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Special : मिलावट के खिलाफ 'जंग', 1 जनवरी से राजस्थान में विशेष अभियान...चिकित्सा विभाग के अलावा अन्य विभाग भी करेंगे कार्रवाई

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Published : Dec 31, 2021, 6:13 PM IST

गहलोत सरकार मिलावट को लेकर विशेष अभियान नए साल यानी 1 जनवरी से शुरू करने जा रही है. राजस्थान में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत (War Campaign For Pure in Rajasthan) इस बार चिकित्सा विभाग के अलावा सरकार ने अपने अन्य विभागों को भी शामिल किया है. ऐसे में मिलावटखोरी के खिलाफ प्रदेश में आगामी 90 दिनों तक विशेष अभियान चलाकर मिलावट की रोकथाम का लक्ष्य सरकार की ओर से रखा गया है.

Shudh Ke Liye Yudh Abhiyan Rajasthan
राजस्थान में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान

जयपुर. 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक चलने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत (War Campaign For Pure in Rajasthan) सरकार की ओर से अलग-अलग सरकारी विभागों को शामिल किया गया है. जिसमें चिकित्सा विभाग के अलावा जिला प्रशासन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, माप-तौल विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग और पुलिस महकमे को शामिल किया गया है.

मिलावट की रोकथाम के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय प्रबंधन समिति का भी गठन किया गया है, जिसमें उपखंड अधिकारी विकास अधिकारी को भी शामिल किया गया है. सरकार की ओर से मिलावट को लेकर सूचना देने वाले को 51 हजार की प्रोत्साहन राशि (Reward for Giving Information About Adulteration) देने की घोषणा भी की गई है.

War Campaign For Pure in Rajasthan
दवा में मिलावट करने पर भी कड़ी सजा का प्रावधान...

हाल ही में सरकार की ओर से चलाए जा रहे इस विशेष अभियान को लेकर (Action Plan on Adulterers in Rajasthan) मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश भी जारी किए थे और कहा था कि अभियान के तहत नियमित मॉनिटरिंग जरूरी है और मिलावट को लेकर जितने भी मामले सामने आते हैं उनका निस्तारण 90 दिन के अंदर करना होगा.

पढ़ें : Shudh Ke Liye Yudh Abhiyan Rajasthan: खाद्य सुरक्षा टीम की बड़ी कार्रवाई, शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत 600 किलो लालमिर्च जब्त

प्रदेश की स्थिति...

आंकड़ों की बात की जाए तो राजस्थान में तकरीबन 50 लाख कारोबारी खाद्य सामग्री के विक्रेता और निर्माण से जुड़े हुए हैं. वहीं, सिर्फ 73 खाद्य सुरक्षा अधिकारी ही फील्ड में मौजूद हैं और 98 फूड इंस्पेक्टर की निकाली गई भर्ती आज तक पूरी नहीं हो पाई. हालांकि, त्योहारी सीजन से पहले चिकित्सा विभाग की ओर से मिलावट को लेकर कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन मिलावट करने वाले मिलावटखोरों पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं हो पाती.

इस बार विभाग चलाएगा मिलावट को लेकर विशेष अभियान...

1 जनवरी से 31 मार्च तक चलेगा विशेष अभियान. चिकित्सा विभाग के अलावा अन्य विभागों को भी किया गया इस बार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में शामिल किया गया है. प्रदेश में 50 लाख कारोबारी खाद्य पदार्थ से जुड़े हुए हैं. वहीं, 90 दिन में मिलावट से जुड़ी समस्याओं का निवारण करना होगा. हाल ही में खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर विधानसभा में धाराओं में संशोधन किया गया था. एक्ट लागू होने के बाद मिलावट गैर जमानती अपराध होगा, साथ ही जुर्माने के साथ सजा का प्रावधान होगा.

पढ़ें : त्योहारी सीजन में बड़ी कार्रवाई, जयपुर में 3 हजार लीटर मिलावटी घी सीज

अब मिलावट गैर जमानती अपराध...

खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए विधानसभा में दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 272 से 276 में संशोधन किया गया है. जिसके बाद मिलावट करना एक गैर जमानती अपराध (Adulteration Will be Non Bailable Offense) होगा, जिसमें अपराधी को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा. जिसमें 1 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान और जुर्माने की राशि तय की गई है.

