारण बड़ी संख्या में जनहानि हुई थी. ऐसे में एक बार फिर से इस नए स्ट्रेन को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है. जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर और फार्मकोलॉजिस्ट डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा (SMS Medical College Pharmacologist Dr. Lokendra Sharma news) का कहना है कि जब से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई है तब से अब तक अलग-अलग प्रकार के स्ट्रेन इसमें देखने को मिल चुके हैं.
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लेकिन साउथ अफ्रीका में जो नया स्ट्रेन मिला है (Dangerous new strain spread in South Africa) वह पिछले सभी स्ट्रेन से काफी अलग है. बताया जा रहा है कि तकरीबन 30 से 40 म्यूटेशन के बाद इस वायरस में बदलाव आया है. यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस का यह स्ट्रेन (corona virus new strain) तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है. ऐसे में कहीं न कहीं यह चिंता का विषय बनता जा रहा है.
वायरस पर रिसर्च जारी
डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि इस नए वायरस पर तेजी से शोध (research doing on new strain) किया जा रहा है ताकि इसके फैलने की रफ्तार को रोका जा सके. हालांकि वैक्सीन लगने के बाद भी लोग पॉजिटिव हो रहे हैं, लेकिन जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है उन पर यह वायरस किस तरह प्रभाव डालेगा यह देखने वाली बात होगी. डॉ. लोकेंद्र का यह भी कहना है कि पिछले जितने भी नए स्ट्रेन कोरोना वायरस के देखने को मिले हैं उनमें वैक्सीन प्रभावी रही है.
ऐसे में उम्मीद है कि जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं उन पर इस वायरस का खास असर नहीं पड़ेगा. हालांकि अभी कोविड-19 संक्रमण को लेकर सरकार की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई है उसकी पालना जरूरी है ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके.