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जयपुरः व्यवसायिक शिक्षा से जुड़े विद्यार्थी की पढ़ाई पर बना संकट, शिक्षकों का प्रदर्शन - जयपुर व्यवसाहिक शिक्षक खबर

जयपुर में सोमवार को व्यवसायिक शिक्षकों ने डेढ़ साल से रुके वेतन को लेकर सीएम, डिप्टी सीएम और शिक्षा संकुल के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. साथ ही प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया.

व्यवसाहिक शिक्षक आंदोलन, Vocational teachers movement
व्यवसाहिक शिक्षक आंदोलन
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Published : Dec 16, 2019, 7:01 PM IST

जयपुर. प्रदेश के 905 सरकारी स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा की तालीम ले रहे दो लाख विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट बनता जा रहा है. दरअसल, 905 स्कूलों में लगे 1800 व्यवसाहिक शिक्षक एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. इन शिक्षकों ने सोमवार को अपने डेढ़ साल से रुके वेतन को लेकर सीएम, डिप्टी सीएम और शिक्षा संकुल के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा.

बता दें कि इन शिक्षकों को पिछले 6 माह से डेढ़ साल तक वेतन नहीं मिला है. कई शिक्षकों का छह माह का वेतन बाकी है, तो कुछ डेढ़ साल से वेतन के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर किस तरह से स्कूलों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई हो रही होगी.

व्यवसाहिक शिक्षकों ने सीएम को ज्ञापन सौंपा

वहीं इन शिक्षकों में शामिल एक महिला शिक्षिका ने बताया कि अब तो हालत यह हो चुके हैं कि उनके पास स्कूल आने जाने तक का किराया नहीं होता है. साथ ही आर्थिक स्थिति भी काफी खराब होती जा रही है. एक ओर तो जहां सरकार व्यवसायिक शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ हालत ये है कि व्यवसाहिक शिक्षा से जुड़ी पुस्तक पिछले कई सालों से नहीं मिल रही है.

पढ़ें: भाजपा के उपवास से गायब रहे शहर अध्यक्ष और सांसद, वसुंधरा राजे की गैर मौजूदगी भी चर्चा का विषय

साथ ही इन शिक्षकों को ने चेतावनी दी है कि जब तक वेतन नहीं दिया जाता, तब तक धरना दिया जाएगा. जिसका सीधा असर बच्चों की परीक्षाओं पर पड़ेगा. आपको बता दें कि कक्षा 9 से 12 के बच्चों को व्यवसाहिक शिक्षा पढ़ाई जा रही है और फरवरी में बोर्ड परीक्षा होनी है. लेकिन स्कूलों में 75 प्रतिशत यानी कि अर्धवार्षिक परीक्षा तक का ही पाठ्यक्रम पूरा हो सका है. सरकार की अनदेखी से लाखों विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट बना हुआ है.

जयपुर. प्रदेश के 905 सरकारी स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा की तालीम ले रहे दो लाख विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट बनता जा रहा है. दरअसल, 905 स्कूलों में लगे 1800 व्यवसाहिक शिक्षक एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. इन शिक्षकों ने सोमवार को अपने डेढ़ साल से रुके वेतन को लेकर सीएम, डिप्टी सीएम और शिक्षा संकुल के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा.

बता दें कि इन शिक्षकों को पिछले 6 माह से डेढ़ साल तक वेतन नहीं मिला है. कई शिक्षकों का छह माह का वेतन बाकी है, तो कुछ डेढ़ साल से वेतन के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर किस तरह से स्कूलों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई हो रही होगी.

व्यवसाहिक शिक्षकों ने सीएम को ज्ञापन सौंपा

वहीं इन शिक्षकों में शामिल एक महिला शिक्षिका ने बताया कि अब तो हालत यह हो चुके हैं कि उनके पास स्कूल आने जाने तक का किराया नहीं होता है. साथ ही आर्थिक स्थिति भी काफी खराब होती जा रही है. एक ओर तो जहां सरकार व्यवसायिक शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ हालत ये है कि व्यवसाहिक शिक्षा से जुड़ी पुस्तक पिछले कई सालों से नहीं मिल रही है.

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साथ ही इन शिक्षकों को ने चेतावनी दी है कि जब तक वेतन नहीं दिया जाता, तब तक धरना दिया जाएगा. जिसका सीधा असर बच्चों की परीक्षाओं पर पड़ेगा. आपको बता दें कि कक्षा 9 से 12 के बच्चों को व्यवसाहिक शिक्षा पढ़ाई जा रही है और फरवरी में बोर्ड परीक्षा होनी है. लेकिन स्कूलों में 75 प्रतिशत यानी कि अर्धवार्षिक परीक्षा तक का ही पाठ्यक्रम पूरा हो सका है. सरकार की अनदेखी से लाखों विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट बना हुआ है.

Intro:जयपुर- प्रदेश के 905 सरकारी स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा की तालीम ले रहे दो लाख विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट बनता जा रहा है। दरअसल, 905 स्कूलों में लगे 1800 व्यवसाहिक शिक्षक एक बार फिर आंदोलन की राह पर है। इन शिक्षकों को पिछले 6 माह से डेढ़ साल तक वेतन नहीं मिला है। कई शिक्षको का छह माह का वेतन बाकी है तो कुछ डेढ़ साल से वेतन के लिए तरस रहे है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर किस तरफ स्कूलों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई हो रही होगी। आज इन शिक्षकों ने सीएम, डिप्टी सीएम और शिक्षा संकुल में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।


Body:वही इन शिक्षकों में शामिल एक महिला शिक्षिका ने बताया कि अब तो हालत यह हो चुके हैं कि उनके पास स्कूल आने जाने तक का किराया नहीं होता है साथ ही आर्थिक स्थिति भी काफी खराब होती जा रही है। एक और तो जहां सरकार व्यवसायिक शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट की बात करती है तो वहीं दूसरी और हालत ये है कि व्यवसाहिक शिक्षा से जुड़ी पुस्तक पिछले कई सालों से नहीं मिल रही है साथ ही इन शिक्षकों को ने चेतावनी दी है कि जब तक वेतन नहीं दिया जाता जब तक धरना दिया जाएगा। जिसका सीधा असर बच्चों के परीक्षाओं पर पड़ेगा। आपको बता दे, कक्षा 9 से 12 के बच्चों को व्यवसाहिक शिक्षा पढ़ाई जा रही है और फरवरी में बोर्ड परीक्षा होनी है लेकिन स्कूलों में 75 प्रतिशत यानी कि अर्धवार्षिक परीक्षा तक का ही पाठ्यक्रम पूरा हो सका है। सरकार की अनदेखी से लाखों विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट बना हुआ है।

बाईट- भाग्यमल पंवार, वोकेशनल टीचर
बाईट- ललिता, वोकेशनल टीचर
बाईट- देवेंद्र जाट, वोकेशनल टीचर


Conclusion:
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