पढ़ें : ये कैसा शुद्ध के लिये युद्ध ? त्योहारों पर लोग खा लेते हैं मिलावटी मिठाई..बाद में आती है नमूनों की रिपोर्ट

वहीं, मिलावटी दवाओं को भी इस एक्ट में शामिल किया गया है. दवा में मिलावट करने पर भी कड़ी सजा का प्रावधान इस एक्ट में है. यदि कोई खाद्य पदार्थ सब्सटेंडर्ड पाया जाता है तो उसमें 1 से 7 साल की सजा और 10 हजार से अधिक जुर्माना होगा तो वहीं खाने-पीने की चीज यदि Unsafe पाई जाती है तो उसमें 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई जाएगी, साथ ही 50 हजार जुर्माना भी लगाया जाएगा.

जयपुर. 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक चलने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत (War Campaign For Pure in Rajasthan) सरकार की ओर से अलग-अलग सरकारी विभागों को शामिल किया गया है. जिसमें चिकित्सा विभाग के अलावा जिला प्रशासन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, माप-तौल विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग और पुलिस महकमे को शामिल किया गया है.

मिलावट की रोकथाम के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय प्रबंधन समिति का भी गठन किया गया है, जिसमें उपखंड अधिकारी विकास अधिकारी को भी शामिल किया गया है. सरकार की ओर से मिलावट को लेकर सूचना देने वाले को 51 हजार की प्रोत्साहन राशि (Reward for Giving Information About Adulteration) देने की घोषणा भी की गई है.

War Campaign For Pure in Rajasthan
दवा में मिलावट करने पर भी कड़ी सजा का प्रावधान...

हाल ही में सरकार की ओर से चलाए जा रहे इस विशेष अभियान को लेकर (Action Plan on Adulterers in Rajasthan) मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश भी जारी किए थे और कहा था कि अभियान के तहत नियमित मॉनिटरिंग जरूरी है और मिलावट को लेकर जितने भी मामले सामने आते हैं उनका निस्तारण 90 दिन के अंदर करना होगा.

पढ़ें : Shudh Ke Liye Yudh Abhiyan Rajasthan: खाद्य सुरक्षा टीम की बड़ी कार्रवाई, शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत 600 किलो लालमिर्च जब्त

प्रदेश की स्थिति...

आंकड़ों की बात की जाए तो राजस्थान में तकरीबन 50 लाख कारोबारी खाद्य सामग्री के विक्रेता और निर्माण से जुड़े हुए हैं. वहीं, सिर्फ 73 खाद्य सुरक्षा अधिकारी ही फील्ड में मौजूद हैं और 98 फूड इंस्पेक्टर की निकाली गई भर्ती आज तक पूरी नहीं हो पाई. हालांकि, त्योहारी सीजन से पहले चिकित्सा विभाग की ओर से मिलावट को लेकर कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन मिलावट करने वाले मिलावटखोरों पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं हो पाती.

इस बार विभाग चलाएगा मिलावट को लेकर विशेष अभियान...

1 जनवरी से 31 मार्च तक चलेगा विशेष अभियान. चिकित्सा विभाग के अलावा अन्य विभागों को भी किया गया इस बार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में शामिल किया गया है. प्रदेश में 50 लाख कारोबारी खाद्य पदार्थ से जुड़े हुए हैं. वहीं, 90 दिन में मिलावट से जुड़ी समस्याओं का निवारण करना होगा. हाल ही में खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर विधानसभा में धाराओं में संशोधन किया गया था. एक्ट लागू होने के बाद मिलावट गैर जमानती अपराध होगा, साथ ही जुर्माने के साथ सजा का प्रावधान होगा.

पढ़ें : त्योहारी सीजन में बड़ी कार्रवाई, जयपुर में 3 हजार लीटर मिलावटी घी सीज

अब मिलावट गैर जमानती अपराध...

खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए विधानसभा में दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 272 से 276 में संशोधन किया गया है. जिसके बाद मिलावट करना एक गैर जमानती अपराध (Adulteration Will be Non Bailable Offense) होगा, जिसमें अपराधी को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा. जिसमें 1 वर्ष से लेकर 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान और जुर्माने की राशि तय की गई है.

पढ़ें : ये कैसा शुद्ध के लिये युद्ध ? त्योहारों पर लोग खा लेते हैं मिलावटी मिठाई..बाद में आती है नमूनों की रिपोर्ट

वहीं, मिलावटी दवाओं को भी इस एक्ट में शामिल किया गया है. दवा में मिलावट करने पर भी कड़ी सजा का प्रावधान इस एक्ट में है. यदि कोई खाद्य पदार्थ सब्सटेंडर्ड पाया जाता है तो उसमें 1 से 7 साल की सजा और 10 हजार से अधिक जुर्माना होगा तो वहीं खाने-पीने की चीज यदि Unsafe पाई जाती है तो उसमें 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई जाएगी, साथ ही 50 हजार जुर्माना भी लगाया जाएगा.

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