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कोरोना का डरः अब अंगूठे से नहीं OTP से मिलेगा गेहूं, आदेश जारी - OTP will provide wheat

प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की एनएफएसए योजना में पीओएस मशीन से राशन की दुकान से बायोमेट्रिक सत्यापन के स्थान पर ओटीपी से राशन वितरण की व्यवस्था की गई है. ओटीपी से राशन वितरण की व्यवस्था 31 मार्च तक लागू रहेगी.

कोरोना का डर, wheat will be provided with otp
कोरोना का डर
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Published : Mar 18, 2020, 8:17 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए राशन दुकानों पर उपभोक्ताओं को बायोमेट्रिक की जगह ओटीपी के माध्यम से गेहूं का वितरण होगा. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने बुधवार को इसको लेकर एक आदेश जारी किया है. ओटीपी से राशन वितरण की व्यवस्था 31 मार्च तक लागू रहेगी.

कोरोना का डर

मोबाइल पर भेजा जाएगा ओटीपी

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया, कि उचित मूल्य के दुकानदार की ओर से लाभार्थी का राशन कार्ड नंबर पीओएस मशीन पर प्रविष्ट किया जाएगा. उसके बाद लाभार्थी के भामाशाह, जनाधार और आधार डाटा बेस में उपलब्ध मोबाइल नंबर पर SMS के माध्यम से ओटीपी भेजा जाएगा.

पढ़ें- फिलीपींस और इटली में फंसे भारतीय छात्रों का मामला, वतन वापसी के लिए सांसद हनुमान बेनीवाल ने की विदेश मंत्री से मांग

सिद्धार्थ महाजन ने बताया, कि लाभार्थी की ओर से राशन डीलर को ओटीपी उपलब्ध करवाने के बाद पोस मशीन में ओटीपी नंबर दर्ज कर सत्यापन किया जाएगा. जिसके बाद राशन डीलर की ओर से राशन का वितरण लाभार्थी को पीओएस मशीन से कर दिया जाएगा.

ओटीपी नहीं तो भी देना होगा राशन

वहीं, कोई भी लाभार्थी उचित मूल्य दुकानदार को तय समय सीमा में ओटीपी उपलब्ध नहीं करवा पाता है तो डीलर की ओर से पीओएस मशीन पर उपलब्ध करवाए गए निर्धारित कारणों में से किसी एक कारण को चुनते हुए राशन का वितरण करना होगा. महाजन ने बताया, कि बिना ओटीपी के किए गए सभी ट्रांजेक्शन की प्रविष्टि राशन डीलर की ओर से निर्धारित कारणों सहित रजिस्टर में अंकित करनी होगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऑफलाइन चल रही उचित मूल्य की दुकानों के अलावा राशन वितरण की सभी ट्रांजेक्शन पोस मशीन से ही किए जाएंगे.

अंगूठा लगाने से था कोरोना संक्रमण होने की संभावना

प्रदेश में 26 हजार दुकानों पर लाखों ऐसे उपभोक्ता हैं जो पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं लेते हैं. सरकार की ओर से बायोमेट्रिक उपस्थिति पर प्रतिबंध लगने के बाद इस योजना पर भी सवाल खड़े हुए थे और इसके कारण कोरोना का संक्रमण फैलने की संभावना जताई गई थी.

राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से इन लाखों गरीब उपभोक्ताओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया था. प्रत्येक दुकान पर लगभग 200 उपभोक्ता पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन का गेहूं ले रहे थे.

जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए राशन दुकानों पर उपभोक्ताओं को बायोमेट्रिक की जगह ओटीपी के माध्यम से गेहूं का वितरण होगा. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने बुधवार को इसको लेकर एक आदेश जारी किया है. ओटीपी से राशन वितरण की व्यवस्था 31 मार्च तक लागू रहेगी.

कोरोना का डर

मोबाइल पर भेजा जाएगा ओटीपी

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया, कि उचित मूल्य के दुकानदार की ओर से लाभार्थी का राशन कार्ड नंबर पीओएस मशीन पर प्रविष्ट किया जाएगा. उसके बाद लाभार्थी के भामाशाह, जनाधार और आधार डाटा बेस में उपलब्ध मोबाइल नंबर पर SMS के माध्यम से ओटीपी भेजा जाएगा.

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सिद्धार्थ महाजन ने बताया, कि लाभार्थी की ओर से राशन डीलर को ओटीपी उपलब्ध करवाने के बाद पोस मशीन में ओटीपी नंबर दर्ज कर सत्यापन किया जाएगा. जिसके बाद राशन डीलर की ओर से राशन का वितरण लाभार्थी को पीओएस मशीन से कर दिया जाएगा.

ओटीपी नहीं तो भी देना होगा राशन

वहीं, कोई भी लाभार्थी उचित मूल्य दुकानदार को तय समय सीमा में ओटीपी उपलब्ध नहीं करवा पाता है तो डीलर की ओर से पीओएस मशीन पर उपलब्ध करवाए गए निर्धारित कारणों में से किसी एक कारण को चुनते हुए राशन का वितरण करना होगा. महाजन ने बताया, कि बिना ओटीपी के किए गए सभी ट्रांजेक्शन की प्रविष्टि राशन डीलर की ओर से निर्धारित कारणों सहित रजिस्टर में अंकित करनी होगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऑफलाइन चल रही उचित मूल्य की दुकानों के अलावा राशन वितरण की सभी ट्रांजेक्शन पोस मशीन से ही किए जाएंगे.

अंगूठा लगाने से था कोरोना संक्रमण होने की संभावना

प्रदेश में 26 हजार दुकानों पर लाखों ऐसे उपभोक्ता हैं जो पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गेहूं लेते हैं. सरकार की ओर से बायोमेट्रिक उपस्थिति पर प्रतिबंध लगने के बाद इस योजना पर भी सवाल खड़े हुए थे और इसके कारण कोरोना का संक्रमण फैलने की संभावना जताई गई थी.

राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से इन लाखों गरीब उपभोक्ताओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया था. प्रत्येक दुकान पर लगभग 200 उपभोक्ता पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर राशन का गेहूं ले रहे थे.

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