जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से दुखद खबर सामने आई है. रविवार को बायोलॉजिकल पार्क का इकलौता सफेद बाघ चीनू दुनिया को अलविदा (white tiger died in Nahargarh Biological Park) कह गया. सफेद बाघ चीनू एक सप्ताह से बीमार था. बाघ किडनी संबंधी बीमारी से त्रस्त था. बीमार होने की वजह से एक सप्ताह से बाघ ने खाना-पीना भी छोड़ रखा था जिसकी वजह से वह बेहद कमजोर हो गया था. बाघ चीनू ने रविवार दोपहर को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में अंतिम सांसें लीं.
टाइगर की मौत से वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों में दुख की लहर है. मेडिकल बोर्ड की ओर से बाघ का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. 17 मार्च 2021 को व्हाइट टाइगर चीनू को उड़ीसा के नंदनकानन चिड़ियाघर से जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था.
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जानकारी के मुताबिक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क (Nahargarh Biological Park) का इकलौता सफेद बाघ चीनू करीब 1 सप्ताह पहले बीमार हो गया था. चीनू की किडनी में संक्रमण के चलते एक सप्ताह से उसने खाना-पीना भी छोड़ रखा था. वन्यजीव चिकित्सक व्हाइट टाइगर के इलाज में जुटे हुए थे. टाइगर चीनू के इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड भी बनाया गया था. टाइगर चीनू के स्वास्थ्य को लेकर वन विभाग के आला अधिकारी भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे. चीनू की मौत संभवतया लेप्टोस्पायरोसिस वायरस की वजह से हुई है. लेप्टोस्पायरोसिस वायरस चूहे और नेवले के यूरिन से फैलता है.
14 महीने में 9 बिग कैट्स की हो चुकी मौत: राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वर्ष 2020 और 2021 में 14 महीने के दौरान करीब 9 बिग कैट्स की मौत हो चुकी. लेप्टोस्पायरोसिस और कैनाइन डिस्टेंपर बीमारी की वजह से वन्यजीवों की मौतें हुई थी. बाघिन रंभा के शावक रिद्धि, शेरनी सुजैन और सफेद बाघिन सीता, बाघ शावक रुद्र, बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत हो चुकी है. कैनाइन डिस्टेंपर वायरस के कहर के चलते नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 19 सितंबर 2019 को एशियाटिक शेरनी सूजैन की भी मौत हुई थी. सुजैन की प्रारंभिक जांच में आईवीआरआई की टीम ने कैनाइन डिस्टेंपर वायरस होने की पुष्टि की थी. इसके बाद 21 सितंबर 2019 को 10 महीने की बाघिन रिद्धि की मौत हो गई थी. इसके बाद 26 सितंबर को सफेद बाघिन सीता की मौत हो गई थी. 9 जून 2020 को बाघ शावक रुद्र, 10 जून 2020 बब्बर शेर सिद्धार्थ और 18 अक्टूबर 2020 को बब्बर शेर कैलाश की भी मौत हो चुकी है.
सफेद बाघ चीनू की मौत को भी रखा गोपनीय
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इकलौते सफेद टाइगर चीनू की मौत के मामले को भी वन विभाग ने गोपनीय रखा गया. बाघ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सार्वजनिक किए बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. टाइगर की मौत के मामले को लेकर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी. सीएफ पी कथिरवेल, डीएफओ कपिल चंद्रावल ने मीडिया से दूरी बनाते हुए नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर का गेट अंदर से बंद करवा दिया. सफेद बाघ चीनू नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क का सबसे बड़ा आकर्षण था. ऐसे में पर्यटक और वन्यजीव प्रेमियों में चीनू की मौत से निराशा है. बड़ा सवाल यह है कि बाघ की मौत का कारण लापरवाही या कुप्रबंधन तो नहीं. 33 महीने में 10 बिग कैट्स की मौत से देशभर में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की छवि खराब हुई है. अब एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जयपुर को बिग कैट्स मिलना मुश्किल हो जाएगा. वन्यजीव प्रेमियों ने मामले की 'उच्चस्तरीय जांच करवाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
हार्ट अटैक से हुई मौत: टाइगर चीनू का मेडिकल बोर्ड की ओर से पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक टाइगर के सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं. प्रारंभिक जांच में मेडिकल बोर्ड ने पाया है कि टाइगर चीनू की मौत हार्ट अटैक से हुई है. टाइगर के अंतिम संस्कार में वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.